25 साल से रहने वाले 102 परिवारों के घरों पर चलेगा 11 नवम्बर को बुलडोजर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 9 नवंबर 2013

25 साल से रहने वाले 102 परिवारों के घरों पर चलेगा 11 नवम्बर को बुलडोजर

  • *हम  विश्वास करते हैं आप काम करते हैं, और अब कार्रवाई करने का समय आ गयी है कार्रवाई करनी चाहिए। यह बिल्डरों और नगर निगम अधिकारियों की लॉबी की मिलीभगत से अन्याय के खिलाफत धर्म की जीत होगी । ऐसा करके हमलोगों के घरों को बचा ले। आप यह जरूर कर सकते हैं ।


poor and buldozer
मुम्बई। 25 वर्षों से अधिक समय से रहते हैं। इन लोगों ने तिनके-तिनके जोड़-जोड़कर घर बनाएं हैं। आने वाले 11 नवम्बर,2013 किसी बुरे सपने से कम नहीं होगा। उस दिन बुलडोजर से 102 घरों को जमींदोज कर दिया जाएगा। इनके घरों के तमाम समान बाहर सड़कों पर फेंक दिया जाएगा। सभी लोगों के प्यारे समान को तहस-नहस कर दिया जाएगा। बच्चों और महिलाओं को परिजन कहां ले जाएंगे। यह सवाल उठ खड़ा हुआ है। बुजुर्ग को कहां ले जाएंगे? अब कैसे अपने बच्चों को आश्रय दे सकेंगे ? सच में गरीब लोग अपने घरों को खो देंगे, अपने रिश्तेदारों को खो देंगे। एक बसा- बसाया मलिन बस्तियों  के अस्तित्व मिट्टी में मिला देंगे। 

कैम्पा कोला कंपाउंड,वर्ली, मुम्बई के इस अतिक्रमण वाली जमीन पर बनाया गया मलिन बस्तियों का एक साधारण विध्वंस नहीं है। वास्तव में, 1995 से पहले निर्मित मलिन बस्तियों वास्तव में नियमित और वैकल्पिक आवास की व्यवस्था की गई है। वे स्टांप शुल्क का भुगतान किया है और पंजीकरण शुल्क, क्योंकि वे संपत्ति कर का भुगतान करते हैं क्योंकि कैम्पा कोला कंपाउंड के कानून का पालन करने वाला निवासियों की गलती हैं। यहां पर सीधे निवासियों को ही जवाबदेह बनाया गया है। उनको बस एक ही अपराध के लिए सजा दी जा रही है। यहां पर लोग रहते हैं। तंत्र के द्वारा अनधिकृत विकास के लिए जिम्मेदार बिल्डरों बख्शा गया है।

25 सालों से रहने वाले इन निवासियों को किसी तरह का मुआवजा या वैकल्पिक आवास की सुविधा दिये ही 
बिना, बेघर किया जा रहा है। विडंबना यह है कि 46 प्रतिशत एफएसआई से अनुमान्य की सीमा के भीतर है, जबकि विध्वंस के लिए चिह्नित क्षेत्र के केवल 10 प्रतिशत , एफएसआई सीमा का उल्लंघन कर रही है। एफएसआई के सर्वाेत्तम प्रयासों के बावजूद निवासियों को उनके मामले का औचित्य साबित करने के लिए बिल्डर  और निगम के गठजोड़ से लड़ने में असमर्थ पा रहे है।

निवासियों सुधार की जरूरत है कि एक प्रणाली के शिकार हैं। कानून लागू किया गया है , लेकिन न्याय प्रबल नहीं किया गया है । सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, अनधिकृत हैं कि मुंबई शहर में 55,000 इमारतों को खत्म हो गई हैं । आज यह कैम्पा कोला है , कल यह तुम हो सकता है। व्यवस्था बदलने की जरूरत है , और केवल आप उस परिवर्तन के बारे को ला सकते हैं। इस परिवर्तन के बारे में और लाने में मदद करने की अपील की गयी है। मदद करने सैकड़ों की संख्या बेघर होने वाले लोगों को नयी जीवन देने में सहायक बन सकते हैं। 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को लिखे खतः
जो मुंबईवासी कैम्पा कोला के परिसर में रहते हैं। उनको बेघर किया जा रहा है। कोई 102 परिवार रहते हैं। उनको 768 मुम्बईवासियों और निवासियों के समर्थन में खड़े हो गये हैं। इन लोगों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को खत लिखा है। इसमें बिल्डर और नगर निगम के गठजोड़ के बारे में इशारा किया गया है। 

11 नवंबर, 2013 पर, कैम्पा कोला परिसर के निवासियों को अपने घरों से बेदखल कर दिया जाएगा। बिल्डरों को मोटी राशि भुगतान करके खरीदे। नगर निगम के अधिकारियों ने अंधेरे में फ्लैट खरीदारों को रखा। नगर निगम ने लॉलीपोप दिया। सब के सब दूर टैक्स मुक्त हो जाओ। यह एक तरह से एक अंधे आँख से बदल देना साबित हुआ। इससे 102 निर्दोष परिवारों को दंडित कर दिया। घर से बेघर कर देना। यह छोटे दंड नहीं है। यह एक घर की हानि, तो कानूनी रूप से खरीदा गया था कि उनके सिर पर एक छत है। परिवार में रोटी कमाने के लिए, यह सजा कुछ भी नहीं है लेकिन एक मौत की सज़ा नहीं है? आपसे आशा और विश्वास है कि इस आसन्न त्रासदी के लिए विधायी ढांचे के भीतर एक समाधान खोजे। जो विधायी वाले वंदे में शक्ति निहित हैं। हम  विश्वास करते हैं आप काम करते हैं, और अब कार्रवाई करने का समय आ गयी है कार्रवाई करनी चाहिए। यह बिल्डरों और नगर निगम अधिकारियों की लॉबी की मिलीभगत से अन्याय के खिलाफत धर्म की जीत होगी । ऐसा करके हमलोगों के घरों को बचा ले। आप यह जरूर कर सकते हैं ।


आलोक कुमार
पटना 

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