मीडिया पूरे समाज का प्रतिबिम्ब है. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


शनिवार, 24 अगस्त 2013

मीडिया पूरे समाज का प्रतिबिम्ब है.

सोशल मीडिया के अविवेकपूर्ण इस्तेमाल पर सावधान करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि छानबीन करना मीडिया का स्वभाव है, लेकिन उसे आरोपों के जाल में नहीं फंसना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंधेरे में तीर चलाना खोजी पत्रकारिता का विकल्प नहीं है।

राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र के उद्घाटन के मौके पर सिंह के साथ मौजूद संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मीडिया कभी-कभी राजनीतिक व्यवस्था को असहज बना देता है। सिंह ने कहा कि मीडिया केवल कारोबारी गतिविधि का आईना नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज का प्रतिबिम्ब है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधार और उदारीकरण से आये सामाजिक बदलाव की प्रक्रिया की तरह मीडिया भी इन बदलावों से प्रभावित हुआ है। बदलाव के परिणामस्वरूप निःसंदेह चुनौती आती है। दो दशकों से आये सामाजिक-आर्थिक बदलावों से उत्पन्न चुनौतियों तक पहुंच बनाने, उनसे निपटने और उबरने की मीडिया उद्योग से जुडे लोगों की विशेष जिम्मेदारी है।

सिंह ने कहा कि इस जिम्मेदारी का निर्वहन करते समय सतर्क रहने की आवश्यकता है। छानबीन करना मीडिया का स्वभाव है, लेकिन उसे आरोपों के जाल में नहीं फंसना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंधेरे में तीर चलाना खोजी पत्रकारिता का विकल्प नहीं है।

कोई टिप्पणी नहीं: