छत्तीसगढ़ की राजधानी में पकड़े गए आंतकी उमेर सिद्धीकी ही पटना के बोधगया में हुए बम विस्फोट का मास्टर माइंड था। उसने इस विस्फोट की साजिश रची थी और हमलावरों को राजधानी में छुपाने की योजना बनाई थी। उमेर सिद्धीकी ने पूछताछ में यह कबूला है कि बोधगया विस्फोट की साजिश उसी ने रची थी और उसने इस संबंध में पुलिस को विस्तृत व सूक्ष्म विवरण दिया है। पटना विस्फोट की भी जानकारी इसने कबूली है। उमेर ने फरार आतंकियों का हैदराबाद विस्फोट में शामिल होना कबूला है जिसकी पुष्टि एनआईए के रिकार्ड से भी होती है। उमेर का संपर्क सिमी के बड़े पदाधिकारियों और इंडियन मुजाहिदीन से था और उनका अगला निशाना नरेन्द्र मोदी थे। नरेन्द्र मोदी की सभा में विस्फोट करने दिल्ली, कानपुर और अंबिकापुर की सभा में रेकी की गई थी मगर सफलता नहीं मिली। वह छत्तीसगढ़ माड्यूल के रूप में अपना पृथक संगठन चला रहा था और सिमी के कार्यकर्ता उसे आमीर यानी चीफ के रूप में जानते थे।
पुलिस महानिदेशक रामनिवास एवं एडीजी इंटेलीजेंस मुकेश गुप्ता ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय में इस मामले का विस्तृत खुलासा किया। उन्होंने दावा किया कि प्रतिबंधित संगठन सिमी की हाल ही में गिरफ्तारी से कमर टूट गई है। छत्तीसगढ़ पुलिस की खुफिया शाखा विगत तीन साल से इस संगठन से जुड़े उमेर सिद्धीकी और उसके साथियों की निगरानी कर रही थी। कुछ दिनों पूर्व निगरानी के दौरान विदेशी भाषा में भेजे गए संदेश के बारे में पुलिस को जानकारी हुई जिसमें नरेन्द्र मोदी का जिक्र था।
यह संदेश सामान्य नहीं था इसलिए छत्तीसगढ़ की खुफिया एजेंसी ने 17 अगस्त को आईबी को इस बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद 11 एवं 12 नवंबर को पुन: कुछ जानकारी मिली जो काफी महत्वपूर्ण थी। यह जानकारी नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा के संबंध में थी। उन्होंने बताया कि 14 नवम्बर की शाम तक छत्तीसगढ़ के इंटेलीजेंस विभाग के एटीएस द्वारा उक्त जानकारियों को फॉलो करते समय कुछ संदिग्ध गतिविधियों एवं बाहरी व्यक्तियों के क्षेत्र में आने की भनक लगी और उमेर सिद्धीकी तथा उसके सात साथियों की गिरफ्तारी की गई। एडीजी मुकेश गुप्ता ने बताया कि गिरफ्तार उमेर सिद्धीकी से कड़ी पूछताछ की गई तो उसने बताया कि पटना ब्लास्ट के 4 आरोपी हैदर अली उर्फ अब्दुला पिता मोह अलाम अंसारी, नूमान आलम उर्फ फिरोज पिता सुल्तान, तौफीक उर्फ आसिफ पिता तजमुल अंसारी एवं मुजीबुल्ला घटना करने के उपरांत राउरकेला से भागकर इसके पास आये थे।
उन्होंने यहां लंबे समय तक रुकने के उद्देश्य से किराये का घर लिया था। उसमें रुकने की समस्त सुविधाएं मुहैया कराई गई थी। तत्काल रेड करने पर वे चारों व्यक्ति सामान छोड़कर फरार हो गए। उमेर सिद्धीकी ने पूछताछ में बताया कि वह सिमी के सभी बड़े लीडर्स जैसे सफदर नागोरी, कमरूद्दीन नागोरी, आमीर परवेश (सभी मध्यप्रदेश एवं वर्तमान में जेल में) एवं मोहम्मद अली एवं इरफान मसूरी (पश्चिम बंगाल) एवं इनामुर रहमान (जबलपुर के पास) तथा खण्डवा जेल से फरार अबू फैजल से 2002 से सम्पर्क में रहा है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें