बिहार : पति रोगग्रस्त,पत्नी गर्भवर्ती और बच्चा कुपोषित - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 26 अगस्त 2013

बिहार : पति रोगग्रस्त,पत्नी गर्भवर्ती और बच्चा कुपोषित

  • बहन के पुत्र के हवाले कुपोषित बच्चा को थमा कर रद्दी कागज चुनने जाती हैं जुली

bihar mahadalit
पटना। राजधानी से कुछ ही दूरी पर एल.सी.टी.घाट मुसहरी है। यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महादलित मुसहर समुदाय के लोग फटेहाल स्थिति में रहते हैं। मुसहरी के सामने गंगा टावर अपार्टमेंट है। अपार्टमेंट के बगल में जाकर गरीबी और लाचारी को देखा जा सकता है। पटना सदर प्रखंड के उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत में एल.सी.टी.घाट अवस्थित है। इस क्षेत्र में छोटे-बड़े कई हॉस्पीटल और डॉट्स केन्द्र है। इसके रहते पति मोती मांझी, पत्नी सुकुमारी देवी, पुत्री सीता देवी और दामाद सुरेन्द्र मांझी को टी.बी. ने लील लिया। अब स्व. मोती मांझी के शंकर मांझी (19 साल) रोगग्रस्त हो गये हैं। मां-बाप के परलोक सिधार चुकने के बाद शंकर मांझी ही कमाऊ पुत्र बनकर रद्दी कागज आदि चुनकर और बेचकर पत्नी जुली देवी और शिशु शाही कुमार (1 साल) का दूध की व्यवस्था किया करता था। बीमार पड़ने से दो जून की रोटी मिलना मुश्किल होने लगा है।

रोगग्रस्त पति शंकर मांझी, गर्भवर्ती पत्नी जुली देवी और शाही कुमार  कुपोषित हो गया है। इस घर को खेवनहार की जरूरत है। जो समस्यांत कर सके। किसी तरह से जुली देवी ने 2 सौ रूपए जुगाड़ कर पायी  थी। मुसहरी की रीता देवी के सहयोग से जुली देवी ने अपने पतिदेव शंकर मांझी को कुर्जी होली फैमिली हॉस्पीटल के सामुदायिक स्वास्थ्य एवं ग्रामीण विकास केन्द्र में 14 अगस्त,2013 को डाक्टर से दिखाने ले गयी थीं। 20 रूपए देकर कार्ड बनाया गया। 55 रूपए की दवा और 140 रूपए का रक्त जांच कराया गया। इस गरीब के नाम से 20 रूपए की रियायत दी गयी। चिकित्सक ने एचआईवी जांच कराने का परामर्श दिया था। राशि के अभाव में जांच नहीं की गयी।

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जुली देवी बताती है कि उसके पतिदेव शंकर मांझी को सिर में दर्द और सिर चक्करा जाता है। लगता है कि धरती चक्कर काट रही है। इस तरह कमजोरी से भी हो सकता है। यह सब चिकित्स के जांच से ही पता चलेगा कि किस रोग से शंकर पीड़ित हैं। शंकर मांझी के बीमारी के कारण 4 माह के गर्भधारण जुली देवी को कूड़ों के ढेर पर जाकर रद्दी कागज चुनकर और बेचकर तकदीर बनायी जा रही है। अपने शिशु शाही कुमार  को बहनपुत विकास कुमार के हवाले करके कूड़ों के ढेर से रद्दी कागज चुनने चली जाती है। एक तरफ रोगग्रस्त पति और दूसरी ओर शिशु की जिदंगी दांव पर लग गया है। यह सब सोचकर जुली देवी की सुन्दरता और तंदुरूस्ती जाती जा रही है।



(आलोक कुमार)
पटना 

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