प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग शहर रवाना हो गए। वह इस दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों विशेषकर मुद्रा बाजारों में मची हलचल से निपटने के उपाय ढूंढेंगे। सम्मेलन और द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेने के अलावा यह दौरा मनमोहन सिंह को ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों के नेताओं से मिलने का अवसर प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री शनिवार को भारत लौटेंगे।
आठवें जी-20 शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय गुणवत्तापूर्ण रोजगार और निवेश, विश्वास एवं पारदर्शिता और प्रभावी नियमन के जरिए विकास का नया चक्र शुरू करना है। इससे पूर्व के सम्मेलन वाशिंगटन, लंदन, पिट्सबर्ग, टोरंटो, सियोल, कान और लास कैबोस में आयोजित हुए हैं।
भारत के अलावा जी-20 देशों में अर्जेटीना, आस्टे्रलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं। पूर्वी एशिया में आए आर्थिक संकट के बाद 1999 में वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के स्तर पर गठित हुए जी-20 समूह ने 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान इसके शिखर स्तरीय मंच के रूप में उभरने के बाद प्रतिष्ठा पाई है।
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