प्रदेश सरकार ने 9 फरवरी को विकास दिवस के रूप में मनाया
- 1803 करोड़ रूपयों की योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण
- हड़ताल प्रदेश न बनायें उत्तराखण्ड कोः हरीश रावत
देहरादून,9 फरवरी। प्राकृतिक आपदा से ध्वस्त हुए राज्य के ढांचे को संवारने में जुटी सरकार ने अब भागीरथ प्रयास करने शुरू कर दिए हैं। राज्य के इतिहास में पहली बार एक साथ हजारों करोड़ की 150 योजनाओं का रविवार को विकास दिवस पर शिलान्यास और लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्राी हरीश रावत ने आज यहां सुभाष रोड़ स्थिति एक होटल में पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्हें इन योजनाओं के बारे जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी तेरह जनपदों में 1803 करोड़ की अनेक योजनाओं का क्षेत्रीय विधायकों और प्रतिनिधियों के द्वारा लोकार्पण किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि 1600 करोड़ की 450 योजनाओं का रविवार को शिलान्यास किया गया है उन्होंने कहा कि इन योजनाओं क्रियान्वयन के लिए सभी मंत्रीगणों को निर्देशित किया गया है कि वह पी.आई.यू को इन योजनाओं के बारे मौके पर ही दिशा निर्देश जारी करें। मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा अपने सत्ता संभालने से लेकर आज तक किए गए तमाम विकास कार्यो की जानकारी देते हुए बताया कि एक करोड़ तक के कामों के लिए एस.डी.एम स्तर के अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। एक करोड़ से ज्यादा के कामों के लिए ही सरकारी विभागों को दून तक आना पड़ेगा। उन्होने कहा कि इसकी माॅनीटरिंग के लिए जिला प्रभारी मंत्रियों को कहा गया जिससे धन का दुरूपयोग न हो और काम समय पर हो सके। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों को आठ स्पेशल और एक वेरी स्पेशन जोन में बांटा गया है। गौरीकुण्ड से राम बाडा तक काम शुरू करने के लिए ब्लू प्रिंट तैयार है और रामबाड़ा से केदारनाथ तक पांच मई तक पैेदल मार्ग बना लिया जाएगा जिससे श्रद्धालु यहां पहुंच सके। उन्होंने दो प्रोत्साहन पुरस्कार समाज सुधारक खुशी राम और संत रैदास के नाम से शुरू करने के बारे में भी जानकारी दी।उन्होंने कहा कि राज्य की हड़ताल राज्य और आपदा राज्य की छवि का बदलने में सभी उनका सहयोग करें। आपदाओं पर हमारा नियंत्रण नहींे है लेकिन विकास के मार्ग में हड़ताल बाधा नहीं बननी चाहिए। उन्होंने बैकलाॅग के पदों को भरने की प्रक्रिया 10 फरवरी से शुरू करने, आवेदन शुल्क में छूट देने, शिक्षा विभाग के मृत पदों को जीवित करने तथा पूरी की तर्ज पर छोटे शहर के ड्रैनेज व्यवस्था और सुधारने के लिए 50 करोड़ रूपये के बजट प्रावधान की भी जानकारी दी। इस अवसर पर सुरेन्द्र कुमार,राजीव जैन,राजीव महर्षि सहित अनेक लोग मौजूद थे।
रावत के सीएम बनने से सूने कांग्रेस भवन में आयी बहार
देहरादून, 9 फरवरी । राजधानी के बीचोंबीच स्थित कांग्रेस भवन में आजकल बहार नजर आ रही है। कभी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की एक झलक पाने को आतुर कांग्रेस भवन के कर्मचारी आजकल कार्यकर्ताओं के हूजूम को देख गद्गद् नजर आ रहे है।उनका कहना है कि जननायक हरीश रावत के मुख्यमंत्री बनने से जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं मंे जोश भर गया है वहीं कांग्रेस भवन में भी रौनक लौट आयी है। विजय बहुगुणा के मुख्यमंत्रित्व काल में कांग्रेस भवन में सन्नाटा पसरा रहता था, लेकिन हरीश रावत के सीएम बनते ही कांग्रेस भवन में रौनक लौट आई है। अब सभी कार्यकर्ता कांग्रेस भवन पहुंच रहे हैं। प्रदेश में एक फरवरी को मुख्यमंत्री बदलने के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और केंद्रीय मंत्री हरीश रावत ने प्रदेश की कमान संभाली। कार्यकर्ताओं को सम्मान देने वाले और जमीन से जुड़े नेता के मुख्यमंत्री बनने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश लौट आया है। मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में प्रदेशभर के आम से लेकर खास तक सभी कांग्रेसी समारोह में पहुंचे। कांग्रेसियों का तो यहां तक कहना है कि हरीश रावत के मुख्यमंत्री बनने से कांग्रेस दोबारा जिंदा हो गयी है। रावत के मुख्यमंत्री बनने से हर कांग्रेसी में जोश भर गया है। हरीश रावत का मुख्यमंत्री बनना पार्टी के लिए ग्लूकोज का काम कर रहा है। विजय बहुगुणा के मुख्यमंत्रित्व काल में कांग्रेस भवन में कार्यक्रमों को छोड़कर बाकि समय सन्नाटा पसरा रहता था लेकिन हरीश रावत के मुख्यमंत्री बनने के बाद कांग्रेस भवन में रौनक लौट आयी है। हर रोज कार्यकर्ताओं का जमावड़ा पूरे दिन कांग्रेस भवन में लगा रहता है। कांग्रेस भवन में जुटने वाले हर कार्यकर्ता मे नया जोश नयी उमंग नजर आ रही है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि अब हर किसी की सुनने वाले मुख्यमंत्री ने सत्ता संभाल ली है इसलिए कार्यकर्ताओं मे भी जोश भर गया है। जब आम जनता की सुनी जा रही है तो कार्यकर्ता तो पार्टी का अंग है उसकी भी सुनी जायेगी। जिससे उनमें जोश भर गया है। कार्यकर्ताओं का यह उत्साह आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को लाभ दिलाएगा।
उत्तरपूर्वी राज्यों की तरह उत्तराखण्ड को भी मिले केन्द्रीय सहायताःरावत
देहरादून, 9 फरवरी (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद से उनके आवास पर भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रावत ने केन्द्रीय मंत्री से उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक मजबूत करने हेतु विचार-विमर्ष किया। रावत ने ऋशिकेश “एम्स“ से संबन्धित मुद्दो पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री रावत ने पूर्वोत्तर की भांति उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत भारत सरकार से 90-10 के अनुपात में सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया, जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने सहमति व्यक्त की। मुख्यमंत्री रावत ने कलियर शरीफ में केन्द्र एवं राज्य की 50-50 प्रतिशत भागीदारी से यूनानी चिकित्सा पद्वति के कालेज की स्थापना का प्रस्ताव भी दिया, जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने सहमति व्यक्त की। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री रावत ने शनिवार देर सांय यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी से भेंट की थी। मुख्यमंत्री ने श्रीमती गांधी को राज्य में आपदा, राहत एवं पुनर्वास के लिये सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होेेंने हाल ही में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा आपदा प्रभावितों को प्रभावी राहत एवं पुनर्वास देने के कुछ नये फैसलों से भी अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार द्वारा स्वीकृत पुनर्निर्माण पैकेज तथा एडीबी एवं वल्र्ड बैंक से मिलने वाली सहायता के क्रियान्वयन में कुछ माह का समय लगेगा। इसीलिये चार-धाम यात्रा प्रारम्भ करने हेतु सड़को के निर्माण आदि के लिये 300 करोड़ रूपये एस.पी.ए. के अन्र्तगत राज्य सरकार को तत्काल अवमुक्त किये जाने की जरूरत है।
यशपाल आर्य ने कि 167 करोड़ की 116 योजनाओं का शिलान्यास
देहरादून, 9 फरवरी (निस)। उत्तराखण्ड प्रदेश एवं जनपद देहरादून के समग्र विकास के लिए आज विकासखण्ड रायपुर में विकासखण्ड डोईवाला, रायपुर, सहसपुर तथा विकासनगर में विभिन्न विभगों द्वारा संचालित की जाने वाली योेजनाओं का प्रभारी मंत्री/राजस्व एवं भू प्रबन्धन सिंचाई मंत्री यशपाल आर्य द्वारा 116 योजनाओं का शिलान्यास एवं 26 योजनाओं का लोकपर्ण किया गया जिसकी स्वीकृत लागत 167 करोड की है तथा विकासखण्ड चकराता एवं कालसी की स्वीकृत योजनाओं का क्वासी में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति व पंचायती राज मंत्री प्रीतम सिंह द्वारा 24 योजनाओं का शिलान्यास तथा 4 योजनाओं का लोेकार्पण किया गया। जिसकी स्वीकृत लागत 386.22 लाख है। इस अवसर पर स्थानीय जनता को सम्बोधित करते हुए प्रभारी मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि उनकी सरकार की मंशा प्रदेश के समग्र विकास के लिए जो संकल्प लिया है उसे वह पूरा करने जा रहे है जिसके लिए प्रदेश के सभी जनपदों में मा. मुख्यमंत्री के आदेशों के अनुपालन में विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है ताकि सुदूरवर्ती क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों को विकास की मुख्य धारा से जोडा जा सके। उन्होने कहा कि उनकी मंशा देश प्रदेश का समंग्र विकास करना है उतराखण्ड प्रदेश का कोई भी क्षेत्र विकास योजनाओं से वंचित न रहे। जिसके लिए जनपद देहरादून के विकास के लिए आज यहां विकासखण्ड रायपुर में 142 योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया गया है जिसकी स्वीकृत लागत 167 करोड की है। उन्होने कहा कि उनकी सरकार ने विधवा वृद्वा एवं विकलागं पेशन में 400 रू. की बढोतरी की है जिसके लिए अब सभी पात्र व्यक्तियों को 800 रू. प्रति माह पेंशन दी जायेगी। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे पात्र व्यक्तियों को उक्त योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कैप लगाकर पात्र व्यक्तियों का चयन कर उन्हे लाभान्वित किया जाय। जिसके द्वारा एक ही स्थान पर सभी औपचारिकतायें पूर्ण की जाय ताकि आम जनता को अनावश्यक ईधर उधर के चक्कर न लगाने पडे। उन्होने कहा कि उन्होने अपने विधान सभी क्षेत्र में 2500 हजार विधवा वृद्वा विकलंाग पेशन के आवेदन पत्र भरवाये गये है उन्होने सभी क्षेत्रिय विधयको से अपेक्षा की है कि वे भी अपने-अपने क्षेत्रों में पात्र व्यक्तियों के आवेदन पत्र भरवाकर उन्हे लाभान्वित करें ताकि कोई भी व्यक्ति पेंशन से वंचित न रह सके। इस अवसर पर विधायक राजपुर राजकुमार ,विधायक रायपुर उमेश शर्मा काऊ जिलाधिकारी देहरादून डा. बी.वी.आर.सी. पुरूषोतम सहित प्रभू लाल बहुगुणा तथा क्षेत्रीय र्पाषद व जनप्रतिनिधि तथा उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. आर मीनाक्षी सुन्दरम, मुख्य विकास अधिकारी ज्योति नीरज खैरवाल तथा सभी जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री के बयान पर जताया आश्चर्य
देहरादून, 9 फरवरी (निस)। उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल (से.नि.) भुवन चन्द्र खण्डूड़ी एवीएसएम द्वारा कल हरिद्वार में केन्द्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री श्री आस्कर फर्नाडीस के इस बयान को हास्यप्रद करार देते हुए आश्चर्य प्रकट किया कि केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड में सीमा सड़क संगठन (बी0आर0ओ0) को जितना बजट चाहिए उतना केन्द्र सरकार उपलब्ध करायेगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय जब प्रदेश मंे जब पंचायत चुनाव एवं लोक सभा चुनाव होने हैं तो केन्द्र में कांग्रेस सरकार के मंत्री प्रदेश में आकर इस तरह के बयान दे रहें हैं जबकि हकीकत कुछ और ही है। हकीकत यह है कि वह काफी लम्बे समय से मीडिया के माध्यम से एवं अन्य जगहों पर समय-समय पर केन्द्र सरकार द्वारा बी0आर0ओ0 को गढ़वाल मण्डल की सड़कों हेतु समुचित धन उपलब्ध कराने हेतु अनुरोध करते रहे थे। इसी विषय में पूर्व मुख्यमंत्री ने श्री आॅस्कर फर्नाडिस, केन्द्रीय मंत्री भूतल एवं परिवहन भारत सरकार से भी मिलने का कई बार दिल्ली में प्रयास किया परन्तु उनके दिल्ली में उपलब्ध न होने के कारण मुलाकात नहीं हो पायी। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा एक विस्तृत पत्र 8 जुलाई 2013 को आॅस्कर फर्नाडिस, केन्द्रीय मंत्री भूतल एवं परिवहन, भारत सरकार को लिखा था एवं उनसे आग्रह किया था कि प्रदेश में आपदा के बाद जनजीवन एवं आने वाली चार धाम यात्रा को सुचारू रूप से चलाने हेतु बी0आर0ओ0 को सड़कों के पुर्ननिर्माण हेतु समुचित धन उपलब्ध कराया जाये। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में श्री आॅस्कर फर्नाडिस को यह भी बताया था कि पिछले 03 वित्तीय वर्ष में बी0आर0ओ0 द्वारा रू 1200 करोड़ मांगे जाने के बावजूद उन्हें केवल रू0 150 करोड़ ही दिया गया। पिछले वित्तीय वर्ष (2012-13) में रू0 200 करोड़ मांगे जाने के बावजूद रू0 20 करोड़ ही दिया गया। पूर्व मुख्य मंत्री ने अपने पत्र में केन्द्रीय मंत्री को बताया कि प्रोजेक्ट शिवालिक जो लगभग रू0 300 करोड़ का कार्य प्रत्येक वर्ष में करता है उसे बहुत कम धनराशि दी जा रही है जिस कारण से उनके लोग एवं मशीनरी बिल्कुल कार्य नहीं कर पा रही तथा प्रदेश में 2012 में भारी वर्षा एवं बादल फटने के कारण हुयी सड़को की क्षति के कारण चार धाम यात्रा एवं हेमकुण्ड साहिब की यात्रा में यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012-13 में बी0आर0ओ0 को बहुत ही कम मात्रा में धन दिया गया जिस कारण से बी0आर0ओ0 सड़कों की मरम्मत एवं रख-रखाव नहीं कर सका। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आयी भीषण आपदा के बाद क्षतिग्रस्त सड़कों को दुबारा से सुचारू करने हेतु समुचित धन भी केन्द्र सरकार द्वारा बी0आर0ओ0 को नहीं उपलब्ध कराया गया। पूर्व मुख्य मंत्री द्वारा 08.07.2013 को लिखे गये पत्र का जवाब केन्द्रीय मंत्री द्वारा लगभग चार माह बाद गत 31 अक्टूबर 2013 को दिया गया। इस बीच मीडिया द्वारा जानकारी मिली कि प्रदेश सरकार बी0आर0ओ0 से कुछ सड़को को हटाकर पी0डब्लू0डी0 को देने की प्रक्रिया पर काम कर रही है। इन सब परिस्थितियों को देखते हुये पूर्व मुख्यमंत्री ने 18 दिसम्बर 2013 को तत्कालीन मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड श्री विजय बहुगुणा को भी पत्र लिखा जिसमें प्रदेश में सड़को की र्दुदशा के बारे में विस्तार से जिक्र किया तथा उन्हें बी0आर0ओ0 की सड़के पी0डब्लू0डी0 को न देने हेतु अनुरोध किया तथा उनसे भारत सरकार से बी0आर0ओ0 धन दिलाने हेतु भी अनुरोध किया जिससे कि चारधाम यात्रा को पुनः सुचारू रूप से प्रारम्भ करने हेतु सड़को का पुर्ननिर्माण हो सके। उपरोक्त परिस्थितियों से यह स्पष्ट है कि केन्द्र सरकार या केन्द्रीय मंत्री बी0आर0ओ0 को उत्तराखण्ड में सड़कों के पुर्ननिर्माण हेतु धन आंवटन के विषय में क्या सोच रखते हैं।
वित्त आयोग का तेरह सदस्यीय दल 11 को आएगा उत्तराखंड
देहरादून, 9 फरवरी (निस)। चैदहवें वित्त आयोग का तेरह सदस्यीय दल 11 व 12 फरवरी को उत्तराखंड दौरे पर आएगा। यह दल आयोग के अध्यक्ष डा. वाईवी रेड्डी (पूर्व गवर्नर भारतीय रिजर्व बैंक) के नेतृत्व में यहां पहुंचेगा। आयोग का यह 13 सदस्यीय दल 11 फरवरी को मुख्यमंत्री, मंत्रिगण और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेगा। राज्य सरकार द्वारा आयोग के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। 12 फरवरी को आयोग के द्वारा उद्योग व व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों, शहरी स्थानीय निकायों तथा पंचायतीराज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों व मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठकें भी उनके विचार जानने के लिए की जायेगी। गौरतलब है कि आयोग केन्द्र सरकार के करों में राज्य व स्थानीय निकायों को दिये जाने वाले अन्य अनुदानों के सम्बंध में संस्तुति करेगा। इस दल में सदस्य अभिजीत सेन (सदस्य योजना आयोग), सुषमा नाथ (पूर्व केन्द्रीय वित्त सचिव) डा. गोविंदा राव (पूर्व निदेशक राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान) और डा. सुदीप्तो मुंडले (पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग सदस्य अभिजीत सेन (सदस्य योजना आयोग), सुषमा नाथ (पूर्व केन्द्रीय वित्त सचिव) डा. गोविंदा राव (पूर्व निदेशक राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान) और डा. सुदीप्तो मुंडले (पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग) शामिल होंगे।
14 फरवरी से गलाती से पानी की आपूर्ति होगी बन्द, आठ माह से अन्धेरे में है गलाती
देहरादून, 9 फरवरी,(निस)। भाकपा (माले) धारचूला की ब्लाॅक कमेटी अब गलाती को ज्यादा दिन अन्धेरे में नहीं देखना चाहती है। पार्टी की आज गलाती पंचायत घर मंे हुई बैठक में तय किया गया कि 14 फरवरी की सुबह 9 बजे से गलाती से आने वाली पेयजल आपूर्ति को अनिश्चित काल के लिए ठप्प कर दिया जायेगा। इससे 15 हजार की आबादी के हलक सूख जायेंगे। भाकपा माले के जिला सचिव जगत मर्तोलिया ने धारचूला में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि गलाती में हुई पार्टी की बैठक में तय किया गया है कि अब गलाती को ज्यादा दिन अन्धेरे में नहीं रखा जायेगा। इसके लिए पार्टी ने पीने का पानी बन्द करने का ऐलान कर दिया। उन्होंने बताया कि आठ माह से एसडीएम, डीएम, पावर कारपोरेशन, उरेडा, जल विद्युत निगम के अधिकारियों के चक्कर काटते काटते अभी तक गलाती को बिजली नहीं मिल पायी। आठ माह से आपदा के बाद पूरा गांव अन्धेरे में है। जून माह में कंच्यौती पावर हाउस के बह जाने के बाद इस गांव की आपूर्ति ठप हो गयी थी। लगातार रमतोली से इस इलाके को जोड़े जाने की मांग की जा रही है। लेकिन प्रशासन और सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से 15 हजार की जो आबादी प्रभावित हो रही है उसके नाम अपील पत्र जारी किया गया है।


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