राज्यसभा ने मंगलवार को उस विधेयक को पारित कर दिया, जिसके अनुसार विवाह का पंजीकरण बिना किसी धार्मिक भेदभाव के अनिवार्य है। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक हालांकि अपंजीकृत विवाहों को अमान्य नहीं ठहराएगा।
सिब्बल ने कहा, "संदेश यह है कि विवाह को हर कोई पंजीकृत कराए। लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि अपंजीकृत विवाह अमान्य होंगे।" सिब्बल ने कहा कि कुल मिलाकर विवाह होंगे और कई लोग पंजीकरण नहीं करवाएंगे। यदि दो लोग एक साथ रहना चाहते हैं और विवाह का पंजीकरण नहीं करना चाहते तो वे उसके परिणाम भुगतेंगे। हम उन्हें पंजीकरण के लिए बाध्य नहीं कर सकते।
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