भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मार्स ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान को कक्षा से बाहर निकालने की कुल पांच में से तीसरी प्रक्रिया को शुक्रवार देर रात अंजाम दिया।
इसरो ने बताया कि यह प्रक्रिया रात दो बजकर 10 मिनट पर शुरू हुई और अंतरिक्ष यान को 707 सेकेंड के बर्न टाइम के साथ दूरस्थ बिन्दु (धरती से सबसे दूर का बिन्दु) 40,186 किलोमीटर से 71,636 किलोमीटर पर उठा दिया गया।
अंतरिक्ष एजेंसी ने पिछले दो दिन में अंतरिक्ष को मंगल अभियान के तहत कक्षा से बाहर निकलने की पहली दो प्रक्रियाएं सम्पन्न की थीं। यान को कक्षा से बाहर निकालने के लिए पांच प्रक्रियागत अभियानों को अंजाम दिया जाना है। चौथी और पांचवीं प्रक्रिया 11 और 16 नवंबर को होगी जिसके तहत इसकी अधिकतम दूरी बढ़ाकर क्रमश:1 लाख किलोमीटर और 1,92,000 किलोमीटर की जाएगी। इन प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद अभियान के लिए एक दिसंबर का दिन काफी महत्वपूर्ण होगा जब परामंगल अंत:प्रक्षेपण रात करीब 12 बजकर 42 मिनट पर होगा।
इसरो के पीएसएलवी-सी25 ने 1350 किलोग्राम के मंगलयान (मार्स ऑर्बिटर) को गत मंगलवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर दो बजकर 38 मिनट पर प्रक्षेपण के 44 मिनट बाद पथ्वी की कक्षा में भेज दिया था। इसके साथ ही 450 करोड़ रुपये के इस अभियान का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा हो गया था।
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