गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां एक तरफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्वतंत्रता दिवस भाषण में कमियां निकाली, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की प्रशंसा की। पूर्व प्रधानमंत्रियों का हवाला देते समय लाल बहादुर शास्त्री के नाम का उल्लेख न करने और भारतीय जवानों की हत्या के मामले पर पाकिस्तान को कड़ा संदेश न देने पर मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमला बोला।
मोदी ने कहा कि बुधवार को देश को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने भ्रष्टाचार पर चिंता जताई। यह बेहतर होता कि प्रधानमंत्री आज भ्रष्टाचार पर कुछ कहते। इसके साथ ही मोदी ने यह भी कहा कि कश्मीर में पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारतीय जवानों की हत्या के मुद्दे पर देश जैसी भाषा की उम्मीद कर रहा था, यदि प्रधानमंत्री वैसी भाषा का इस्तेमाल करते तो सेना का मनोबल बढ़ता।
लाल किले के प्राचीर से मनमोहन सिंह द्वारा जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देने पर मोदी ने कहा, "यह दुखद है कि प्रधानमंत्री ने केवल एक ही परिवार को याद किया। क्या यह बेहतर नहीं होता कि वह सरदार पटेल को भी याद करते।" उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री भी कांग्रेस से ही जुड़े थे, लेकिन मनमोहन सिंह ने उनकी अनदेखी की। मोदी ने कहा कि लोग भ्रष्टाचार से परेशान हैं और थक गए हैं।
मोदी ने प्रणब मुखर्जी के भाषण का उपयोग कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला बोलने के लिए किया। उन्होंने कहा, "मैंने राष्ट्रपति को सुना। मैं उनके दर्द को समझ सकता हूं। राष्ट्रपति की चिताओं के साथ मैं खुद को जोड़ पाता हूं।" मोदी ने कहा कि उन्होंने खाद्य सुरक्षा विधेयक की कमियों को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाने को कहा लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें