रक्षा बजट में कटौती का संकेत. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 23 नवंबर 2013

रक्षा बजट में कटौती का संकेत.

देश के रक्षा बजट में संभावित कटौती का संकेत देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि आर्थिक मंदी को देखते हुए सेनाओं को खरीदारी में सावधानी बरतनी होगी और अपनी चादर के अनुसार पैर पसारने होंगे। कम्बाईंड कमांडर्स कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्ष में हमने वृद्धि की कम रफ्तार देखी है और सेनाओं को विरोधियों की ताकत को ध्यान में रखकर सीमित साधनों की उपलब्धता का अनुमान लगाते हुए दीर्घावधि खरीद की योजना बनानी होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दशक के अधिकतर समय में हमारे पास आठ प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर का फायदा था, लेकिन पिछले दो वर्ष में हमने कम रफ्तार वृद्धि देखी और हमें आगे भी अनिश्चित अन्तरराष्ट्रीय आर्थिक माहौल का सामना करना होगा, जिसमें अस्थिर विनिमय दर के उतार चढ़ाव और व्यापार व्यवस्थाओं के बिखरने की आशंका रहेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे इस बात में कतई संदेह नहीं है कि हम अपनी इस मौजूदा आर्थिक मंदी से निकल आएंगे, लेकिन हमें हमारी रक्षा खरीद योजनाओं में सावधानी बरतनी होगी और अपनी चादर के अनुसार पैर पसारने होंगे। आर्थिक मंदी को एक गंभीर चुनौती करार देते हुए उन्होंने कहा कि हमें रक्षा उपकरणों में हमारे निवेश और हमारे राष्ट्रीय संसाधनों में तालमेल बनाना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कवायद को प्राथमिकता और तात्कालिकता को ध्यान में रखकर अंजाम देना होगा।

आर्थिक मंदी के कारण सरकार ने पिछले वर्ष रक्षा बजट में 14000 करोड़ रुपए की कटौती की। इस वर्ष सशस्त्र बलों को 2.06 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया, लेकिन अभी इसमें और कटौती की संभावना है। सशस्त्र बल इस समय आधुनिकता के एक बड़े अभियान के मुहाने पर हैं और अगले पांच से दस साल के बीच सैन्य खरीदारी पर छह लाख करोड़ रुपए खर्च करने के प्रति आशान्वित है।

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