उत्तराखंड की विस्तृत खबर (12 दिसंबर) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 12 दिसंबर 2013

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (12 दिसंबर)

अल्ट्राटैक के साथ समझौते के बाद औद्योगिक घरानों में आक्रोश
  • सरकार के इस निर्णय के खिलाफ जा सकते हैं न्यायालय

देहरादून, 12 दिसम्बर। पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखण्ड राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में सीमेंट उद्योग को स्थापित किए जाने को लेकर जहां पर्यावरणविदों में आक्रोश है, वहीं अल्ट्राटैक से पूर्व राज्य में सीमेंट उद्योग लगाने की मंशा पाले औद्योगिक घरानों में इस बात को लेकर रोष है कि जब उनके द्वारा राज्य बनने के बाद तिवारी सरकार के कार्यकाल में इस तरह का आवेदन कर दिया गया था तो, उनके आवेदनों पर बिना विचार किए उन्हें कैसे रद्दी के टोकरी के हवाले कर दिया गया। ये औद्योगिक घराने भी सरकार के इस निर्णय के खिलाफ न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा द्वारा बीते दिन दिल्ली में आदित्य बिड़ला गु्रप की अल्ट्राटैक सीमेंट से समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस पर राज्य सरकार ने कहा कि इससे राज्य में 5000 करोड़ रूपये का निवेश होगा और अल्ट्राटैक कंपनी 35 लाख टन सालाना क्षमता की सीमेंटी फैक्ट्री देहरादून जिले के त्यूनी में तथा 20 लाख टन क्षमता की अल्मोड़ा जिले के सामेश्वर में स्थापित करेगी। पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण इस राज्य में जहां वर्ष 1983-84 में दून घाटी क्षेत्र की तमाम चूना खदाने उच्चतम न्यायालय के एक निर्देश के बाद बंद कर दी गई थी, वहीं इसी क्षेत्र में 26 जनवरी 1996 को उत्तर प्रदेश राज्य खनन विकास कॉरपोरेशन (यूपीएसएमडीसी) बंद कर दी गई थी। जिनका उत्पादन 20 लाख टन प्रतिवर्ष से अधिक था। वहीं वर्ष 1884-85 में कुमाऊं क्षेत्र में इस तरह के उद्योगों को पर्यावरणविद राधा बेन के आंदोलन के बाद बंद कर दिया गया था। राज्य सरकार ने कुमाऊं क्षेत्र के सामेश्वर इलाके में जिस स्थान पर सीमेंट फैक्ट्री लगाने की बात कही है, वह क्षेत्र सॉफ्ट स्टोन के लिए जाना जाता है और इस क्षेत्र में चूना पत्थर की भी बहुत सी खदाने रही हैं। राज्य सरकार द्वारा आदित्य बिड़ला गु्रप की अल्ट्राटैक के साथ समझौते को लेकर औद्योगिक घरानों में विरोध के स्वर उठने शुरू हो गए हैं, क्योंकि आदित्य बिड़ला गु्रप से पहले गोलचा मिनरल जयपुर, 20 माइक्रोन बड़ौदा तथा यूपीएसएमडीसी ने राज्य में सीमेंट उद्योग लगाने के लिए तिवारी सरकार के दौरान आवेदन किया था, लेकिन वर्तमान सरकार ने इन आवेदनों को ठंडे बस्ते में डाल आदित्य बिडला ग्रुप की अल्ट्राटैक सीमेंट के साथ समझौता किया है। इन औद्योगिक घरानों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि प्रदेश सरकार ने उन्हें बिना बताए उनके आवेदनों को निरस्त कर दिया है। वहीं राज्य में औद्योगिक विकास की बाट जोह रहे उद्योगपतियों का कहना है कि सरकार का यह दावा उनके गले नहीं उतर रहा है, जिसमें सरकार ने कहा कि अल्ट्राटैक राज्य में 5000 करोड़ का निवेश कर रहा है। इनका कहना है प्रदेश सरकार को यदि राजस्व की इतनी ही चिंता है, तो प्रदेश सरकार ने आवेदन करने वाली पूर्व कंपनियों के आवेदनों को वैधानिक रूप से डी-नोटिफाईड क्यों नहीं किया। इससे यह साफ है कि प्रदेश सरकार और अल्ट्राटैक के बीच कोई गुप्त समझौता भी हुआ है, जिसे सरकार सार्वजनिक नहीं करना चाहती। इनके अनुसार तिवारी सरकार के दौरान सुमेर खेड़ा लाइम स्टोन डिपोसिट में एसीसी सीमेंट, श्री सीमेंट, मद्रास सीमेंट तथा अंबुजा सीमेंट द्वारा आवेदन किए गए थे, लेकिन राज्य सरकार ने इन प्रमुख दावेदारों को किस आधार पर दरकिनार किया और किस आधार पर अल्ट्राटैक के साथ समझौता किया यह उनके समझ से परे है। वहीं इस मामले में यह भी जानकारी मिली है कि प्रदेश के खनिज कार्यालय में मुख्य खनिज और उपखनिज के लगभग 5000 प्रकरण लंबित हैं। इन प्रकरणों को दरकिनार करते हुए प्रदेश सरकार ने अल्ट्राटैक के साथ किन शर्तों पर समझौता किया, इससे पर्यावरणविद हतप्रभ हैं। वहीं इस मामले में पर्यावरण और सामाजिक क्षेत्रों में कार्य करने वाले अवधेश कौशल का कहना है कि राज्य सरकार प्रदेश की आबोहवा को बर्बाद करने पर तुली है, उनके अनुसार वर्ष 1883-84 में दून घाटी के अंदर आत्माराम सीमेंट, आदित्य सीमेंट और यूपीएसएमडीसी की सीमेंट फैक्ट्रियां थी, जिन्हें पर्यावरणीय संतुलन बनाने के उद्देश्य से बंद कर दिया गया था, तो आखिर अब राज्य के पर्यावरण से प्रदेश सरकार क्यों खेल रही है, उनका कहना है कि दून घाटी में हवा नहीं चलती है और प्रस्तावित सीमेंट फैक्ट्री से जो धूल और अन्य तरह के रसायनों का हवा में उत्सर्जन होगा, वह स्थानीय और क्षेत्रीय लोगों की बीमारी का कारण बनेगा। इस मामले में पर्यावरणविद अनिल जोशी का भी कहना है कि राज्य में पर्यावरण विरोधी उद्योग नहीं लगाए जाने चाहिए, बल्कि इनकी जगह ऐसे उद्योगों को स्थान दिया जाना चाहिए, जिससे राज्य का पर्यावरणीय संतुलन खराब भी न हो और बेरोजगारों को रोजगार भी उपलब्ध हो जाए। उनके अनुसार उत्तराखण्ड राज्य में इलैक्ट्रानिक और फल, फूल आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। पीपुल्स साइंस इंस्टीटयूट के संस्थापक रवि चोपड़ा सहित हार्क के महेन्द्र कुंवर आदि ने भी राज्य में स्वस्थ उद्योग लगाए जाने की बात कही है। 

मोदी की सुरक्षा को लेकर उत्तराखण्ड पर गुजरात को भरोसा नहीं!

narendra modi security
देहरादून, 12 दिसम्बर। गुजरात सरकार को मोदी की सुरक्षा को लेकर उत्तराखण्ड पर भरोसा नहीं है। यही कारण है कि गुजरात पुलिस के एक डीआईजी के नेतृत्व में लगभग चार दर्जन से अधिक पुलिस अधिकारी व लगभग इतने ही गुप्तचर अधिकारी बीते एक सप्ताह से देहरादून में डेरा डाले हुए हैं। इस बात की पुष्टि गृह विभाग के उच्चस्थ सूत्रों ने भी की है। जेड़ प्लस सुरक्षा प्राप्त प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर जहां देश का गृह विभाग चौकन्ना है, वहीं गुजरात सरकार का गृह विभाग भी उनकी सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती। पटना और जम्मू में हालिया दौरे के दौरान बम विस्फोटों ने केंद्र सहित गुजरात सरकार की नींद उड़ा दी है। यही कारण है कि मोदी की 15 दिसम्बर को राजधानी देहरादून के परेड ग्राउण्ड में होने वाली रैली को लेकर उत्तराखण्ड सरकार भी काफी सतर्क है। प्रदेश के गृह विभाग सहित पुलिस विभाग ने बीते चार दिन पूर्व से ही मोदी की रैली स्थल परेड ग्राउण्ड पर नजर गढ़ाना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं प्रशासन ने तो बीते चार दिनों से परेड़ ग्राउण्ड के आस-पास का इलाका पूरी तरह से छान मारा है और मोदी की रैली को लेकर बीते सप्ताह से अब तक गृह विभाग और पुलिस के उच्चाधिकारियों की कई बार बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन गुजरात सरकार मोदी की परेड ग्राउण्ड में रैली को लेकर कोई चूक नहीं करना चाहती। गृह विभाग के सूत्रों का कहना है कि बीते एक सप्ताह पूर्व से एक पुलिस महानिरीक्षक (डीआईजी) के नेतृत्व में दर्जनों पुलिस अधिकारी व गुजरात गुप्तचर सेवा के अधिकारी दिन-रात परेड़ ग्राउण्ड और आस-पास अपनी नजरें लगाए हुए हैं। गृह विभाग के सूत्रों का कहना है कि उत्तराखण्ड सरकार भी गुजरात सरकार की तरह मोदी की रैली पर बारीकी से नजर रखे हुए है। यही कारण है कि गुजरात सरकार के गृह विभाग के अधिकारी देहरादून में तैनात किए गए हैं, वे मोदी की रैली केे बाद ही गुजरात की ओर रूख करेंगे। वहीं गुजरात से आए गुप्तचर सेवा के अधिकारी देहरादून के प्रत्येक क्षेत्र में मोदी की रैली को लेकर चल रही तैयारियों और आमजन के बीच पैठ बनाकर पल-पल की फीडबैक ले रहे हैं। 

मोदी की सुरक्षा को लेकर जीपीआर से खंगाला परेड ग्राउण्ड

देहरादून, 12 दिसम्बर (राजेन्द्र जोशी)। राजधानी दून में 15 दिसम्बर को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार व गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की शंखनाद रैली की सुरक्षा व्यवस्था में कोई छेद न हो, इसे लेकर परेड ग्राउण्ड में जीपीआर टैक्नोलॉजी (ग्राउण्ड पैरीप्रेट रडार) के तहत 100 मीटर जमीन के अंदर देखने वाले ग्राउण्ड पैरीप्रेट रडार यंत्र से परेड ग्राउण्ड का सुरक्षा एजेंसियों ने जायजा लिया। सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ वाडिया इंस्टीट्यून के वैज्ञानिकों ने भी मौके का निरीक्षण किया। सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर देहरादून के एसपी सिटी नवनीत भुल्लर व सर्किल के कई सीओ भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी हमेशा से ही आंतकवादियों के निशाने पर रहे हैं और सुरक्षा एजेंसियों को पूर्व में भी अंदेशा है कि मोदी की रैली में फिदायीनी हमला किया जा सकता है। आईबी के अलर्ट के बाद उत्तराखण्ड सरकार को मोदी की रैली में शिरकत करने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखने के निर्देश दिए जा चुके हैं और सम्भावना है कि मोदी की रैली में गर्भवती महिला के रूप में फिदायनी हमले को अंजाम दिया जा सकता। इसे को देखते हुए परेड ग्राउण्ड में गुरूवार को सुरक्षा की दृष्टि से जीपीओ टैक्नोलॉजी के तहत रेडार के माध्यम से 100 मीटर जमीन के अंदर देखने वाले ग्राउण्ड पैरीप्रेट रेडार यंत्र यंत्र से परेड ग्राउण्ड को खंगाला गया। यह पहला अवसर है, जब देहरादून में होने वाली शंखनाद रैली को लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क नजर आ रही हैं। इसके साथ ही हर व्यक्ति पर नजर रखने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने कमान संभाल रखी है और मोदी के मंच पर जाने वाले लोगों की लिस्ट भी खूफिया विभाग ने अपने पास रख ली है। इसके साथ ही उन पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है और उनके मिलने वाले हर व्यक्ति पर भी खूफिया विभाग ने पैनी नजर लगा रखी है। सुरक्षा एजेंसियों को यह भी संभावना है कि लाखा की संख्या में पहुंचने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मजिस्ट्रोटों की कमी सामने आ रही है, जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने 15 अतिरिक्त मजिस्ट्रेट मोदी की रैली के लिए नियुक्त करने का फैसला लिया है, क्योंकि मोदी की रैली में भारी संख्या में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए खाका तैयार किया जा रहा है, वहीं मोदी की रैली को देखते हुए देहरादून के विभिन्न होटलों, धर्मशालाओं एवं रेलवे स्टेशन, बस अड्डों पर भी खुफिया विभाग की टीमें संदिग्धों पर नजर लगाए बैठी है। देहरादून हमेशा से ही आतंकवादियों के निशाने पर रहा है और अब पुलिस प्रशासन की नींद 15 दिसम्बर को होने वाली नरेन्द्र मोदी की शंखनाद रैली ने उड़ा दी है। 

आपदा मद से आती है भ्रष्टाचार की बू: तीरथ

देहरादून, 12 दिसम्बर (राजेन्द्र जोशी)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार पूरी तरह से भष्टाचार में लिप्त है। आपदा मद मे भी भ्रष्टाचार की बू आती है। प्रदेश में बार्डर रोडों का पैसा भी बी0आर0ओ0 से छीन कर लोक निर्माण विभाग को देने जा रही है जबकी लोक निर्माण विभाग के पास बी0आर0ओ0 के समान संशाधन न होने के साथ ही कर्मचारियों के पद भी रिक्त पड़े हैं लोक निर्माण विभाग द्वारा जब शहरी क्षेत्रों के मार्गों का रख-रखाव नही हो पा रहा है तो दूरस्थ क्षेत्र के मार्गों का रख-रखाव कैसे हो पायेगा। साथ ही कांग्रेस के कन्द्रीय एवं प्रदेश के नेता भी इसको लोक निर्माण विभाग को देने के पक्ष में नही हैं जिससे साफ जाहिर होता है कि इसमें भी बड़े पैमाने पर कमीशन लेने का कार्य होगा जो की प्रदेश हित में ठीक नही है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आपदा के समय में जब गोविन्द घाट में एक माह तक लोक निर्माण विभाग द्वारा पुल न बना पाने पर खच्चरों को नही निकाला गया तब बी0आर0ओ0 ने दो दिन में पुल तैयार कर खच्चरों को बचाने का कार्य किया। प्रदेश सरकार जिस रोड़ को बी0आर0ओ0 से हटाकर लोक निर्माण विभाग को देने जा रही है वह रोड़ जब से बी0आर0ओ0 के पास है तब सेे वह बन्द नही हुई। बी0आर0ओ0 जैसा कार्य लोक निर्माण विभाग नही कर सकता इसलिए संशय पैदा हो रहा है कि लोक निर्माण विभाग के माध्यम से कारोड़ों रूपये प्रदेश सरकार कमीशन के रूप में ऐंठना चाहती है। रावत ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार द्वारा ऐसा किया गया तो भारतीय जनता पार्टी इसका पूरा विरोध करती है और सदन में भी इसको उठायेगी।

दबका नदी में खनन कार्य प्रारम्भ कराने के निर्देश दिये

हल्द्वानी/देहरादून, 12 दिसम्बर (राजेन्द्र जोशी)। वित्तमंत्री डा0 श्रीमती इन्दिरा हदयेश ने कहा है कि जल्द ही छोई (रामनगर) दाबका नदी में भी खनन प्रारम्भ कर दिया जायेगा। इस बावत उन्होने अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा को इस ओर विशेष व्यक्तिगत ध्यान देकर खनन कार्य प्रारम्भ कराने के निर्देश दिये।  शर्मा ने वित्तमंत्री को दूरभाष वर अवगत कराया कि सम्बन्धित पत्रावलियों का अध्ययन कर जल्द ही रामनगर दाबका में खनन का कार्य प्रारम्भ  कर दिया जायेगा। रामनगर क्षेत्र मे खनन व्यवसाइयों द्वारा वित्तमंत्री से भेट कर खनन प्रारम्भ ना होने की जानकारी दी। शिष्टमंडल द्वारा उन्हे बताया गया कि खनन कार्य प्रारम्भ ना होने से उनको नुकसान हो रहा है वही प्रदेश सरकार को राजस्व भी नही मिल पा रहा है। डा0 हदयेश ने दूरभाष वर वन विकास निगम के प्रबन्ध निदेशक श्रीकान्त चन्दोला को खनन खुलवाने का प्रस्ताव शासन को भेजने के आदेश दिये वही उन्होने चन्दोला को अपर मुख्य सचिव से समन्वय कर रामनगर में खनन कार्य यथाशीघ्र प्रारम्भ कराने के आदेश दिये। वित्तमंत्री से भेंट करने वाले शिष्टमंडल ने उनकी तत्परता एवं उनकी कार्यशैली की प्रसंसा करते हुये उनका आभार व्यक्त किया। भेंट करने वालो में ट्रक यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष शेर सिह लटवाल, दीप ंगुणवन्त, संजय नेगी, गोधन फर्त्याल, पियूष बिष्ट, प्रीतम आर्य, भीम रावत, इन्दर लटवाल, हेम फर्त्याल, कमल पाण्डे, कुबंेर फर्त्याल, भूवन अधिकारी, गुरप्रीत सिह प्रिन्स, राजू रावत के अलावा अध्यक्ष छात्र संघ लालसिह पंवार, पार्षद मोहन सिह पोखरिया मौजूद थे। 
    
आकाशवाणी के माध्यम से मिलेगी विभागीय योजनाओ की जानकारी

हल्द्वानी/देहरादून, 12 दिसम्बर (राजेन्द्र जोशी)। वित्तमंत्री डा0 श्रीमती इन्दिरा हदयेश एवं श्रम एवं दुग्ध विकास मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल विभागीय योजनाओ की जानकारी आकाशवाणी के माध्यम से देगे। सूचना विभाग की पहल पर आकाशवाणी रामपुर द्वारा विशिष्ट जनेा एवं वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रो में कार्यरत लोगो की वार्ताओ के प्रसारण का सिलसिला प्रारम्भ हो गया है। जानकारी देते हुये मीडिया सैन्टर के सहायक निदेशक योगेश मिश्रा ने बताया कि वार्ताओं के प्रसारण की श्रंखला में क्षेत्र के ख्याति प्राप्त वरिष्ठ फिजिशियन डा0 नीलाम्बर भट्ट मधुमेह के रोगी और उनका खानपान विषय पर 17 दिसम्बर को दोपहर 1ः15 बजे परिवार कल्याण कार्यक्रम में जानकारी देेगें। 20 दिसम्बर को सांय 7ः05 बजे आपका स्वास्थ कार्यक्रम में सोबन सिह जीना बेस चिकित्सालय की डा0 ऊषा भट् चिकित्सा से पूर्व आवश्यक जांचें एवं परिक्षण विषय पर जानकारी देंगी। मिश्रा ने बताया कि श्रम एवं दुग्ध विकास मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल को आकाशवाणी द्वारा उत्तराखण्ड में दुग्ध विकास की योजनायें विषय आबंटित किया गया है। वन विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए डी.एफ.ओ. डा0 पराग मधुकर धकाते का नाम आकाशवाणी द्वारा इनपैनल किया गया है। इन दोनो की भेंट वार्ता की रिकार्डिग जल्द ही आकाशवाणी रामपुर की स्टूडियो में सम्पन्न होगी। सभी वार्ताओ एवं भेट वार्ताओ का प्रसारण हिन्दी भाषी प्रदेशों के लगभग 150 आकाशवाणी केन्द्रो द्वारा किया जायेगा।

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