केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति दिनेश सिंह से उन पांच अधिकािरयों का निलंबन वापस लेने का अनुरोध किया है, जिन्हें स्मृति की शैक्षणिक योग्यता से संबंधित दस्तावेज कथित तौर पर लीक करने के मामले में निलंबित कर दिया गया है। स्मृति ने ट्विटर पर अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने कुलपति से अधिकारियों को पुन: बहाल करने की अपील की है।
उन्होंने लिखा, "दिल्ली विश्वविद्यालय एक स्वायत्त संस्था है। मैंने कुलपति से अधिकारियों के निलंबन को वापस लेने का निजी अनुरोध किया है। सार्वजनिक जीवन में इंसान को जांच और आलोचना के लिए तैयार रहना चाहिए।" स्कूल ऑफ ओपन लर्निग के पांच गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को शुक्रवार को स्मृति के बीए के प्रवेश पत्र लीक करने के मामले में निलंबित कर दिया था।
दिल्ली विश्वविद्यालय ने यह कार्रवाई हिंदी दैनिक में उक्त दस्तावेज के प्रकाशन के बाद की थी, जिसमें लिखा था कि स्मृति ने पिछले साल स्कूल ऑफ ओपन लर्निग में प्रवेश लिया था, लेकिन परीक्षा में शामिल नहीं हुईं। स्मृति अपनी शैक्षणिक योग्यता को लेकर विवादों में फंसी हुई हैं, जिसने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने स्मृति पर चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि स्मृति ने 2004 के लोकसभा चुनाव में अपने हलफनामे में दिल्ली विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा से 1996 में स्नातक डिग्री लेने का उल्लेख किया था। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में हलफनामे में दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निग (दूरस्थ शिक्षा) से बैचलर ऑफ कॉमर्स पार्ट-वन तक पढ़ाई करने की बात बताई है।
कांग्रेस ने एक गैर-स्नातक उत्तीर्ण व्यक्ति को मानव संसाधन विकास मंत्री बनाए जाने की आलोचना की थी। भाजपा ने इसके जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की शैक्षणिक पृष्ठभूमि पर निशाना साधा था।
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