पत्रकार का उत्पीड़न करने वाला कोतवाल निलम्बित, भेजा गया लखनऊ जोन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 8 नवंबर 2013

पत्रकार का उत्पीड़न करने वाला कोतवाल निलम्बित, भेजा गया लखनऊ जोन

  • मंडल के कई पुलिस अफसरों सहित बाहुबलि विधायक का कोतवाल पर था हाथ 


suresh-gandhi
भदोही के वरिष्ठ पत्रकार सुरेश  गांधी का उत्पीड़न करने वाले कोतवाल संजयनाथ तिवारी को वाराणसी जोन से हटाकर लखनऊ जोन भेज दिया गया है। यह कार्रवाई श्री गांधी द्वारा दायर की याचिका की सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय इलाहाबाद  की डबल बेंच के न्यायमूर्ति द्वारा प्रमुख गृह सचिव व भदोही जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित कोतवाल को नोटिस भेजकर जवाब तलब करने व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा एसपी भदोही से कार्रवाई रिपोर्ट मांग जाने के बाद की गयी है। 

सूत्रों की माने तो चर्चित हो चुके इस प्रकरण में अपनी गला फसता देख जनपद व मंडल सहित सूबे के प्रमुख अफसरों की सक्रियता के बाद निलम्बित करने के बादयह कार्यवाही की गयी है। लेकिन ताज्जुब इस बात का है कि कार्यवाही के बाद भी पुलिस अफसरों व कतिपय नेताओं के लिए बना इस कमाऊपुत्र को भदोही के एक पुलिस अफसर ने उसे मेडिकल अवकाष पर जाने की बात कहकर मामले को उलझा दिया है। हालांकि उसके स्थान पर सोनभद्र से आएं इंस्पेक्टर रामअवतार यादव की तैनाती भी कर दी गयी है और वह 20-22 दिन से अपना काम कर रहे है। लेकिन भदोही में दहषत पैदा कर करोड़ों कमाने वाला कोतवाल संस्पेंस का फायदा उठाकर अब भी पुनः आने का धौंस बताकर लोगों से धन उगाही में जुटा है। आज भी लोग दहषत में है। सूत्रों की मानें तो कोतवाल संजयनाथ तिवारी दहषत कायम करने के लिए पहले भदोही के कई कालीन निर्यातकों व बायर एजेंटों का मारा। इसके बाद गरीब ठेलिया व चट्टी-चैराहों पर फेरी लगाने वालों को मारा। उपद्रव भडकाने के आरोप में नामित सपा के कद्दावर व चेयरमैनपति मोहम्मद आरिफ सिद्दीकी को गिरफ्तार करने का धौंस देकर उन्हें एक कमरे में कैद कर दिया। 

इसके बाद वरिष्ठ पत्रकार सुरेष गांधी को फर्जी तरीके से तीन पुराने मुकदमें को आधार बनाकर गुंडाएक्ट की रिपोर्ट एसपी-डीएम को भेजकर जिलाबदर की कार्रवाई करा दी और जब गांधी ने 23 मार्च 2013 को दोपहर में कार्यवाही को चैलेंज किया तो उसी दिन रात साढे आठ बजे मकान मालिक पर दवाब बनाकर रंगदारी मांगने की रिपोर्ट दर्ज कर दी। इसके बाद दैनिक जागरण के पत्रकार होरीलाल यादव को होली की पूर्व संध्या पर अजीमुल्लाह चैराहा पर सरेराह एसडीएम की मौजूदगी में पीटा और पुलिस मुठभेड की फर्जी रपट दर्ज कर दी। इस मामले को लेकर जब पत्रकारों ने आंदोलन किया तो डीएम ने लाठीचार्ज व जांच का बात कहकर मामले को सलटा दिया और दुसरे दिन होरीलाल से कुछ लोगों ने माफी मंगवाकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इसके बाद सुरेष गांधी ने जब जिलाबदर की कार्यवाही को हाईकोर्ट से स्टे व मकान मालिक की फर्जी रपट में जिला न्यायालय से अंतरिम जमानत ले ली तो कोतवाल ने मकान मालिक को उकसाकर न सिर्फ गांधी के कमरे का ताला तोड़वाकर 25 लाख से भी अधिक का घरेलू सामान लूटवाकर उन्हें बेदखल किया बल्कि 14 जून को पकड़कर सरेराह मारा पीटा और बेइज्जत किया।

 हालांकि श्री गांधी का मामला तत्काल डीजीपी तक पहुंच गया और उन्हें उसे छोडना पड़ा लेकिन दुसरे दिन उन पर भी एक और फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया जिसे हाईकोर्ट ने अग्रिम आदेष तक प्रोसिडिंग स्टे दे दिया है। मकान मालिक की रिपोर्ट में फर्जी तरीके से श्री गांधी के अलावा दो और पत्रकार नसीर कुरैषी व आफताभ आलम अंसारी का भी नाम डाल दिया। सूत्र बताते है कि कोतवाल संजयनाथ तिवारी के आंतक की खबर जब मुख्यमंत्री को मिली तो उन्होंने सीतापुर प्रषिक्षण केन्द्र स्थानांतरित कर दिया, लेकिन इस कमाऊपुत्र को अफसर व बाहुबलि विधायक विजय मिश्रा के इषारे पर नाचने वाले इस कोतवाल को स्थानीय विधायक की सहमति पर मंडल के एक पुलिस अफसर ने इसे बचा लिया। पीडि़त पत्रकार सुरेष गांधी इस बीच सूबे के मुख्यमंत्री, प्रमुख गृह सचिव, राज्यपाल, पुलिस महानिदेषक व राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री समेत जांच एजेसिंयों को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई लेकिन सुनवाई नहीं हो रही थी। इसके बाद श्री गांधी ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में प्रार्थना पत्र देकर जान-माल के सुरक्षा, प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की। जौनपुर जिले के रामपुर थानान्तर्गत गोपालापुर गांव निवासी श्री गांधी पिछले सोलह सालों से मेहीलाल ब्लिडिंग अयोध्यापुरी कालोनी स्टेषन रोड भदोही में अपनी पत्नी रष्मि गांधी व दो बच्चों बेटी सेजल व बेटे साहिल के साथ रहते रहे। श्री गांधी 1996 से पत्रकारिता से जुडे है। 

वर्तमान में वह आज तक टीवी न्यूज चैनल व लखनउ-वाराणसी से प्रकाषित हिन्दी दैनिक समाचार पत्र जनसंदेष टाइम्स के ब्यूरोचीफ है। श्री गांधी सामाजिक सरोकारों से जुडी खबरों के साथ-साथ गरीब, दलितों व पीडि़तों की आवाज को प्रमुखता से उठाने के अलावा प्रशासनिक व जनप्रतिनिधियों की खामियों को भी उजाकर करते रहे है। बाहुबलि विधायक वियज मिश्रा के बालू खनन, सड़कों के निर्माण में धाधली, सरकारी योजनाओं में लूटपाट, माफियाओं से सांठगांठ व भदोही में हुए दंगा व दलित महिला संतोषी बलात्कार कांड की खबरे प्रदेष ही नही राष्ट्रीय स्तर तक पहुॅची। खासकर गत वर्ष मुहर्रम पर्व के दौरान भड़की उपद्रव की घटना में प्रषानिक व पुलिस अफसरों की खामी व सपा सरकार के गठन बाद बगैर किसी इजाजत विधायक विजय मिश्रा के उन्ही के आवास धनापुर-भदोही आएं सूबे के कबीन मंत्री की मौजूदगी में शतचंडी यज्ञ में शामिल होना और पूर्वांचल के ईनामी अपराधियों व अतीक अहमद की मौजूदगी की खबर एक इलेक्ट्रानिक चैनल में झूमकर चली। श्री गांधी के इन्ही खबरों से कुपित होकर बाहुबलि विधायक की साजिष में आकर भदोही के प्रषासनिक व पुलिस अफसरोंने न सिर्फ फर्जी तरीके से गुण्डा एक्ट लगाकर जिला बदर कर दी बल्कि कमरे का ताला तोड़वाकर 15 साल से तिनका-तिनका जुटाई गई लाखों की सम्पत्ति व विवाह में मिले सामानों व जेवरात आदि लूटवा दी। श्री गांधी ने मकान का ताला तोड़कर लूटपाट करने वाले विनोद गुप्ता व सुमित गुप्ता के खिलाफ तहरीर कोतवाली पुलिस से लेकर मुख्यमंत्री, डीजीपी, आईजी, डीआईजी व एसपी को दी लेकिन रपट दर्ज नहीं की गयी। अब जब सुरेष गांधी व उनकी पत्नी की अलग-अलग प्रार्थना पत्र में जिला न्यायालय के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 156(3) के तहत रपट दर्ज करने के आदेष पर पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन आरोपी खुलेआम घुम रहे है। 

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