गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनके 72 घंटे का अल्टीमेटम वापस लेने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि वे अपने रुख पर अड़ी रहती हैं तो रक्तपात होगा। ममता ने दार्जिलिंग पवर्तीय क्षेत्र में बंद खत्म करने के लिए जीजेएम को 72 घंटे की मोहलत दी है। जीजेएम के प्रमुख बिमल गुरुं ग ने यहां कहा, "हमने सुना है कि ममता बनर्जी ने 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और बंद खत्म कराने के लिए पुलिस का इस्तेमाल करेंगी। यह सही नहीं है। लाखों की तादाद में लोग सड़कों पर उतर आएंगे। यदि वे लोगों को मारकर अपनी नीति चलाना चाहती हैं तो हम तैयार बैठे हैं।"
गुरुं ग ने कहा, "हम अपने आंदोलन पर निडर होकर कायम रहेंगे। यदि किसी ने भी बल प्रयोग किया तो रक्तपात होगा और उसकी जिम्मेदार ममता होंगी।" उन्होंने आगे कहा, "मैं केंद्र को भी चेतावनी देना चाहूंगा कि अब तक जो भी हुआ है उसकी संपूर्ण जिम्मेदार बंगाल की सरकार है।" बनर्जी से अल्टीमेटम वापस लेने को कहते हुए गुरुं ग ने कहा कि जीजेएम क्षेत्र में जन कर्फ्यू लागू करेगी। गुरुं ग ने कहा, "उन्हें अपना अल्टीमेटम वापस लेना होगा अन्यथा हम यहां जन कर्फ्यू लागू कर देंगे। कोई भी बाहर नहीं आएगा। हर कोई घर में कैद रहेगा। उसके बाद वे जो चाहें कर लें। लेकिन हम अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटेंगे, हमारी मांग गोरखालैंड है।"
जीजेएम प्रमुख ने कहा कि पार्टी बनर्जी के आदेश से झुकने वाली नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार को तेलंगाना की ही तरह गोखरालैंड की मांग पर विचार करना चाहिए। तेलंगाना पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन और कांग्रेस का फैसला आने के बाद गोरखालैंड की मांग ने जोर पकड़ लिया। पिछले शनिवार से जीजेएम के अनिश्चितकालीन बंद के कारण उत्तरी बंगाल का जनजीवन अस्तव्यस्त हो चुका है।
बंद शुरू होने के बाद से करीब 200 जीजेएम कार्यकर्ता, समर्थक गिरफ्तार किए जा चुके हैं। दो लोगों ने आत्मदाह का प्रयास किया जिसमें एक की मौत हो चुकी है।

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