संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने संकेत दिए कि महत्वपूर्ण विधेयकों के लंबित रहने के कारण संसद के मॉनसून सत्र की अवधि को एक बार और बढ़ाया जा सकता है.
कमलनाथ ने बुधवार को संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यदि जरूरत हुई तो हम संसद के मॉनसून सत्र को बढ़ा सकते हैं. महत्वपूर्ण विधेयक लंबित हैं और उन्हें पारित किया जाना जरूरी है. मुझे उम्मीद है कि सभी राजनीतिक दल इस बात को मानेंगे और सहयोग करेंगे.’’ सूत्रों ने बताया कि सरकार सत्र की अवधि बढ़ाने के लिए भाजपा और अन्य दलों के संपर्क में है.
भूमि अधिग्रहण विधेयक राज्यसभा में लंबित है और यदि उच्च सदन नए संशोधनों को पारित करता है तो विधेयक को लोकसभा को वापस भेजना होगा. बताया जाता है कि सरकार ने भाजपा के चार संशोधनों को स्वीकार कर लिया है. सरकार इसके साथ ही महत्वपूर्ण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (संशोधन) विधेयक, पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण विधेयक तथा आरटीआई संशोधन विधेयक को पारित कराने की इच्छुक है. मॉनसून सत्र की अवधि 30 अगस्त को समाप्त होनी थी लेकिन इसे छह सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया. अब केवल दो दिन शेष बचे हैं लेकिन कई विधेयक अभी भी लंबित हैं. ऐसे में सरकार सत्र की अवधि को फिर से बढ़ाना चाहती है.

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