तहलका के संपादक तरुण तेजपाल के हाथों अपनी ही पत्रिका की एक पत्रकार का कथित यौन उत्पीड़न करने के मामले में सहयोग नहीं करने के गोवा पुलिस के आरोपों पर पत्रिका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी ने आज कहा कि वह पुलिस से मिलेंगी और उन्होंने जो भी जानकारियां मांगी थी, उसे मुहैया कराने को तैयार हैं।
इस मामले की जांच के लिए गोवा पुलिस के दिल्ली पहुंचने के साथ ही उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मैं सहयोग करती रही हूं और मीडिया में आ रही खबरें गलत हैं। अभी, मैं पुलिस से मिलने जा रही हूं और पुलिस को जो जानकारियां चाहिए थी मैंने वह पहले ही भेज दिए हैं। मैंने आज सुबह उन्हें एक मेल भेजा है और मैं सामग्री भी भेज दूंगी।
इससे पहले चौधरी ने कल कहा था कि इस मामले में पीड़िता को फैसला करना है और ऐसे में वह पुलिस के पास नहीं जाएंगी। हालांकि आज उन्होंने कहा कि राज्य ने मामला शुरू किया है, वह इसमें सहयोग करेंगी।उन्होंने कहा कि यहां मेरे पुलिस के पास जाने और मामला शुरू करने, जो मेरे सहयोगी स्वेच्छा से नहीं चाहते थ़े, (और) राज्य द्वारा मामला शुरू किए जाने में फर्क है जिसके साथ मैं बेशक, सहयोग करूंगी और मैं सहयोग करती रही हूं और मीडिया में आ रही सूचना गलत है।
खुद पर सुबूत नष्ट करने के आरोपों की संभावना पर चौधरी ने कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं बनाया गया और अपने बचाव में उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि उन्होंने दोनों की बातों में फर्क होने के बावजूद संपादक का इस्तीफा लिया और मांफी मंगवाई। तेजपाल के एक अलग संस्करण की उनकी कल की इस टिप्पणी पर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था यह पीड़िता का चरित्र हनन करने जैसा है। उन्होंने आज कहा कि कानून अपनी कार्रवाई करेगा, मैंने हमेशा से कहा है कि दोनों की बातों में भिन्नता होने के बावजूद संपादक का इस्तीफा लेना और बिना शर्त माफी मंगवाना सुबूत नष्ट करना नहीं है।
इस पत्रिका की महिला पत्रकार ने संपादक तरुण तेजपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते एक ईमेल भेजा था, जिसके सार्वजनिक होने और बुधवार रात छह महीने के लिए अपना पद छोड़ने की तेजपाल की घोषणा के बाद यह मामला प्रकाश में आया था।
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