बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को जमात-ए-इस्लामी नेता और युद्ध अपराधी अब्दुल कादर मुल्ला की समीक्षा याचिका खारिज करके उसकी फांसी का रास्ता साफ कर दिया है। 'डेली स्टार' के मुताबिक, इस आदेश का मतलब है कि जमात के सहायक महासचिव को अब कभी भी फांसी दी जा सकती है। मुल्ला को ढाका केंद्रीय कारागार में रखा गया है।
'डेली स्टार' ने एक कारागार अधिकारी के हवाले से बताया कि फांसी समान्य तौर पर आधी रात के बाद दी जाती है, जब कैदी अपनी बैरकों के अंदर होते हैं। अधिकारी ने बताया कि सूर्यास्त के बाद कोई भी समय फांसी के लिए सही होता है।

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