एमेनेस्टी इंटरनेशनल ने बुधवार को भारत सरकार से मृत्युदंड की सजा पाए लोगों की सजा को उम्रकैद में बदलने और फांसी पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया। एमेनेस्टी की यह अपील गुरुवार को मनाए जाने वाले मृत्युदंड विरोधी दिवस के एक दिन पहले आई है। एमेनेस्टी ने कहा है कि भारत में कम से कम 23 लोग ऐसे हैं जिन्हें फांसी दी जानी है।
मृत्युदंड की सजा पाए 18 लोग फांसी की कगार पर हैं और इन लोगों ने दया याचिका के निस्तारण में देरी के आधार पर मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील किए जाने की मांग की है। इन लोगों की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में 22 अक्टूबर को एक साथ सुनवाई शुरू होगी।
अन्य पांच लोग जिनकी दया याचिका ठुकराई जा चुकी है, वे भी फांसी के खतरों का सामना कर रहे हैं। एमेनेस्टी ने कहा है कि भारत में मृत्युदंड की सजा को भारतीय अदालतों ने बार-बार भेदभावपूर्ण, असंगत, पूर्वाग्रही और दोषपूर्ण ठहराया है।
1 टिप्पणी:
बस इसी की कमी थी जहां एक और पहले ही भारत में लोग प्रशासन और कानून व्यवस्था को लेकर दुखी थे और अब भी हैं क्यूंकि यहाँ अपराध करें वाले इंसान नहीं दरन्दे हैं वहाँ इस याचिका का समर्थन कम से कम मैं तो नहीं करूंगी और मेरी समझ से कोई भी समझदार इंसान इसका समर्थन नहीं करेगा और करना भी नहीं चाहिए। क्यूंकि पहले ही हमारे यहाँ न्याय मिलने में बहुत देर लगती है ऊपर से मिलेगा भी या नहीं इस बात की भी कोई गारंटी नहीं होती।
ऐसे में जो वास्तव में फांसी की सज़ा के हकदार हैं उनके मन से भी और जिन्हें अब तक कोई सज़ा नहीं हुई है उनके मन से भी कानून का डर जाता रहेगा। जो किसी भी सूरत में ठीक नहीं होगा।
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