भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि इस बार देश में विकास का सूर्योदय अरुणाचल प्रदेश से होगा। मोदी ने कहा कि गुजरात का अरुणाचल प्रदेश से गहरा रिश्ता है। अपने भाषण के दौरान मोदी ने नीडो तानिया की मौत का भी जिक्र किया।
अरुणाचल के पासीघाट में हुई रैली को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकास ही पूर्वोत्तर की समस्याओं का समाधान है। अरुणाचल के लोगों की हिम्मत की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि यहां के लोग अकेले दम पर चीन के खिलाफ डटे हुए हैं। मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर के 8 राज्यों में इस बार कमल जरूर खिलेगा। मोदी ने कहा कि अरुणाचल वीरों की भूमि है। यहां के लोग अकेले दम पर चीन की दादागिरी का डजटकर मुकाबला करते हैं और शान से जयहिंद बोलते हैं।
नरेंद्र मोदी ने चीन से विस्तारवादी नीति छोड़ने की अपील करते हुए कहा कि देश के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। राज्य के सर्वाधिक पुराने शहर पासीघाट में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि दुनिया भर के लोग चीन सरकार की विस्तारवादी नीति को स्वीकार नहीं करेंगे। विकास एक मात्र रास्ता है, जिससे को कोई राष्ट्र प्रगति के पथ पर चल सकता है। गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन देशों के साथ सीमाएं लगने के कारण भौगोलिक दृष्टि से अरुणाचल प्रदेश बहुत संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए देश की सुरक्षा के लिए बहुत सारे कदम उठाने की जरूरत है। अरुणाचल प्रदेश का प्रत्येक नागरिक एक सैनिक है।
मोदी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोगों की और उनकी जमीन की सुरक्षा हर कीमत पर की जाएगी और राज्य का विभाजन नहीं होने दिया जाएगा। वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय अरुणाचल प्रदेश के लोगों ने चीन का बेहतर सबक सिखाया था और वे चीन के आक्रमण के खिलाफ एकजुटता के साथ खड़े हो गए थे।
मोदी ने करगिल युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा कि इस दौरान अरुणाचल प्रदेश के लोगों ने असाधारण वीरता दिखाते हुए बलिदान दिया था। मोदी की यह एक पखवाडे के भीतर पूर्वोत्तर की दूसरी यात्रा है। इससे पहले उन्होंने गुवाहाटी और इंफाल में जनसभाएं की थी। इस यात्रा के दौरान वह असम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में जनसभाएं करेंगे।
वह सुबह लगभग सवा दस बजे डिब्रूगढ हवाई अड्डे पर पहुंचे थे। हवाई अड्डे पर वह लगभग 15 मिनट तक रहे और गोपी गोगोई और अनंत हजारिका के परिजनों से मुलाकात की। इन दोनों की मौत आठ फरवरी को उस समय हो गयी थी, जब वे मोदी की जनसभा में हिस्सा लेने जा रहे थे। भाजपा नेता ने पार्टी के राज्य में शीर्ष पदाधिकारियों से मुलाकात भी की।

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