छात्र व जनहित में क्षतिग्रस्त पुल की जीर्णोद्धार की मांग
नरकटियागंज (अवधेश कुमार शर्मा) अनुमण्डलीय शहर को सिकटा-मैनाटांड से जोडने वाली प्रख्यात नरकटियागंज-बल्थर सड़कमार्ग के पण्डयी नदी पर स्थित स्क्रूपाईल पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण कभी भी कोई अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता है। कई बार शहर के व क्षेत्र के आम वो खास लोगांे ने सरकार व प्रशासन का ध्यान उक्त जर्जर पुल की ओर आकृृष्ट करने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हुए। गौरतलब है कि उक्त पुल का उपयोग कर हजारों छात्र-नौजवान शिक्षा ग्रहण करने व रोजी की तलाश में नरकटियागंज आते है। इन बातों को गंभीरता से लेते हुए छात्र समागम बिहार और उसकी जिला व स्थानीय इकाई के पदाधिकारियों ने जिला पदाघिकारी अभय सिंह से उपर्युक्त जर्जर पुल के जीर्णोद्धार की मांग की है। छात्र समागम ने जिला प्रशासन से कहा है कि कठघरवा-नरकटियागंज के बीच स्थित पंडई नदी पुल की जर्जरता के कारण छोटी-बड़ी दुर्घटनाएँ हो चुकी है। इस आशय की जानकारी विभिन्न समाचारपत्रों के माध्यम से सरकार व प्रशासन को कई बार दिया जा चुका है। इस लिय किसी भयंकर दुर्घटना के पूर्व समय रहते जर्जर पुल का जीर्णोद्धार कर दिया जाए ताकि भविष्य में कोई अप्रिय घटना नहीं हो। छात्र समागम के पत्रांक 4/13 के माध्यम से बिहार प्रदेश छात्र समागम के उपाध्यक्ष मनौवर आलम, जिला महासचिव ओमजी मिश्र, प्रखण्ड अध्यक्ष नरकटियागंज आशीष मिश्र, सरफराज अहमद नगर अध्यक्ष और टीपी वर्मा काॅलेज के अध्यक्ष शमशाद आलम ने जिला प्रशासन से शीघ्रताशीघ्र जर्जर पुल की मरम्मत की मांग की है।
राजभर समुदाय की राजनैतिक प्रतिबद्धता
नरकटियागंज(अवधेश कुमार शर्मा) स्थानीय शहर के पोखरा चैक स्थित रामजानकी मंदिर परिसर में प्रमोद राजभर की अध्यक्षता में राजभर समुदाय की बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें बगहा में 4 अक्टूबर 13 को सम्पन्न अतिपिछड़ा अधिकार रैली में लिए गये निर्णय से स्थानीय राजभर समुदाय के लोगों को अवगत कराया गया। राजभर समुदाय के लोगो की 5 सूत्री मांगों में अतिपिछड़ी जाति के किसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाना, अतिपिछड़ी जाति का अजा की दर्जा देने, जाति की जनसंख्या के आधार पर लोकसभा व विधान समा में आरक्षण, अतिपिछड़ी जाति के लोगों को सरकारी सेवाओं में प्रोन्नति देने और देश के लोकसेवाओं में अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त करना है। उक्त बैठक में नरकटियागंज क्षेत्र के वैसे कार्यकर्ता शामिल हुए जो बगहा की रैली में नहीं जा सके थे।
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