सर्वोच्च न्यायालय ने एक अखबार में प्रकाशित उस रपट की जांच के लिए मंगलवार को तीन सदस्यीय एक समिति गठित की, जिसमें कोलकाता स्थित एनयूजेएस की कानून की एक छात्रा ने आरोप लगाया है कि सर्वोच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने उसका यौन उत्पीड़न किया। भोजनावकाश के बाद जैसे ही अदालत की कार्यवाही शुरू हुई प्रधान न्यायाधीश पी. सतशिवम ने कहा कि उन्होंने खबर पढ़ी है और उन्होंने इस मामले की जांच के लिए न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा, न्यायमूर्ति एच. एल. दत्तू और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है।
प्रधान न्यायाधीश सतशिवम ने यह बात तब कही, जब अटार्नी जनरल जी. ई. वाहनवती ने एक अखबारी रपट का उल्लेख करते हुए यह मुद्दा उठाया। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय समिति मंगलवार शाम से अपनी जांच शुरू करेगी और संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करेगी। उन्होंने कहा कि सबसे पहले हम इस खबर की सच्चाई को निश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी वैध पास के बगैर सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल नहीं हो सकता है।

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