देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री आरुषि-हेमराज कत्ल के मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को डॉक्टर राजेश और नूपुर तलवार को दोषी करार दिया। विशेष सीबीआई अदालत के जज एस लाल ने तीन बजकर 25 मिनट पर फैसला सुनाया। कोर्ट का फैसला आते ही आरुषि के माता-पिता राजेश और नूपुर तलवार को कस्टडी में ले लिया गया। अब उन्हें डासना जेल ले जाया जाएगा। दोषी ठहराए जाने के बाद नूपुर और राजेश तलवार रोने लगे। उनके साथ कोर्ट में परिवार के सदस्य भी मौजूद थे।
करीब साढ़े पांच वर्ष पुराने इस मामले में डॉक्टर राजेश तलवार और उनकी पत्नी नूपुर तलवार पर बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या व सबूत नष्ट करने के आरोप थे। तलवार दंपती के खिलाफ 15 महीने तक चली सुनवाई के बाद सोमवार विशेष न्यायाधीश एस लाल ने अपना फैसला सुनाया।
आरुषि-हेमराज हत्याकांड 15-16 मई की दरमियानी रात 2008 में नोएडा के जलवायु विहार स्थित आवास पर हुआ था। सबसे पहले आरुषि की हत्या की गई थी। आरुषि की हत्या उसके जन्मदिन के ठीक एक दिन बाद हुई थी, वह 14 साल की थी। आरुषि की हत्या के बाद सभी का शक नौकर हेमराज पर गया, लेकिन बाद में हेमराज का शव घर की छत पर मिला। आरुषि की हत्या के ठीक सात दिन बाद पिता राजेश तलवार पर शक गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
इस मामले में डॉक्टर तलवार के एक सहायक और उनके जानने वालों के घर काम करने वाले दो नौकरों समेत तीन अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया था, लेकिन उन्हें भी छोड़ दिया गया। बाद में यूपी पुलिस के काम के तरीके पर काफी हंगामा मचा और फिर तत्कालीन मायावती सरकार ने यह मामला सीबीआई को सौंप दिया था। सीबीआई ने भी बिना किसी निष्कर्ष पर पहुंचे मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी, लेकिन कोर्ट ने इसे मानने से इनकार कर दिया, तब नए सिरे से मामले की जांच हुई।
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