दिल्ली में राष्ट्रपति शासन पर कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


सोमवार, 24 फ़रवरी 2014

दिल्ली में राष्ट्रपति शासन पर कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी की याचिका पर केंद्र से जवाब तलब किया है।  उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी करते हुए आप की ओर से उठाये गए मुद्दों पर 10 दिन के भीतर जवाब देने को कहा। 
    
पीठ ने भाजपा और कांग्रेस को नोटिस जारी करने से इंकार करते हुए इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 7 मार्च निर्धारित कर दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह केवल इसके संवैधानिक पहलुओं को देखना चाहती है और इसे राजनीतिक प्रतिस्पर्धा नहीं बनने देना चाहती है। आप की याचिका में कांग्रेस और भाजपा को भी पक्ष बनाया गया है। 
    
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि यह संवैधानिक विषय है, इसलिए जिसने भी आदेश जारी किया है, उसे जवाब देना होगा। पीठ ने कहा कि हम नहीं चाहते कि यह राजनीतिक विवाद बने। न्यायालय में जब यह कहा गया कि दो पार्टियों के खिलाफ आरोप है, तब पीठ ने कहा कि जब यह आयेगा, तब देखेंगे। आप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस नरीमन ने याचिका दायर करने से संबंधित तथ्यों की व्याख्या की। शीर्ष अदालत ने 21 फरवरी को इस याचिका पर आज सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की थी जिसमें उपराज्यपाल को दिल्ली विधानसभा भंग करने और लोकसभा चुनाव के साथ फिर से चुनाव कराने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था।

कोई टिप्पणी नहीं: