अक्षम अधिकारी पुलिस बल में क्यों हैं : कलकत्ता हाई कोर्ट - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 5 सितंबर 2013

अक्षम अधिकारी पुलिस बल में क्यों हैं : कलकत्ता हाई कोर्ट

kolkata high court
 कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को शहर पुलिस की 'अक्षम अधिकारियों' को लेकर खिंचाई की। अदालत ने मानसिक रूप से रुग्न एक महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले की घटिया जांच पर प्रतिक्रिया जाहिर की। पीड़िता के परिवार की जांच एजेंसी बदलने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजीब बनर्जी ने पुलिस को मानसिक रुग्नता का दस्तावेज मुहैया नहीं कराने के आधार पर जांच जारी नहीं रखने के लिए फटकार लगाई।

अदालत ने पूछा, "ऐसे अक्षम अधिकारी पुलिस बल में क्यों बने हुए हैं।" अदालत ने पूर्वी उपशहरी संभाग के पुलिस उपायुक्त को यह बताने का निर्देश दिया है कि जांच अधिकारी को क्यों बनाए रखा गया है। न्यायमूर्ति बनर्जी ने पूछा, "बीमार होने का प्रमाणपत्र का जांच से क्या लेनादेना है।" पीड़िता (26) को शहर के उल्टाडांगा स्थित उसके घर से अगस्त 2012 को अपहरण कर लिया गया था और फिर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया।

परिवार के वकील अर्क पी. चौधरी ने कहा, "एक वर्ष से ज्यादा समय बीत चुका है और पुलिस ने अभी तक सिर्फ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वे जांच को लेकर गंभीर नहीं हैं और बेकार का बहाना बनाते हैं। इसलिए हम अदालत की शरण में आए हैं कि जांच किसी और जांच एजेंसी के हवाले की जाए।"

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