एशिया कप में अपने आखिरी मुकाबले में अफगानिस्तान को 8 विकेट से हराकर टीम इंडिया ने बोनस प्वाइंट के साथ जीत दर्ज की। कप्तान विराट कोहली ने लगातार तीन मैचों में फ्लॉप रहे खिलाड़ियों को प्लेयिंग इलेवन में बरकरार रखते हुए टीम कॉम्बिनेशन यथावत रखा। कप्तान कोहली ने टॉस के समय अपनी प्लेयिंग इलेवन के बारे में बताते हुए कहा कि वे खिलाड़ियों पर विश्वास जताना चाहते हैं। कुछ ही मैच खेलाकर बाहर करने से उनका आत्मविश्वास टूट सकता है। इसी कारण उन्होंने कोई बदलाव नहीं किया।
कोहली ने भले ही खर्चीले मोहम्मद शमी और बैटिंग में अनियमित रोहित शर्मा को प्लेयिंग इलेवन में बरकरार रखने का तर्क ढूंढ लिया हो, लेकिन पूर्व कप्तान सुनील गावसकर ने इस पर आपत्ति दर्ज करवाई है। वे कप्तान कोहली के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।
प्लेयिंग इलेवन का एलान होते ही गावसकर का पारा चढ़ गया था। उन्होंने कमेंट्री करते हुए कहा, "क्या भारतीय टीम के कप्तान चेतेश्वर पुजारा और ईश्वर पांडे को मौका देने से डरते हैं? लगता है उन्हें डर है कि कहीं पुजारा बेहतर प्रदर्शन कर कप्तान के फेवरेट खिलाड़ियों की जगह खतरे में ना डाल दें। फिर अगले मैच या टीम सेलेक्शन के दौरान वे फ्लॉप खिलाड़ियों को बरकरार रखने की वजह क्या देंगे। अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में टीम के पास खोने के लिए कुछ नहीं था। ऐसे में नए खिलाड़ियों को मौका देने में क्या हर्ज है? इसी तरह जिम्बाब्वे टूर पर परवेज रसूल बेंच पर ही बैठे रह गए थे और अब पुजारा और पांडे पानी पिलाने में लगे हैं।" गावसकर का इशारा टीम इंडिया में चल रहे फेवरेटिज्म ट्रेंड पर था। कप्तान चाहे कोई भी हो, सभी अपने-अपने फेवरेट खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में जुटे हैं।
गावसकर ने सवाल उठाया है कि चेतेश्वर पुजारा को एक भी मैच में खेलने का मौका क्यों नहीं दिया गया। ऐसा नहीं कि प्लेयिंग इलेवन में शामिल सभी बल्लेबाज धड़ल्ले से रन बना रहे थे। विराट कोहली, शिखर धवन और अजिंक्य रहाणे के अलावा कोई अन्य बल्लेबाज नियमित नहीं रहा। रोहित शर्मा ने चार मैचों में 36 के खराब औसत से कुल 108 रन बनाए। उनका बेस्ट स्कोर 56 रन का रहा। उनका एवरेज 35 के पार सिर्फ अफगानिस्तान के खिलाफ खेली 18 रन की नॉटआउट पारी के कारण पहुंचा। पाकिस्तान के खिलाफ 56 रन बनाने के अलावा वे पूरी तरह फ्लॉप रहे। वे श्रीलंका के खिलाफ 13 और बांग्लादेश के विरुद्ध 21 रन बनाकर आउट हुए।
अंबाती रायुडू 3 पारियों में कुल एक पचासा लगा सके। उन्होंने 4 मैचों में कुल 85 रन बनाए। बॉल से हिट रहे रविंद्र जडेजा ने 2 पारियों में 74 रन बनाए। दिनेश कार्तिक 4 पारियों में कुल 50 रन बना सके। इसके बावजूद कप्तान कोहली ने पुजारा को मौका नहीं दिया। पुजारा 2015 के वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम के अहम बल्लेबाज साबित हो सकते हैं। उनकी सॉलिड तकनीक ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड के मैदानों के मुताबिक है। हाल ही में टीम इंडिया न्यूजीलैंड में पिटकर लौटी है। साउथ अफ्रीका में पुजारा का प्रदर्शन बेहतरीन रहा था। जोहानिसबर्ग में उन्होंने 153 रन की पारी खेली तो डरबन में उन्होंने 70 रन बनाए। उन्होंने यह दिखा दिया कि वे सिर्फ घर के शेर नहीं हैं। इसके बावजूद उन्हें मौका देने से टीम मैनेजमेंट हिचकिचा रहा है।
.jpg)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें