12 लाख पचास हजार रू0 की अवैध शराब जप्त, आरोपी गिरफ्तार- आयशर वाहन जप्त
झाबूआ--पुलिस अधीक्षक श्री एस0पी0सिंह ने बताया कि मुखबिर द्वारा यह सूचना प्राप्त हुई थी कि आयशर वाहन में अवैध शराब, थांदला रोड होते हुए काकनवानी रोड तरफ जाने वाली है। मुखबिर की सूचना के आधार पर थाना थांदला की पुलिस टीम दर्शित स्थान पर पहुॅंची एवं रात्रि लगभग 8ः10 बजे ग्राम रूण्डीपाड़ा में आयशर को पकड़ा। आयशर वाहन के चालक राजेश पिता सुखराम पटेल आदिवासी, उम्र 28 वर्ष, निवासी विश्वास नगर महू इंदौर से पूछताछ की गई। आरोपी राजेश ने पुलिस को सही जानकारी नहीं बताई, पुलिस टीम द्वारा आयशर वाहन क्रमांक एमपी-09-सी0एफ0-9020 को चेक करने पर उसमें 1250 पेटी एवरी-डे गोल्ड अंग्रेजी व्हीस्की, कीमती 12,50,000/- की अवैध शराब पाई गई। आरोपी राजेश पिता खातुराम पटेल आदिवासी, उम्र 28 वर्ष, निवासी विश्वास नगर महू, जिला इंदौर को गिरफ्तार किया गया एवं आयशर वाहन को भी जप्त किया गया। प्रकरण में थाना थांदला में अपराध क्रमांक 553/2013, धारा 34, 39-सी आबकारी एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। अवैध शराब को पकड़ने में उनि दीपमाला धारू, सउनि राधेश्याम चैहान, सउनि आर0एल0तिवारी, आर0 457 जगदीश भाबर, आर0 428 चालक कुंवरसिंह सराहनीय भूमिका रही। पुलिस अधीक्षक ने पुलिस टीम को बधाई दी है एवं पुरूस्कृत किये जाने की घोषणा की है।
ब्रह्मलीन मोहनानंदजी के परम्षिश्य श्रीहेमंत ब्रह्मचारी के सानिध्य में प्रारम्भ हुआ 49वाँ गीता जयंति समारोह
झाबुआ--नगर में गीता जयंती के अवसर पर दो दिवसीय धार्मिक आध्यात्मिक आयोजन मोनि एका दषी के पावन अवसर पर प्रतिवर्शा अनुसार अनन्त विभूशित धर्म सम्राट ब्रम्हलीन दण्डी स्वामी पूज्य श्री मोहनान्द जी सरस्वती महाराज की असीम कृपा से 49 वे गीता जयंती समारोह मोहनान्द जी के परम षिश्य श्री हेम्मंत ब्रम्हचारी के सानिध्य में प्रवचनकर पंडित राकेष जी पाठक द्वारा स्थानिय महेष्वरी समाज के लक्ष्मी पति मंदिर परिसर में रात्री 8 बजे से भगवत गीता पर विषिश्ट षैली में प्रवचन देकर उपस्थित सेकडों की संख्या में आये भक्तों को मंत्र मुग्ध कर दिया । कार्यक्रम प्रारम्भ में पाद पूजन किया गया तत्पचात उपस्थित जनों द्वारा गीता पूजन किया गया। समिति के पदाअधिकारियों ने श्री हेमन्त ब्रम्हचारी एवं पंडित राकेष पाठक जी का हार से स्वागत किया इस अवसर पर राकेष पाठक ने प्रवचन देते हुए गीता के महामात्य की व्यख्या उदहारण सहित दी उन्होने कहा की गीता किसी धर्म का ग्रन्थ नही है, यह सभी धर्म व मानव जाती के लिए है, यह हमे जीने कि कला सिखाती है। उन्होने कहा कि यह गीता कि कथा आयोजन होता है, वह भगवान का वास भी होता है। उन्होने कहा कि हमें जीवन में भगवता को कथा को सुनकर उनहे अत्मसात करना चाहिए जिसे कि हमें सनमार्ग का रास्ता मिलता है, उन्होने कहा कि भगवान के प्रतिनिधि संत होते है। संत की कृपा से हमें भगवान से मिलने का रास्ता सुलभ होता है। संत की कृपा आज हम पर बरस रही है। परम पूज्य मोहनान्द स्वामी जी की अपार कृपा हम पर बरस रही है, वे उन्होने कहा कि हमें निम्न काम पहले करना चाहिए उन्होने कहा कि सौ काम छोड़कर भोजन करना चाहिए 1 हजार काम छोड़कर स्नान करना चाहिए । और 1 लाख काम छोड़कर दानकना चाहिए करोड काम छोड़कर भगवान का भजन करना चाहिए जिससे कि हमारा उद्धार संभव होगा उन्होने कहा है। कि संसार में अगर सबसे बडा पाप है, तो वह है अकारण किसी से बेर करना अतः हमें किसी बेर नही करना चाहिए उन्होने कहा कि भगवान की कृपा भी उन्ही पर बरसती है जो संतों का सानिध्य पता है, तथा निष्चल भाव से सेवा करता होे उन्होने ज्ञानि और भक्त का उदाहरण देते हुए ज्ञानि तो भगवान की आत्मा होती है, किन्तु भक्त तो भगवान के लिए ही परमात्मा का रूप होता है, भक्त के बिना भगवान अधूरा है। और भक्त भी भगवान के बिना अधूरा है। यदि सच्चे मन से भक्त भगवान का ध्यान करता है, तो भगवान भी भक्त की सहायता करते है। उन्होने कहा कि मनुश्य को सतक्रर्म करते रहना चाहिए हमेषा बडे बूढ़ों माता -पिता एवं दिन दुखियों की सेवा करना चाहिए इससे भगवान प्रसन्न होते है। इस अवसर पर स्वामी जी के षिश्य श्री हमेन्त ब्रम्हचारी ने अपना प्रवचन देते हुए कहा कि मनुश्य परमात्मा एवं अपने क्रम को भूलता जा रहा है। जिस कारण वह हमेषा दुःखी हो रहा है। तथा समाज भी परेषान है। मानव देह बार- बार नही मिलती है, मनुश्य को अपना क्रर्म नही छोडना चाहिये । तथा अपनी अन्तर आम्मा से भगवान को भजना चाहिए तथा हमें धर्म की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए तभी हमें पर ब्रम्हम परमात्मा की असीम कृपा प्राप्त होगी तथा हमारा परिवार समाज प्रदेष देष व विष्व का कल्याण होगा कार्यक्रम का संचालन दादू भाई परमार ने किया संगीत ताल भोपाल से पधारे पंडित षेलेन्द्र षर्मा ने किया और स्वास्ती वाचन स्वामीजी के षिश्यों द्वारा किया गया अन्त में गीता जी की आरती का कार्यक्रम हुआ एवं प्रसाद का वितरण किया । इस अवसर पर हरीष षाह षेश नारायेण मालवीय सुधीर तिवारी हेमेन्द्र अगनीहोत्री पंडित गणेष उपाध्याय मोहनलाल महेष्वरी ,छोगालाल मालवीय ,हर्श भट्ट ,दयाराम पाटीदार ,राजेन अगनीहोत्री , प्रकाष मिश्रा सहित अनेक गणमान्य एवं महिलाए उपस्थित थी।
गीता जयंती पर संत समागम के साथ मना अन्नकूट महोत्सव, हनूमानजी का किया आकृषक श्रंगार
पारा---नवापाडा स्थित ईच्च्छापूर्ण हनूमान मंदिर मे प्रति वर्षानूसार इस वर्ष भी गीता जयंति के पावन अवसर पर रामायण पारायण व हवन पूजन के साथ धूम धाम से अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। हनूमान मंदिर के महंत 108 गोविंददास महाराज ने बताया की गीता जयंति के उपलक्ष मे ईच्छापूर्ण हनूमान मंदिर नवापाडा पर रामायण के पारायाण के बाद बालाजी की चमत्कारीक मूर्ति पर चोला चढाकर हवन पूजन किया गया रामायण जी यह पाठ मंदिर पर विगत चार वर्षों से प्रत्येक एकादशी पर मंदिर परिसर किया जाता हे पारायाण व हवन के बाद महाआरती का आयोजन हूआ जिसमे श्रद्वालूओ ने भगवान बालाजी को अन्नकूट महोत्सव मे छप्पन भोग का नेवेध लगाया।मंदिर परिसर पर सूबह से ही दर्शनार्थी श्रद्वालूजन का तांता लगा रहा सभी यथा शक्ति याथा शक्ति संत जनो की सेवा कर आर्शीवाद ले रहे थे। शाम को महाप्रसादी का कार्यक्रम रखा गया था जो कि देर रात्री तक चला जहा हजारो की संख्या मे भक्तो ने महाप्रसादी का लाभ लिया। इस कार्यक्रम मे कई संत व महंत ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवा कर पारा नगर सहित आसपास के श्रद्वालू जनो को अपना आर्शीवाद दिया जिसमे प्रमूख संत महंत 108 कृपापात्र गरूडदास जी महाराज व 105 वर्षीय श्री श्री 1008 तेरह भाई त्यागी कमल दास महाराज कोटेश्वर महंत दयाराम दास महाराज पिपलखूटां आदी सहीत करिब पचास से ज्यादा संत जन उपस्थित थै।आज के इस आयोजन ओर संत समूदाय कि उपस्थिति को देख कर गत वर्ष 2012 जनवरी माह मे मदिर पर विराजित संत गोविददास जी महाराज को महंत कि पदवी से विभूषित किया था कि याद ताजा होगई नगर को एक बार फिर से एक साथ इतने सारे संतो का सानिध्य मिला श्रद्वालू अपने आप को धन्य महसूस कर रहे थे। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद सभी संतो विदाई दी गई।
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