उत्तर प्रदेश एवं केन्द्र सरकार ठेकेदारों द्वारा संचालित है। हमारी संसद एवं विधानसभाओं में ठेकेदारों के नेता ही पहुंचते हैं। वे पानी, नदी सबका निजीकरण करने मंे लगे हुए हैं और अपने मतदाता को लोभी, लालची बनाकर उन्हें परावलम्बी बना रहे हैं। इन्हें ही ये लोकतन्त्र कहते हैं। यह बात शनिवार को प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन में जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का लोकतांत्रिक प्रबंधन करने वाला लोकादेश 2014 समस्त नागरिकों को सम्मान पूर्वक जीवन जीने का अधिकार देता है। साथ ही निजीकरण रोककर सामुदायिक अधिकार करने की पक्षधर है। इस पक्ष को उभारने के लोक उभार को लोक आधार बनाने की इच्छा से भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जल, नदी, पर्यावरण पर देश भर में कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकतार्ओं का एक मार्च को सम्मेलन आयोजित किया गया है।
राजेन्द्र सिंह ने कहा कि लोकादेश पेयजल सुरक्षा अधिनियम, नदी पुर्नजीवन, भूजल-पुर्नभरण द्वारा सम्भव है। इसलिए लोकादेश में 21 सूत्रीय कार्यक्रम बनाया गया है। पेयजल सुरक्षा अधिनियम गरिमा एवं विना भेदभाव के सभी को पानी की सुनिश्चितता की पैरवी करता है।
लोकादेश के संदर्भ में देशव्यापी आन्दोलन के लिए विभिन्न विश्वविद्यालय, कालेजों के 200 से अधिक कार्यकर्ता तैयार किए गए हैं, जो आम मतदाताओं को जागरूक कर रहे हैं। दर्जनों नदियों पर नदी वेसिन के लोगों द्वारा यात्राएं प्रारम्भ की गई हैं। जन-जल जोड़ों अभियान देश भर के पानी, नदी व प्रकृति पर कार्य करने वाले कार्यकतरओ का अभियान है।
लोकादेश में प्रमुख रूप से देश के समस्त नागरिकों को शुद्व पेयजल सुनिश्चित करने के लिए भारतीय संविधान की धारा 21 के अनुसार जल पर सामुदायिक संवैधानिक अधिकार सुनिश्चित करने का प्रयास होगा।
जल पुरुष ने कहा कि जल संरचनाओं को अतिक्रमण, प्रदूषण एवं शोषण से मुक्त कराने के लिए उनका सीमांकन एवं चिन्हीकरण कराकर उसके रोकथाम का प्रयास, नदियों, तालाबों एवं अन्य पारम्परिक जल स्रोतों के संरक्षण के लिए कठोर प्रावधान करने तथा उसमें महिलाओं के अनुभवों व उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
राष्ट्रीय जल नीति में महिलाओं को अधिक महत्व नहीं दिया गया है। जबकि महिलाएं पानी की समस्याओं को ज्यादा नजदीक से जानती और समझती हैं। नदियों को पुर्नजीवित करने के लिए केन्द्र, प्रदेश सरकार एवं स्थानीय स्तर पर साफ-सुथरी और स्पष्ट नीति बनाकर उसका क्रियान्वयन कराया जाएगा।

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