टोक्यो करेगा 2020 ओलंपिक की मेजबानी. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 8 सितंबर 2013

टोक्यो करेगा 2020 ओलंपिक की मेजबानी.

टोक्यो ने दूसरी बार ओलंपिक खेलों की मेजबानी का अधिकार हासिल किया है। फुकुशिमा नाभिकीय संयंत्र से विकिरण की चिंताओं के बावजूद वह दुनिया के सबसे बड़े खेल महाकुंभ के 2020 सत्र की मेजबानी हासिल करने में सफल रहा। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के सदस्यों ने ब्यूनर्स आयर्स में हुई बैठक में इस्तांबुल के बजाय जापान की राजधानी को चुना, जो 1964 में खेलों का आयोजन कर चुकी है। मैड्रिड को शनिवार को नाटकीय ढंग से पहले राउंड के बाद बाहर कर दिया गया था।

लोगों ने टोक्यो में इकट्ठे होकर धूमधाम से जश्न मनाया, जबकि परिणाम तड़के ही निकला। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में जी20 समिट से अर्जेंटीना की राजधानी पहुंचे थे। उन्होंने चिंतित सदस्यों को शहर से 220 किमी (140 मील) की दूरी पर नाभिकीय संयंत्र से सुरक्षा के बारे में बताया और इससे संदूषित पानी के रिसाव की चिंताओं पर भी सदस्यों को आश्वस्त किया। उन्होंने दल को बताया कि हालात काबू में हैं और साथ ही कहा कि इसने कभी भी नुकसान नहीं पहुंचाया और टोक्यो को कभी नुकसान नहीं पहुंचायेगा। टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कारपोरेशन के फुकुशिमा ऑपरेटर ने भी एक अलग संदेश में संभावित विकिरणों के फैलने की चिंताओं को खारिज किया।

आईओसी ने कहा कि टोक्यो को अंतिम फैसले में 60 मत मिले, जबकि इस्तांबुल को 36 वोट मिले। दावेदारी के अंतिम दिन में फुकुशिमा पर चिंतायें काफी बढ़ गई थीं, लेकिन अबे ने आईओसी के सदस्यों को पूरी तरह से आश्वस्त कर दिया। 2011 में भूकंप और सुनामी से फुकुशिमा नाभिकीय संयंत्र को काफी नुकसान हुआ था, जिसमें 18,000 से अधिक लोग मारे गये थे। 

वर्ष 2016 खेलों में रियो डि जिनेरियो ने मेजबानी अधिकार हासिल किये थे, जिसमें टोक्यो तीसरे स्थान पर रहा था। टोक्यो पहले सबसे आगे चल रहा था, क्योंकि उसने सुरक्षित और वित्तीय रूप से सुरक्षित खेलों का वादा किया था। इस फैसले का मतलब है कि यह चौथी बार है जब जापान ओलंपिक की मेजबानी करेगा, इससे पहले उसने नागानो (1998) और सापोरो (1972) में विंटर खेलों का आयोजन किया था। एशिया भी सफल ओलंपिक की मेजबानी करेगा, क्योंकि दक्षिण कोरिया का पेंगचांग रिजॉर्ट 2018 विंटर सत्र का आयोजन करेगा।

मैड्रिड ने जुलाई में लुसाने में आईओसी के सदस्यों को शानदार प्रस्तुतिकरण दिया था और उन्हें रियो डि जिनेरियो की तरह मेजबानी अधिकार हासिल करने की उम्मीद थी, लेकिन वह जीत नहीं सका। स्पेन की अर्थव्यवस्था से जुड़े संशय अंत तक बरकरार रहे और प्रधानमंत्री मरियानो राजॉय का यह कहना भी कि वित्तीय संबंधी कोई समस्या नहीं होगी आईओसी सदस्यों को आश्वस्त नहीं कर सका। इस्तांबुल उम्मीद कर रहा था कि तुर्की ओलंपिक की मेजबानी करने वाला पहला मुस्लिम देश बन जायेगा, लेकिन जून में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के प्रति कड़े रवैये और सीरिया में गह युद्ध ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

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