दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बाद सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध टूटता हुआ दिख रहा है। सरकार बनाने से बीजेपी के इनकार के बाद उपराज्यपाल नजीब जंग ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल को न्योता दिया है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अरविंद केजरीवाल के घर पर बुलाई गई मीटिंग के बाद 'आप' के नेता कुमार विश्वास ने कहा कि सरकार बनाने को लेकर पार्टी के सभी विकल्प खुले हैं।
कुमार विश्वास के बयान को 'आप' के बदले रुख के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी के लगभग सभी बड़े नेता विधानसभा चुनावों के परिणाम के बाद कह चुके हैं कि 'आप' सरकार नहीं बनाएगी और कांग्रेस व बीजेपी को न तो समर्थन देगी और न ही लेगी।
कुमार विश्वास कल उपराज्यपाल से मिलेंगे। सभी विकल्प खुले रखने का बयान देने के बाद कुमार विश्वास ने सफाई देते हुए कहा कि हम अभी भी बीजेपी और कांग्रेस से समर्थन लेने या देने के खिलाफ हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि बिना कांग्रेस और बिना बीजेपी के 'आप' सरकार कैसे बनाएगी। संभावना जताई जा रही है कि 'आप' अल्पसंख्यक सरकार बनाए और फ्लोर टेस्ट के लिए जाए। ऐसे में जैसा कि कांग्रेस कह रही है समर्थन या सदन में गैरमौजूद रहकर सरकार बचा सकती है। अल्पसंख्यक सरकार का फॉर्म्युला केंद्र सरकार में पहले लागू हो चुका है। कांग्रेस नेता नरसिम्हा राव ने इसी फॉर्म्युले के आधार पर केंद्र में सरकार बनाई थी और वह पूरे पांच साल तक चली थी।
इस बदले घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए बीजेपी ने कहा है कि उसे पहले से अंदेशा था कि आप और कांग्रेस मिली हुई हैं। नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बीजेपी नेता विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि 'आप' की असलियत अब सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि हम पहले से ही कह रहे थे कि यह सब बीजेपी के खिलाफ साजिश है।
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