राजस्थान में जोधपुर की एक अदालत ने आध्यात्मिक गुरु आसाराम बापू की जमानत याचिका पर फैसला बुधवार को सुरक्षित रखा है। आसाराम को 16 वर्षीया लड़की के कथित यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तार किया गया था। जोधपुर जिला अदालत और सत्र न्यायाधीश (ग्रामीण) द्वारा आसाराम (72) को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के फैसले के बाद से वह जोधपुर केंद्रीय कारा में बंद हैं। उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई जोधपुर जिला अदालत और सत्र न्यायाधीश (ग्रामीण) मनोज व्यास ने की।
आसाराम के वकील के.के. मनन ने कहा, "अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।" आसाराम के वकील द्वारा घटना के कुछ दिन बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराए जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर अभियोजन पक्ष के वकील आनंद पुरोहित ने कहा कि लड़की सदमें में थी और शिकायत दर्ज कराने के लिए उसे साहस जुटाने में समय लगा।
इंदौर स्थित आश्रम से गिरफ्तार किए गए आसाराम ने पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करने में भूल किए जाने का दावा करते हुए जमानत याचिका दायर की थी, जिस मामले में जमानत न मिलने का प्रावधान है। पीड़ित लड़की ने आरोप लगाया था कि 15 अगस्त को जोधपुर के बाहर आसाराम के आश्रम में उसका यौन उत्पीड़न किया गया था। आसाराम ने इस आरोप से इंकार किया था।

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