दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को लश्कर-ए-तैयबा (लश्कर) के बम उस्ताद और आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा को पांच दिनों की पुलिस हिरासत में सौंप दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) धर्मेश शर्मा ने टुंडा (70) को 8 सितंबर तक पुलिस हिरासत में सौंप दिया। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से छुट्टी मिलने के बाद टुंडा को कड़ी सुरक्षा में अदालत में पेश किया गया। टुंडा को इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था।
दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने टुंडा की पांच दिनों की हिरासत के लिए अदालत से गुजारिश की थी। पुलिस ने कहा कि उसके आतंकवादी रिश्तों को खंगालने के लिए पूछताछ जरूरी है। पुलिस ने कहा कि उन्नत विस्फोटक उपकरण (आईईडी) तैयार करने में जो तेल वह इस्तेमाल में लाता था उसे वह कहां से हासिल करता था इसके बारे में पूछताछ जरूरी है।
पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि पहले की हिरासती पूछताछ में टुंडा ने कहा था कि वह पुरानी दिल्ली के तिलक बाजार में स्थित एक दुकान से तेल खरीदा करता था। पुलिस ने कहा, "आरोपी अब्दुल करीम से तेल के स्रोत के बारे में पूछताछ की जानी है। यह तेल टुंडा के भाई अब्दुल हक की दुकान से बरामद हुआ था। इस तेल का इस्तेमाल आईईडी तैयार करने में किया जाता था।"
पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि जांच के सिलसिले में टुंडा को कर्नाटक और पश्चिम बंगाल भी ले जाने की जरूरत है। लश्कर के इस आतंकी पर देश भर में हुए 40 से ज्यादा बम विस्फोटों में उसका हाथ होने का संदेह है।

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