ब्रिटेन का एक प्रतिष्ठित नीलामी घर पांच नवंबर को यरवदा जेल में महात्मा गांधी द्वारा प्रयोग किये गये चरखे की नीलामी करेगा और इसकी न्यूनतम कीमत 60 हजार पाउंड रखी गई है। बापू ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पुणे की जेल में कैद रहते हुए इस चरखे का उपयोग किया था।
यह चरखा अमेरिकन फ्री मेथडिस्ट मिशनरी के पफर को दिया गया था। पफर भारतीय शिक्षण एवं औद्योगिक पहलों के अगुवा रहे हैं। गांधी ने भारत में पफर के कार्यों के लिए उन्हें चरखा दिया था।
नीलामी घर मुलोक के विशेषज्ञ रिचर्ड वेस्टवुड ब्रूक्स ने कहा कि यह गांधी के सबसे कीमती सामानों में से एक है क्योंकि उन्होंने इस पर खुद काम किया था। उन्होंने यरवदा जेल में भारत की स्वतंत्रता और अधिकारों के लिए लड़ते हुए इस चरखे का प्रयोग किया था।
यह निश्चित रूप से गांधी से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण वस्तु में से एक है। मुलोक गांधी से जुड़ी 60 से अधिक वस्तुओं की नीलामी करेगा जिसमें महत्वपूर्ण दस्तावेज, तस्वीरें और पुस्तकें शामिल हैं। इस नीलामी में सिख ओर मैसूर राजवंश से जुड़ी टीपू सुल्तान के 19वीं सदी के एक चित्र सहित कुछ ऐतिहासिक वस्तुएं शामिल होंगी।
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