उच्चतम न्यायालय ने मतदान के दौरान बहुमत द्वारा उपर्युक्त में से कोई नहीं (नोटा) विकल्प चुने जाने की स्थिति में चुनाव आयोग को नए सिरे से चुनाव कराने का निर्देश देने से आज इनकार कर दिया।
न्यायालय के निर्देश पर नोटा विकल्प हाल ही में लाया गया था, ताकि मतदाताओं को सभी उम्मीदवारों को खारिज करने का भी अधिकार मिल सके। प्रधान न्यायाधीश पी़ सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कानून में संशोधन करना विधायिका का काम है और इस तरह का निर्देश पारित करना काफी जल्दबाजी वाला कदम होगा।
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