झारखंड में भोजपुरी का विरोध कर मंत्री झेल रहीं आलोचना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 21 अक्टूबर 2013

झारखंड में भोजपुरी का विरोध कर मंत्री झेल रहीं आलोचना


geeta shree oraon
भोजपुरी भाषा में परीक्षा देने वाले छात्रों को अयोग्य घोषित करने वाला बयान देने वाली झारखंड सरकार की मंत्री गीताश्री उरांव की सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने जमकर आलोचना की। हाल ही में संपन्न शिक्षक अर्हता परीक्षा (टीईटी) के परिणाम को स्थगित करने से संबंधित सवाल के जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्री ने रविवार को संवाददाताओं के समक्ष भोजपुरी विरोधी बयान दिया था।  मंत्री ने कहा कि कुछ छात्रों ने परीक्षा में भोजपुरी भाषा में उत्तर लिखे हैं। जिन छात्रों ने भोजपुरी को चुना है वे अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे। 


उन्होंने कहा कि भोजपुरी राज्य की दूसरी भाषा में शामिल नहीं है और जिन्होंने परीक्षा में भोजपुरी को चुना है उनको अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।  झारखंड में 11 भाषाओं को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया गया है। परीक्षा में शामिल हुए छात्रों को कई अन्य भाषाओं के साथ ही भोजपुरी में भी जवाब लिखने की छूट थी। 



कांग्रेस के एक नेता ने वार्ता में मंत्री के इस बयान को बचकाना बताया। उन्होंने कहा कि सरकार की गलती के लिए छात्रों को क्यों दंड दिया जाए। गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता विनोद पांडेय ने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे कि मंत्री ने कैसे इस तरह का बयान दिया। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. सिंह ने कहा कि मंत्री के इस तरह के बयान से सामाजिक सद्भाव पर असर पड़ेगा। 

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