सीबीआई कोयला घोटाले की स्टेटस रिपोर्ट सुओरिम कोर्ट को सौंपेगी. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


सोमवार, 21 अक्टूबर 2013

सीबीआई कोयला घोटाले की स्टेटस रिपोर्ट सुओरिम कोर्ट को सौंपेगी.

हिंडाल्को को कोयला ब्लॉक आवंटन की जिम्मेदारी स्वीकार करने के बाद प्रधानमंत्री से पूछताछ होना पक्का माना जा रहा है। अब सीबीआई उनसे पूछताछ के बिना केस बंद भी नहीं कर सकती है।

उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला के खिलाफ एफआईआर पर चौतरफा हमले ने सीबीआई को बैकफुट पर ला दिया है। जांच एजेंसी बिड़ला पर एफआईआर के लिए कोयला घोटाला मामले पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी को जिम्मेदार ठहरा रही है। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई 22 अक्टूबर को कोयला घोटाला मामले की स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप देगी।

सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अदालत की फटकार के डर से कई बार कम सुबूतों के बावजूद एफआइआर दर्ज कर ली जाती है। उन्होंने स्वीकार किया कि हिंडाल्को को कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए तत्कालीन कोयला सचिव पीसी पारेख को रिश्वत या अन्य लाभ पहुंचाने का कोई सबूत नहीं मिला है, लेकिन यह भी सच है कि पारेख ने स्क्रीनिंग कमेटी के फैसले के बदलते हुए आवंटन का अनुमोदन किया था। यह पद का दुरुपयोग कर किसी को अनुचित लाभ पहुंचाने की श्रेणी में आता है।

एफआईआर के लिए ये शुरुआती सबूत काफी हैं और जांच अधिकारियों ने यही किया। उनके अनुसार सुप्रीम कोर्ट की निगरानी नहीं होती, तो इतने कम सुबूतों के आधार पर मामला दर्ज नहीं होता। एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई के पास वापस लौटने का रास्ता बंद हो गया है। केस बंद करने के लिए भी एजेंसी को पहले पीएम से पूछताछ करनी पड़ेगी। गौरतलब है कि शनिवार को प्रधानमंत्री ने पूरी जिम्मेदारी लेते हुए हिंडाल्को को कोयला ब्लॉक आवंटित करने के फैसले को सही ठहराया था। प्रधानमंत्री से पूछताछ के बाद सीबीआई ट्रायल कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट तो लगा सकती है, जिसकी संभावना ज्यादा है, लेकिन क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करना या न करना ट्रायल कोर्ट के हाथ में है।

कोई टिप्पणी नहीं: