मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने गुरुवार को कहा कि भारत की समस्याओं का हल अमीरों की सब्सिडी खत्म करना और उस रकम को नए रोजगार पैदा करने के लिए ढांचागत निर्माण में लगाया जाए। माकपा के मुखपत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है, "इससे रोजगार में तेजी से वृद्धि होगी।" इसमें कहा गया कि इस व्यय से घरेलू मांग बढ़ेगी, जिससे विनिर्माण और उद्योग जगत की वृद्धि तेज होगी।
संपादकीय में रुपये की लगातार गिरती स्थिति पर भी टिप्पणी की गई है और इसके लिए खाद्य सुरक्षा विधेयक को भी जिम्मेदार ठहराया। भारी राजकोषीय घाटे के कारण भयभीत निवेशक भारतीय बाजार से निकल रहे हैं और इसलिए रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। संपादकीय में कहा गया है कि अन्य विकासशील देशों की मुद्रा में भी गिरावट हो रही है। दक्षिण अफ्रीका की मुद्रा रैंड में 23 प्रतिशत की गिरावट हुई है। निश्चित ही उसके लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते।

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