दशहरे के मौके पर हर तरफ रावण के पुतलों का दहन किया जाता है, मगर इस बार इंदौर में रावण के माथे पर त्रिकुट के निशान वाले और जनेउ व धोतीधारी पुतले का दहन न करने का आहवान किया गया है। इसे हिंदू परंपरा के खिलाफ बताया गया है। सर्व ब्राह्मण युवा परिषद के संयोजक विकास उपाध्याय ने रावण का पुतला दहन करने वालीं नगर की छह प्रमुख समितियों को अपने अधिवक्ता सुनील गुप्ता के जरिए नोटिस भेजकर बिना त्रिकुट, जनेउ और धोती के पुतलों का दहन करने का आहवान किया है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि अगर ऐसा किया गया तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे।
उपाध्याय का कहना है कि माथे पर त्रिकुट का निशान, जनेउ और धोती हिंदू धर्मावलंबियों के लिए आस्था का प्रतीक है और इसे जलाने से धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं, लिहाजा रावण के पुतलों का दहन करने वालों को आम लोगों की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए।
उन्होंने बताया है कि नगर में छह प्रमुख स्थानों पर रावण के पुतलों का दहन किया जाता है, इसलिए उन्होंने सभी समितियों को नोटिस भेजकर आगाह किया है कि वे त्रिकुट, जनेउ और धोतीधारी पुतलों का दहन न करें, अगर वे ऐसा करेंगे तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का सहारा लिया जाएगा।
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