भाजपा से जेडीयू के 17 साल पुराने संबंध टूटने का कारण सिर्फ नरेंद्र मोदी नहीं हैं। पहले से तय कई मुद्दों पर भाजपा की रणनीति में बदलाव के कारण जेडीयू को एनडीए से अलग होने का फैसला लेना पड़ा। प्रधानमंत्री उम्मीदवार का मुद्दा भी इनमें से एक था।
लोकसभा चुनाव के लिए 11 दलों के संयुक्त मोर्चे के गठन के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव बुधवार को पार्टी की चुनावी तैयारियों का जायजा लेने लखनऊ पहुंचे। पार्टी कार्यालय में राज्य इकाई के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बैठक में उन्होंने लोकसभी सीटों और उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की।
बुधवार को लखनऊ पहुंचे जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने यह बात कही। उन्होंने चुनाव बाद एनडीए में वापसी की किसी संभावना से इंकार कर दिया। उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव में एनडीए और यूपीए से ज्यादा सांसद तीसरे मोर्चे से जीत कर आएंगे।
तीसरे मोर्चे में शामिल दलों से सीटों के तालमेल के बारे में उन्होंने कहा कि सीपीएम और सीपीआई से बातचीत चल रही है। सपा से कुछ सीटों के तालमेल पर जल्द ही बातचीत हो जाएगी। सपा मुखिया मुलायम सिंह को तीसरे मोर्चे का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मोर्चे में पीएम बनने लायक कई नेता हैं। चुनाव बाद इस पर फैसला लिया जाएगा।
.jpg)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें