चंपारण (बिहार) की खबर (01 नवम्बर) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 1 नवंबर 2013

चंपारण (बिहार) की खबर (01 नवम्बर)

दारोगा को दुष्कर्म के मामले में पीटा व किया नजरबन्द
  • डीएसपी की पहल पर हुए मुक्त, रात भर मैनेज करते रहे एसडीपीओ

narkatiaganj-news
नरकटियागंज(अवधेश कुमार शर्मा) अनुमण्डल के गौनाहा थानाध्यक्ष किरण शंकर को अहरार पिपरा गाँव के लोगों ने शहरून खातून के घर से पकड़कर पिटायी की और घर मंे नजरबन्द कर दिया। इस बावत ग्रामीणों ने एसपी बेतिया और डीआइजी बेतिया के मोबाईल पर सम्पर्क साधने की कोशीश की किसी कारणवश उच्चाधिकारियों से बात नहीं हो सकी। इसी दौरान मुखिया बेलसण्डी पंचायत लोकेश ने अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी से नरकटियागंज आकर मुलाकात की और मामले को सुलझाने में लगे रहे। शुक्रवार की सुबह लगभग साढे नौ बजे एसडीपीओं संजय कुमार ने बताया कि मामले को सुलझा लिया गया। अहरार-पिपरा के ग्रामीण नाम नहीं छापने की शर्त पर बताते है कि शहरून खातून का थाना पटाओ अभियान प्रारम्भ से रहा है और इसकी आड़ में अहरार पिपरा के ग्रामीणों को शैरून खातून द्वारा फँसाना व धमकाना आम बात रही है। लोगों ने तो शैरून के नाजायज रिश्तों को स्वीकार भी किया, लेकिन उसकी बेटियों रूबैदा व जुबैदा को ग्रामीण गाँव की बेटी के तौर पर मानते रहे हैं। उनका कहना है कि गौनाहा थानाध्यक्ष का वहाँ आना जाना लगा रहता था। अक्सर वे सादे लिबास में पहुँुचा करते थे किसी को कोई एतराज नहीं था। गुरूवार की रात करीब साढे नौ बजे थानेदार सादे लिबास में अपने एक सहयोगी मुन्ना ड्राईवर के साथ अहरार पिपरा स्थित शैरून के घर पहुँचे, उसके बाद शैरून की बेटियों के साथ जो नाजायज हुआ सारी दुनिया जान गयी। ग्रामीणों ने थानेदार और उसके सहयोगी की पिटाई कर दी और कमरे में बन्द कर दिया। फिलहाल पुलिस विभाग ने थानाध्यक्ष किरण शंकर को निलम्बित कर दिया। अब सवाल यह उठता है कि जिन लड़कियों के साथ बलात्कार की बात सामने आई उनका मेडिकल क्यों नहीं करा सके पुलिस और जनप्रतिधि! छात्र समागम के प्रदेश सचिव सन्नी जायसवाल ने कहा कि किरणशंकर वाकई नियत के सही व्यक्ति नहीं रहे है, आमजनों के साथ उनका व्यवहार सम्मानजनक नहीं था। वाकई अहरार पिपरा के लोेगो ने सही वक्त पर सही कदम उठाया नहीं तो पूरा गाँव उनका चारागाह बनकर रह जाता। अहले सुबह किसी तरह जब एसडीपीओ संजय कुमार ने किरणशंकर और एक अन्य को ग्रामीणों के चंगुल से मुक्त कराकर शिकारपुर थाना पर लाया तो वहाँ विधायक भागीरथी देवी, गौनाहा प्रमुख पति सत्तार मियाँ, पूर्व मुखिया गौनाहा खलिफा योगेन्द्र यादव, भाजपा नेता शंकर शरण सिंह, जद यु नेता फिरोज आलम प्रशासनिक अधिकारियांें में गौनाह के बीडीओ महम्मद हस्जाम के अलावे करीब सात थाना के अध्यक्ष मौजूद थे, उनमें रवि रंजन झा, अवनीश कुमार, धनन्जय चैधरी और इरशाद आलम खास है। शिकारपुर थाना परिसर में काफी दवाब के बीच शैरून और ग्रामीण के बीच एक बात सामने आई, जिसकी मध्यस्थता डीएसपी संजय कुमार ने किया। उसमें यह कहा गया कि शैरून और इजहार तथा महमूद के साथ जो जमीनी मामला चल रहा है उसका फैसला न्यायालय करेगा, इसलिए दोनो पक्ष शांति बनाए रखे। बहरहाल मामला जो भी हो एक थानाध्यक्ष का किसी गैर के घर सादे वेश में जाना और नाजायज ताल्लुकात रखना वाकई पुलिस मैनुअल के विरूद्ध है। मामले के बारे में जब डीएसपी संजय कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैनेज किया जा रहा है आपको बाद में बताएँगे। थानाध्यक्ष के कुकृत्य की चर्चा सरेआम पूरे क्षेत्र में हो रही है, कही-कहीं शैरून व थानेदार की मिलीभगत से आम लोगो की प्रताड़ना की चर्चा भी हो रही है।

टिकट काउन्टर पर यात्रीयों का शोषण

नरकटियागंज(पच) स्थानीय युवक सत्येन्द्र कुमार दूबे ने बताया कि उसने नरकटियागंज रेलवे के टिकट काउन्टर से मुजफ््फरपुर का टिकट लिया। उससे ज्यादा रूपये काउन्टर क्लर्क ने लिया। वे तेजी में थे और कुछ नहीं कर सके इस बावत रेलवे सूत्रो ने बताया कि ऐसी कोई बात उनके सामने नहीं आई है।

कमाण्डेन्ट की भावभीनी विदायी

नरकटियागंज(पच) एसएसबी की 27 वीं वाहिनीे के समादेष्टा आर एस नेगी दो वर्ष की सेवा के बाद आज सेवा निवृत हो गये। उन्हे विभागीय सम्मान के साथ विदायी दी गयी। बताते है कि एसएसबी ने उन्हें गाड़ी पर बैठाकर, जवानों द्वारा  खिंचकर सलामी दी गयी। उन्होने तैतीस बर्ष तक अपनी सेवा सशस्त्र सीमा बल को दी है। वे वर्ष 1970 में सशस्त्र सीमा बल से जुडे़ रहे और एसएसबी के साथ समाजिक उत्थान की गतिविधियों में अपना सहयोग देते रहे। उनकी विदायी समारोह में उनके व्यक्तित्व व गुणो का बखान अधिकारियो व जवानों ने किया। उनकी विदायी समारोह में सभी छोटे बड़े अधिकारी व ससीबल के जवान व उनके परिजन उपस्थित रहे।

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