भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने स्पेक्ट्रम नीलामी की न्यूनतम बोली तथा स्पेक्ट्रम इस्तेमाल शुल्क में भारी कमी करने की दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ट्राई की सिफारिशों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इनसे लगता है कि देश में दूर संचार क्षेत्र में एक और बड़ा घोटाला हो रहा है।
सिन्हा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 9 नवम्बर को एक पत्र लिखकर उनका ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है तथा इन सिफारिशों पर अमल रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि ट्राई ने जो नयी सिफारिशें दी हैं, उन पर अमल करने से सरकारी खजाने को 35 हजार करोड़ रुपये तक का नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा है कि ट्राई की सिफारिशों पर विचार करने के बाद दूरसंचार आयोग ने स्पेकट्रम मूल्य में कुछ वृद्धि करने का सुझाव दिया है, लेकिन उस कीमत पर भी सरकार को 27 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।
सिन्हा ने ट्राई की नई सिफारिशों पर हैरानी जताते हुए कहा है कि ये एक वर्ष पूर्व की उसकी दलीलों के एकदम विपरीत है। उन्होंने कहा कि ट्राई ने पिछली नीलामियों में 1800 मेगा हर्ट्ज बैंड में अखिल भारतीय स्तर के एक मेगा हर्ट्ज स्पेकट्रम के लिए न्यूनतम बोली 3622 करोड़ रुपये रखने को विभिन्न पहलुओं से पूरी तरह उचित ठहराया था। अब ट्राई ने इस बोली को 1496 करोड़ रुपये करने की सिफारिश की है और इसके लिए उसने यह कारण बताया है कि पिछली दो नीलामियों में कई कंपनियों ने न्यूनतम बोली अधिक होने के कारण भाग नहीं लिया। लेकिन वास्तव में नीलामी के सफल न रहने का कारण मौजूदा आपरेटरों द्वारा आपसी सांठ गांठ करना था।
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