छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों को 2 माह से पगार का इंतजार, फीका है त्यौहार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


सोमवार, 7 अक्टूबर 2013

छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों को 2 माह से पगार का इंतजार, फीका है त्यौहार

chhatisgarh map
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में कार्यरत सैकड़ों शिक्षाकर्मियों को दो माह से पगार ही नहीं मिली है। इस बार का दशहरा उनके लिए फीका रहेगा। इसको लेकर शिक्षाकर्मियों में बेहद आक्रोश है। रायपुर जिला पंचायत के अंतर्गत कई विकासखंडों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत शिक्षाकर्मियों का वेतन जुलाई माह से रुका हुआ है। मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में तो और भी बुरा हाल है, वहां शिक्षाकर्मी रिश्तेदारों से कर्ज मांगकर घर का खर्च चलने को विवश हैं। जानकारी के मुताबिक, रायपुर जिले के सिमगा, धरसीवां, भाटापारा, तिल्दा, पलारी, आरंग, देवभोग, छुरा, गरियाबंद सहित विभिन्न जनपद पंचायतों में जुलाई और अगस्त से शिक्षाकर्मियों को वेतन नहीं मिला है। 

सिमगा के शिक्षाकर्मियों ने बताया कि शिक्षा विभाग के शिक्षकेतर कर्मियों को जुलाई व अगस्त तक की पगार मिल गई है, जबकि शिक्षकों को इससे वंचित रखा गया है। इसी तरह कई जनपदों में मेडिकल सहित विभिन्न बिल लंबे समय से लंबित हैं। उधर, राजनांदगांव जिले में राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अंतर्गत स्कूलों में पढ़ाने वाले ढाई हजार शिक्षाकर्मियों का वेतन पिछले पांच माह से अटका पड़ा है। वे अफसरों के यहां चक्कर लगाकर थक गए हैं, लेकिन विभाग द्वारा अब तक राशि जारी नहीं की गई है। कई शिक्षकों को तो तीन से पांच फीसदी ब्याज पर कर्ज लेकर घर का खर्च चलाना पड़ रहा है। 

मिशन के अंतर्गत 399 प्राइमरी स्कूल और 299 मिडिल स्कूल आते हैं। इनमें वर्ग-दो ओर तीन मिलाकर करीब ढाई हजार शिक्षाकर्मी पढ़ाते हैं। इन शिक्षाकर्मियों का वेतन मई से ही बकाया है। लगातार इतने दिनों तक वेतन नहीं मिलने से उनका बुरा हाल है। छुईखदान ब्लॉक के कई शिक्षक वेतन न मिलने की शिकायत कलेक्टर से कर चुके हैं फिर भी वेतन उनके खाते में नहीं आ पाया है। 

परियोजना अधिकारी बी.एल. र्कुे का कहना है कि मिशन के शिक्षाकर्मियों के लिए वेतन आवंटन बैंक को भेजा गया है। एक अक्टूबर को ही भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से यह प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। बैंक की प्रक्रिया में ही देरी हो रही है। उम्मीद है, एक-दो दिन में राशि खाते में चली जाएगी।  बहरहाल, लंबे समय से वेतन नहीं मिलने से इन शिक्षाकर्मियों के साथ-साथ इनके परिजनों का आक्रोश विधानसभा चुनाव पर असर डाल सकता है।

कोई टिप्पणी नहीं: