आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को कहा कि 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में उसके पास सरकार बनाने लायक संख्या बल नहीं है और यही बात वह शनिवार को उप राज्यपाल नजीब जंग को बताएगी। इस बीच एक नाटकीय घटनाक्रम में कांग्रेस ने आप को समर्थन देने की पेशकश की है, लेकिन आप ने स्पष्ट कहा है कि वह सरकार बनाने के लिए न तो किसी से समर्थन लेगी और न ही किसी को समर्थन देगी।
आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के आवास पर राजनीतिक मामलों की बैठक के बाद पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने संवाददाताओं से कहा, "हमने आज (शुक्रवार) सभी संभावनाओं पर चर्चा की। लेकिन हमने तय किया है कि सरकार बनाने के लिए हम न तो किसी से समर्थन लेंगे और न ही किसी को समर्थन देंगे।" इससे पहले यादव ने कहा था कि आप को न तो बहुमत हासिल है और न ही यह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बनाने की संभावना तलाशने के लिए उपराज्यपाल जंग के बुलावे पर आप के संस्थापक नेता अरविंद केजरीवाल शनिवार को जंग से मुलाकात करेंगे। पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल शनिवार सुबह 10:30 बजे के आसपास जंग से मुलाकात करेंगे।
शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि वह सरकार नहीं बना सकती। विधानसभा चुनाव में भाजपा 31 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, लेकिन सरकार बनाने के लिए उसे कम से कम 36 सीटें चाहिए। दूसरे स्थान की पार्टी आप को 28 सीटें मिली हैं। इस बीच कांग्रेस ने उप राज्यपाल नजीब जंग से शुक्रवार को कहा कि दिल्ली में सरकार गठन में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए वह आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार का समर्थन करने को तैयार है।
कांग्रेस के एक सूत्र ने आईएएनएस से कहा कि पार्टी के सभी आठ विधायक आप की सरकार का समर्थन करने को तैयार हैं। राज्यपाल ने सरकार गठन की संभावनाओं पर बात करने के लिए शनिवार को आप को बुलाया है।
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