संसद के दोनों सदनों में भारतीय सीमा में चीनी घुसपैठ की खबर पर रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी से बयान की मांग किए जाने को लेकर शुक्रवार को कार्यवाही हंगामेदार रही। लोकसभा में 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसदों ने मामले को उठाते हुए कहा कि चीन भारतीय सीमा में कब्जा कर रहा है। अध्यक्ष द्वारा कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देने का लगातार अनुरोध किए जाने के बावजूद सांसद चुप नहीं हुए जिसके बाद कार्यवाही थोड़ी देर के लिए स्थगित की दी गई।
सदन में कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि उन्होंने यह मामला गुरुवार को उठाया था लेकिन सरकार ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह चीनी सैनिकों के भारतीय सीमा में प्रवेश को रोकने के लिए कदम उठाने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा, "अगर सरकार हमारे हितों को सुरक्षित नहीं रख सकती, उन्हें सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है।"
इस बीच, संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, "यह बेशक गंभीर मसला है लेकिन न सरकार कमजोर है न बेकार। सरकार के पास इस मसले पर छुपाने के लिए कुछ नहीं है।" उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री लोकसभा में अपराह्न एक बजे और राज्यसभा में तीन बजे बयान देंगे। मीडिया की खबरों के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (एनएसएबी) की भेजी गई आधिकारिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सैनिकों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में गश्ती की इजाजत नहीं दी जा रही है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कथित रूप से बताया है कि चीन ने भारतीय सीमा के 640 वर्ग किलोमीटर हिस्से पर कब्जा कर लिया है। हालांकि, एनएसएबी मीडिया के इस दावे को खारिज कर रहा है। इधर, राज्यसभा में भाजपा नेता एम.वेंकैयानायडु ने इसे गंभीर मसला करार देते हुए रक्षा मंत्री से बयान देने की मांग की। उन्होंने कहा, "संसद भारत-चीन सीमा में हो रही घटना पर मूक दर्शक नहीं बनी रह सकती।"

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