
पाकिस्तान द्वारा लगातार संघर्ष विराम उल्लंघन पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सख्त तेवर दिखाए हैं। उमर ने कहा है कि अगर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है, तो हमें उसे जवाब देना चाहिए। अगर पाक सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी रखता है तो केंद्र सरकार को दूसरे विकल्प तलाशने चाहिए।
उमर ने भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच न्यूयॉर्क में हुई बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह ने भारत की चिंताओं को अच्छी तरह रखा था। साथ ही एक व्यवस्था पर विचार किया गया था। इसमें दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) द्वारा नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए चर्चा की बात कही गई थी। मगर अब तक ऐसा नहीं हुआ है।
उमर ने कहा कि आज गांव सुनसान हो रहे हैं। लोग अपने खेत और घर छोड़ रहे हैं, बच्चे स्कूल जाना बंद कर रहे हैं। कारण यह है कि पाकिस्तान संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। उमर ने पाकिस्तानी रेंजर्स और सैनिकों की गोलाबारी के दायरे में स्थित ग्रामीणों की देखरेख की विशेष जिम्मेदारी उपमुख्यमंत्री तारा चंद को दी है।
पाक सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर में रविवार रात सीमा से लगी 10 सीमा चौकियों पर मोर्टार से गोले दागे और भारी गोलीबारी की। इसमें दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। बीएसएफ के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पाक रेंजरों ने जम्मू और सांबा जिले के अग्रिम इलाकों आरएस पुरा, रामगढ़, कानाचक, अर्निया और चेकीनेक में स्वचालित हथियारों से रात भर गोलीबारी की।
रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सोमवार को अचानक सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह को संघर्ष विराम उल्लंघन पर जानकारी देने के लिए बुला लिया। जनरल सिंह उस समय वरिष्ठ कमांडरों की उच्चस्तरीय बैठक ले रहे थे, लेकिन एंटनी के कार्यालय से सूचना मिलते ही वह बैठक से चले गए।
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