पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक और गुजरात दंगों के वक्त मोदी के सलाहकार केपीएस गिल ने कहा कि गुजरात में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के लिए मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। गिल ने कहा कि गुजरात में कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटना पुलिस नेतृत्व का काम है।
साल 2002 में मोदी के सुरक्षा सलाहकार रह चुके गिल अपनी जीवनी ‘केपीएस गिल: द पैरामाउंट कॉप’ के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। किताब में गिल ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा है कि गुजरात के मुख्यमंत्री हिंसा खत्म करने के लिए गंभीर थे। गिल ने कहा कि देश अभी भी दंगों का दंश झेलने पर मजबूर है। सभी पार्टियां एक ही ढर्रे पर चल रही हैं। केवल गिने चुने नेताओं पर ही देश को विकास की राह पर ले जाने का भरोसा किया जा सकता है।
गिल ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से उनके परिवार के सदस्य नाराज हैं, क्योंकि इस किताब में गुजरात दंगों के लिए मोदी को जिम्मेदार न ठहराकर हालात को समझने में पुलिस की बेबसी और पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दोषी ठहराने की वकालत की गई है। दंगों के दौरान मोदी से पहली मुलाकात का जिक्र करते हुए गिल ने कहा कि मोदी ने उनसे कहा था कि काफी कोशिशों के बाद भी वो दंगा रोकने में नाकाम हैं। उन्होंने पड़ोसी राज्यों से पुलिस फोर्स मांगी, लेकिन उन्होंने देने से इंकार कर दिया। गौरतलब है कि गुजरात दंगों की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में बिशेष जांच दल पूरे मामले की जांच कर रहा है। मोदी की दंगों में भूमिका पर अभी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना बाकी है।

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