नकारात्मक सामाजिक वार्तालापों से महिलाओं में बढ़ता है तनाव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 31 मई 2014

नकारात्मक सामाजिक वार्तालापों से महिलाओं में बढ़ता है तनाव


women-stresssed
यदि आप तनाव से खुद को बचाना चाहती हैं, तो नकारात्मक पारस्परिक बातचीत से बचें। एक नए शोध में पता चला है कि अप्रिय या अपेक्षा वाली पारस्परिक बातचीत से वृद्धों, वयस्कों और विशेषकर महिलाओं में तनाव बढ़ता है। नकारात्मक बातचीत जहां महिलाओं में तनाव बढ़ाती है, वहीं पुरुषों के मामले में ऐसा नहीं नहीं होता।

कार्नेगी मेल्लन युनिवर्सिटी की रोडलेसिया स्नीड ने कहा, "महिलाएं नकारात्मक बातचीत के मामले में बेहद संवेदनशील होती हैं।"

युनिवर्सिटी के ही शेल्डन कोहेन ने कहा, "इससे पता चलता है कि जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारा सामाजिक दायरा कितना महत्वपूर्ण हो जाता है। मजबूत और सकारात्मक सामाजिक रिश्ते अच्छे और लंबे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।"

शोध के मुताबिक दोस्तों और परिजनों के साथ नकारात्मक बातचीत से तनाव बढ़ता है, जबकि जीवनसाथी और बच्चों के साथ नकारात्मक बातचीत से भी स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह शोध जर्नल हेल्थ साइकॉलॉजी में प्रकाशित हुआ है।

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