मुख्यमंत्री ने दी कारगिल शहीदों को श्रद्धाजंलि
देहरादून, 26 जुलाई (निस)। उत्तराखंड देश की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान करने वाले वीर जांबाजों को सेल्यूट करता है। हमें गर्व है कि देश की सरहदों की हिफाजत के लिए प्राणों का आहुति देने में सदैव आगे रहे चाहे कारगिल की लड़ाई हो या पाकिस्तान व चीन के साथ अन्य युद्ध रहे हों या फिर कोई अन्य मौका रहा हो।’’ शौर्य दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गांधी पार्क में कारगिल शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी व ओएनजीसी कम्यूनिटी सेंटर में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने 1962 की लड़ाई में शहीद हुए महावीर चक्र विजेता जसवंत सिंह की माताजी को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि हमें अपने राष्ट्रनायकों पर गर्व है। पूरा भारत शहीदों को नमन करता है। राज्य सरकार वीर शहीदों की शहादत का सम्मान करती है। सैनिकों, पूर्व सैनिकों, पैरामिलिट्री व पुलिस फोर्स के जवानों व उनके आश्रितों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित हैं। पूर्व सैनिकों के प्रतिनिधियों से विचार विमर्श कर आगे भी जो कुछ भी सम्भव होगा, किया जाएगा। सरकार पूरे समर्पित भाव से सैनिकों के कल्याण के लिए काम कर रही है। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री डा.हरक सिंह रावत, विधायक उमेश शर्मा काउ, गणेश जोशी, मेयर विनोद चमोली, पूर्व मंत्री टीपीएस रावत, सचिव एमएच खान सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
राज्यपाल ने की विश्व संस्कृत सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा
देहरादून, 26 जुलाई (निस)। आगामी 26 से 28 सितम्बर, 2014 तक राजभवन देहरादून में प्रस्तावित तीन दिवसीय विश्व संस्कृत सम्मेलन को निर्धारित समय सारिणी के अनुसार उच्च स्तरीय रूप से पूर्ण करने व गति देने की दृष्टि से उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 अजीज कुरैशी ने सभी सम्बंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की। राज्यपाल ने कहा कि आयोजन की प्रत्येक व्यवस्था इतनी उच्चस्तरीय हो कि संस्कृत भाषा को आमजन की भाषा बनाने के प्रयासेंा में यह सम्मेलन मील का पत्थर साबित हो सके। संस्कृत भाषा के अस्तित्व के लिए इसका निरंतर संवर्धन किया जाना आवश्यक ही नहंीं बल्कि हम सब का धर्म होना चाहिए। उन्हानें यह भी कहा कि सभी कार्य नियमों की परिधि के अन्र्तगत समयबद्ध रूप से सम्पन्न किए जायंे। आयोजन से जुड़े सभी अधिकारियों का दायित्व है कि वे देवभूमि उत्तराखण्ड में आयोजित इस प्रथम विश्व स्तरीय आयोजन की सफलता को सुनिश्चित करने मंे अपना पूरा योगदान दे ताकि विश्वभर में राज्य की प्रतिष्ठा स्थापित हो सके और संस्कृत भाषा के प्रति वास्तविक सम्मान प्रदशर््िात किया जा सके। सम्मेलन के लिए नामित नोडल अधिकारी अपर सचिव राज्यपाल डा0 निधि पाण्डे द्वारा राज्यपाल के समक्ष तैयारियों की बिन्दुवार प्रगति आख्या प्रस्तुत करने के बाद राज्यपाल द्वारा सम्मेलन को निर्विवादित रूप से सफल बनाने के लिए कई बिन्दुओं पर महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए गये। राज्यपाल ने कहा कि सम्मेलन में पढे़ जाने वाले शोध पत्रों के चयन में निष्पक्षता व पारदर्शिता लाने के लिए कम से कम तीन या पाँच संस्कृत विद्वानों की एक समिति गठित की जाये। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक समृद्धता से परिपूर्ण कार्यक्रमों का भी प्रस्तुतिकरण हो। उन्हांेने आगामी माह में देश भर में आयोजित होने जा रहे संस्कृत सप्ताह के दौरान स्कूल तथा विश्वविद्यालय स्तर पर निबंध तथा श्रीमद् भगवत गीता के श्लोकों के ज्ञान तथा उच्चारण पर आधरित वाद-विवाद प्रतियोगितायें आयोजित करने के भी निर्देश दिए। बैठक में अवगत कराया गया कि स्मारिका हेतु राष्ट्रपति का संदेश प्राप्त हो चुका है। सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा हो इसके लिए राज्यपाल स्वंय राष्ट्रपति से अनुरोध कर चुके है। उनकी औपचारिक स्वीकृति की प्रतीक्षा की जा रही है। बैठक में सचिव राज्यपाल अरूण ढौडियाल, कुलपति संस्कृत वि.वि. प्रो. महावीर अग्रवाल, अपर सचिव राज्यपाल व आयोजन की नोडल अधिकारी डा. निधि पाण्डे, अपर सचिव पर्यटन शैलेश बगोली, अपर सचिव संस्कृत शिक्षा विनोद रतूड़ी, अपर सचिव वित्त एल.एन.पंत, वित्त नियंत्रक राजभवन पूनम सोबती, वित्त नियंत्रक संस्कृत वि.वि. एच.एस. बोनाल, निदेशक संस्कृति सुश्री बीना भट्ट, कम्पट्रोलर राजभवन प्रमोद चमोली, दूनवि0वि0 से प्रो0 कुसुम अरूणाचलम, सहित अनेक सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे।
मेयर ने किया सड़कों का निरीक्षण
रुद्रपुर, 26 जुलाई (निस)। वार्ड नं. 17 स्थित 31वीं बटालियन पीएसी में मेयर सोनी कोली ने भ्रमण किया और खस्ताहाल सड़कों को देखते हुए नई सड़कें बनवाने की घोषणा की। 31वीं बटालियन पीएसी कमांडेंट स्वीटी अग्रवाल ने पीएसी कैम्पस पहुंचने पर मेयर सोनी कोली का स्वागत किया और कैम्पस में कुछ क्षतिग्रस्त सड़कों का निर्माण कराने की मांग रखी। इस पर मेयर सोनी ने मौके पर ही जेई को बुलाकर सड़कें नापने तथा स्टीमेट बनाकर जल्द से जल्द निर्माण शुरू कराने के निर्देश दिये। श्रीमती कोली ने कहा कि पूरे नगर में विकास कार्य तेजी से कराये जा रहे हैं। नगर के किसी भी वार्ड में विकास की कमी नहीं आने दी जायेगी। नगर की जनता के हित में बड़े प्रोजेक्टों पर भी काम चल रहा है जो जल्द ही धरातल पर दिखायी देंगे। इस दौरान भाजपा प्रदेश मंत्री सुरेश कोली, पार्षद महेंद्र आर्या, जेई अनिल सिंह, परितोष माझी, सुशील यादव सहित कैम्पस के अनेक लोग मौजूद थे।
देश रक्षा में सैनिको ने हमेशा निभाया अपना धर्म: डा. हद्येश
हल्द्वानी, 26 जुलाई (निस)। शौर्य दिवस धूम-धाम के साथ मनाया गया। शौर्य दिवस के अवसर पर मेजर राजेश अधिकारी चैक (कालाढुगी चैराहा) पर काबीना मंत्री डा. श्रीमती इन्दिरा हृदयेश ने शहीद मेजर राजेश अधिकारी, लान्सनायक रामप्रसाद, लान्सनायक चन्दन सिह, सिपाही मोहन सिह व मोहन चन्द्र जोशी को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धान्जलि दी। इस अवसर पर डा0 हृदयेश ने कहा कि उत्तराखण्ड एक सैन्य बाहुल्य प्रदेश है यहा के लगभग हर परिवार से एक व्यक्ति सेना में भर्ती होकर देश सेवा करता रहा है। उन्होने कहा कि भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के सैनिको का अति विशिष्ट योगदान रहा है। उन्होने कहा यह हमारे गौरव की बात है कि जनपद व प्रदेश के वीरो से देश की सेवा में अपनी शहादत दी है। उन्होने कहा कि वीर नारियो का भी महत्वपूर्ण योगदान है। देश की रक्षा के लिए हमारे सैनिको ने हमेशा अपना धर्म निभाया है। वीरसैनिको की वजह से ही हम शान्ति से रह रहे है। उन्होने कहा देश की सीमाओ की रक्षा तथा देश की संप्रभुता एवं अखंडता बनाये रखने के लिए अपना बलिदान देने वाले बीर सैनिक सपूतो, पूर्व सैनिको एवं उनके परिजनो के मानसम्मान एवं कल्याण के लिए सरकार सदैव तत्पर है। उन्होने कहा कि सैनिको व उनके परिजनो हेतु सरकार द्वारा समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे है। उन्होने कहा कि सरकार हमेशा सैनिको व उनके परिजनो के साथ है। कार्यक्रम के दौरान मेजर जनरल इन्द्र सिह बोरा, कर्नल कार्की, सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास अधिकारी मेजर बीएस रौतेला द्वारा बीर शहीद सैनिको के जीवनी व कार्यो पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होने बताया कि कारगिल में 527 सैनिको ने शहादत दी, जिसमे से 5 हमारे जनपद के सैनिक थे। इस अवसर पर जिलाधिकारी अक्षत गुप्ता, मेजर जनरल इन्द्र सिह बोरा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विम्मी सचदेवा ने शहीद की वीरंागना उमादेवी, अनिता देवी, जयन्ती देवी, जानकी देवी तथा प्रेमा देवी को शाल भेट कर सम्मानित किया। इस मौके पर विधायक कालाढुगी बंशीधर भगत, मेयर नगर निगम डा0 जोगेन्दर पाल सिह रौतेला, जिलाधिकारी अक्षत गुप्ता, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विम्मी सचदेवा, सिटी मजिस्टेट आरडी पालीवाल, पूर्व मेजर जनरल इन्द्र सिह बोरा, कर्नल कार्की आदि द्वारा भी पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धान्जलि दी। इस अवसर पर उपजिलाधिकारी हरवीर सिह, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक आसी पुरोहित, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक एचपी विश्वकर्मा, सहायक खेल निदेशक अख्तर अली सहित अनेक सेवानितृत्त सैनिक व उनके परिजन उपस्थित थे।
शहीदों को दी गयी श्रद्धाजंलि, शौर्य दिवस के रूप में मना कारगिल विजय दिवस
रूद्रपुर, 26 जुलाई (निस)। कारगिल दिवस जनपद में शौर्य दिवस के रूप में श्रद्धापूर्वक मनाया गया है। इस मौके पर पुलिस लाईन में कारगिल में शहीद हुये बीर सैनिकों के शहीद स्मारक पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये गये। स्कूलों में छात्र छात्राओं द्वारा देश भक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयेाजित किये गये वही जनपद मुख्यालय सहित ब्लाक व तहसील स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। शहीदों की बीरांगनाओं को सम्मानित किया गया। पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी डाॅ0 पंकज कुमार पांडेय एवं क्षेत्रीय विधायक राजकुमार ठुुकराल, एसएसपी रिद्धिम अग्रवाल, सीडीओ ईवा आशीश श्रीवास्तव, प्रशिक्षु आईएएस विनीत कुमार, सेवानिवृत्त एयर मार्शल केडी सिंह आदि द्वारा कारगिल में शहीद जवानों के स्मारक परमाल्र्यापण कर श्रद्धाजंलि अर्पित की। युवा भवन में आयोजित गोश्ठी को सम्बोधित करते हुये जिलाधिकारी ने कहा कि उत्तराखण्ड की धरती बीर सपूतो से भरी पडी है। 26 जुलाई 1999 को भारतीय सैनिकों ने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देकर कारगिल के दुर्गम क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना के घुसपैठियों को भारतीय सैनिकों ने अपने अद्म्य साहस का परिचय देते हुये अपने प्राणों की आहूति दी। उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने से लेकर उसकी सीमाओं की हिफाजत तक की हर मुहिम इन बलिदानियों की कहानी के वगैर अधूरी है । कारिगल युद्ध में भी यहां के जवानों ने बहादूरी से शत्रुओं के दांत खट्टे किये और इस कोशिश में कई बीर देश के काम आये । उन्होंने कहा कि देश के लिये सर्वस्व अर्पण करने वाले वीर सैनिकों के उत्सर्ग को याद कर देश की एकता अखण्डता को अक्षुण्य बनाये रखने का संकल्प लेना ही शहीदों को सच्ची श्रद्धाजंलि होगी। इस अवसर पर श्रीु गुरूनानक बाइका व सनातन धर्म क0 इ0 कालेज की बालिकाओं द्वारा रंगारंग देशभक्ति के कार्यक्रम प्रस्तुत किये। इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा बीरता पदक प्राप्तकर्ताओं को धनराशि के चैक प्रदान किये गये, जिसके अन्तर्गत मेन्शन इन डिस्पेच के तहत सिपाही हरजीत सिंह व श्रीमती जानकी देवी को क्रमशः 25 -25 हजार तथासेना मैडल के तहत श्रीमती खीमा देवी, हवलदार केशर सिंह, नायक केशव दत्त, श्रीमती शांति देवी, सुरमा देवी, सूबेदार भवानी दत्त पाण्डे, देवकी देवी, कमला देवी, सूबेदार जसपाल सिंह, नारायण सिंह, हेमलता आर्य, सूबेदार केशर सिंह, मेजर नीरज पंत, सूबेदार प्रेम चन्द्र व सरूली देवी को 50-50 हजार के चैक प्रदान किये गये। इस अवसर पर सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी एनएन त्रिपाठी ने बतायाकि कारगिल युद्ध में पूरे देश से 527 सैनिक शहीद हुये जिसमें 75 उत्तराखण्ड के थें। जिनमें इस जनपद देा सैनिक क्रमशः पदम राम हवलदार व सिपाही अमित नेगी भी शामिल है। इस मौके पर विंग कमाण्डर राय के अलावा प्रशासनिक व जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थें।
28 से मनेेगा डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा
रूद्रपुर, 26 जुलाई (निस)। कलक्टेªट सभागार में जिलाधिकारी डाॅ0 पंकज कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में डायरिया नियन्त्रण सम्बन्धी बैठक सम्पन्न हुई। डायरिया नियन्त्रण पखवाडा 28 जुलाई से 08 अगस्त तक मनाया जायेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि इस कार्यक्रम का विस्तृत प्रचार प्रसार किया जाय ताकि आम लोगा जागरूक होकर डायरिया के प्रति सचेत होकर उससे बचने के उपाय करने के साथ ही साफ सफाई से रह सकंे। उन्होंने कहा कि आशा व एएनएम अपने क्षेत्रों में नियमित भ्रमण कर गांव वालों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि एएनएम व आशा गांवों में ठीक से कार्य कर रही है या नही इसका अनुश्रवण किया जाय। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान ग्राम पंचायतों की बैठकों के माध्यम से भी डायरिया नियन्त्रण सम्बन्धी जानकारियां लोगों तक पहुंचाई जाय। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में इसके बारे में जानकारी दी जाय ताकि मध्यान्ह भेाजन कार्यक्रमों में अधिक से अधिक साफ सफाई रखी जा सके। उन्होंने जल निगम व जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि वह जनपद के सभी स्थानों में पानी के नमूनों के सैम्पल लेकर जांच की जाय। जिलाधिकारी ने लोगों से अपील करते हुये कहा कि वह अपने आसपास की सफाई रखने के साथ साथ कटे व खराब साग सब्जियां न खायें साथ ही खुले ढाबों व दुकानों का खाना न खायें। बैठक में सीएमओ डाॅ0 राकेद्या सिन्हा, उप मुख्य चिकित्सा अघिकारी डाॅ0 बसन्त, डाॅ0 एचएस पांगती, डीपीआरओ रमेश त्रिपाठी, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक केके वाश्र्णेय के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थें।
बच्चों को बताये आग बुझाने के तरीके
रुद्रपुर, 26 जुलाई (निस)। काशीपुर बाईपास मार्ग स्थित फायर स्टेशन में आयोजित माॅकड्रिल में निकटवर्ती ग्राम शिमला पिस्तौर के कांफ्रलुएंस वल्र्ड स्कूल के बच्चों को फायर स्टेशन के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि कहीं आग लग जाने पर उसे किस प्रकार बुझाया जाता है। माॅक ड्रिल देखकर बच्चे काफी रोमांचित हुए और उन्होंने तालियां बजाकर खुशी का इजहार किया। विद्यालय के कक्षा 2 व 3 के छात्र-छात्राओं ने शिक्षकों के साथ फायर स्टेशन पहुंचकर माॅकड्रिल देखा। सीएफओ एनएस कंुवर व एफएसओ हरीश गिरी ने बच्चों को विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि जब किसी भी घर या अन्य स्थान पर किन्हीं कारणों से आग लग जाती है तो परिजनों को हतोत्साहित नहीं होना चाहिए और अपना मनोबल बनाये रखते हुए आग बुझाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आग लगने की सूचना तुरन्त 101 नम्बर पर दमकल विभाग को देनी चाहिए। इससे समय पर आग पर काबू पाया जा सकता है। फायरमैन किशनराम, लोकपाल सिंह ताकुली, नरेश कुमार, दीपक बसेड़ा, दीपक जोशी व चन्द्रप्रकाश कोली सहित चालक हरीश चन्द्र ने विभिन्न विधियों से बच्चों को आग बुझाने का माॅकड्रिल कर बच्चों को विस्तार से जानकारी दी। विभिन्न प्रकार की आगों और उसमें प्रयोग होने वाले फायर एक्सिटंग्यूशरों तथा तेल की आग को बुझाने हेतु मिनी वाटर टैंकर हाईप्रेशर से फोम डालकर आग बुझाने का डैमो दिया गया। इस दौरान बच्चे काफी उत्साहित हुए। इस मौके पर विद्यालय की शिक्षिकायें सुखविंदर कौर, नमिता जैन, स्वांजलि अरोरा व गीतांश मुंजाल आदि लोग थे।
विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग एंव मार्गदर्शन के लिए कार्यशाला
देहरादून, 26 जुलाई (निस)। रूलक ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग एवं मार्गदर्शन के साथ एक दिवसीय विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया। शिविर में नया गांव, सेवला खुर्द, देहरादून एवं भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों जैसे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, ओ.पी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय हरियाणा आदि के करीब 60 प्रतिभागी उपस्थित थे। शिविर का उद्देश्य दैनिक जीवन में उपायोगी विभिन्न कानूनों एवं मुफ्त कानूनी सहायता के प्रावधानों बारे में उनको जानकारी उपलब्ध कराना था। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं सिविल जज धमेंन्द्र कुमार सिंह ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की कार्य प्रणाली एवं मुफ्त कानूनी सहायता की आवश्यकता से ग्रामवासियों को अवगत कराया। श्री धमेन्द्र कुमार सिंह ने ग्राम वासियों को विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि निःशुल्क कानूनी सहायता के अन्तर्गत अदालत की फीस और मुकदमे में होने वाले अन्य खर्च, मुकदमा दायर करने और उसकी पैरवी करने के लिए वकील उपलब्ध करवाना, मुकदमे में दाखिल किए जाने वाले आदेश और अन्य जरूरी कागजातों की प्रमाणित नकल उपलब्ध करवाने का खर्च, मुकदमे की अपील और अन्य दस्तावेजों का अनुवाद और छपाई के साथ पेपर आदि तैयार करवाने का खर्च आदि सुविधाएँ निःशुल्क मिलती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि महिलाएँ एवं बच्चे ,नारी निकेतन या किशोर गृह, मानसिक गृह में रखे गए लोग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्य, ऐसे लोग -जिनसे भीख मँगवाई जाती है आदि इस कानूनी सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। रुलक के मुख्य शिक्षक नरेन्द्र त्रिपाठी ने प्रतिभागियों को दैनिक जीवन में कानूनी जागरुकता की आवश्यकता के बारे में बताते हुए उपभेक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के मुख्य प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने नागरिकों के मूलभूत अधिकारों, भारत के संविधान एवं पैरा लीगल स्वंयसेवक कैसे बन सकते हैं आदि पर प्रकाश डाला। रूलक की प्रशिक्षक डाॅली जोशी एवं छवि ने संयुक्त रूप से घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 पर जानकारी प्रदान की। बहुत से ग्रामीणों ने सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के पश्चात कम भुगतान दिये जाने के मुद्दों को उठाया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं रूलक विधिक दल के कानूनी विशेषज्ञ श्री उमर खान नेे ग्रामीणों की समस्याओं का निदान करते हुए उन्हें कानूनी प्रक्रिया एवं प्राधिकरण पर जानकारी प्रदान की। यह शिविर रुलक में इन्टर्नशिप कर रहे विधिक छात्र छवि, उन्नति, मानसी, राधा और शिवम के द्वारा आयोजित किया गया। शिविर संचालन में राजीव पुरी वरिष्ठ सामाजिक कार्यकत्र्ता ने सक्रिय भूमिका निभाई। शिविर का समापन रूलक के मास्टर ट्रेनर अरविंद शर्मा द्वारा सभी ग्रामवासियों को धन्यवाद देते हुए बताया कि रुलक संस्था पिछड़े इलाकों में इस प्रकार के कानूनी जागरुकता शिविरों का आयोजन करता रहता है।
मुख्यमंत्री ने की सोनिया गांधी से मुलाकात, जनता के कांग्रेस को आशा की नजरों से देख रही है -सीएम
देहरादून, 26 जुलाई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी से मुलाकात की। उनके साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, प्रदेश प्रभारी अम्बिका सोनी, सांसद महेंद्र सिंह माहरा, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, हाल ही में नवर्निवाचित विधायक डोईवाला से हीरासिंह बिष्ट व सोमेश्वर से रेखा आर्य भी थे। श्रीमती गांधी ने मुख्यमंत्री हरीश रावत व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को बधाई देते हुए कहा कि जनता ने जिस विश्वास के साथ जिताया है, उसपर खरा उतरने के लिए मुख्यमंत्री व अन्य दोनों विधायकों को पूरी तत्परता से काम करना होगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने देवभूमि उत्तराखण्ड की जनता व पार्टी के कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। उत्तराखण्ड की जनता ने जो संदेश दिया है, उस का व्यापक असर पूरे देश पर होगा। स्पष्ट हो गया है कि केंद्र की नई सरकार अपने वायदों को पूरा करने में विफल रही है जिससे आम व्यक्ति फिर से कांगे्रस की ओर आशा भरी नजरों से देख रहा है। श्रीमती गांधी ने सीएम से कहा कि उत्तराखण्ड की जनता को उनकी सरकार से काफी उम्मीदें है। उन्हें आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए और अधिक मेहनत से काम करना होगा। गुड गर्वनेंस का परिणाम धरातल पर दिखाना होगा। मुख्यमंत्री ने श्रीमती गांधी को प्रदेश सरकार की योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि गैरसैंण भावना के अनुरूप सीमांत व दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों तक विकास का लाभ पहुंचे, इसके लिए सरकार विशेषतौर पर प्रयासरत है। सुगम व सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा विकट परिस्थितियों में भी दिन रात काम किया गया। सुरक्षित उत्तराखण्ड का संदेश देने में सरकार सफल रही है। पिछली बार की भीषण आपदा के बावजूद 3.5 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आए। इस बार विशेष सतर्कता बरती गई। भारी बरसात होने के कारण सावधानी के तौर पर यात्रियों को कई बार सुरक्षित स्थानों पर रोका गया। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना को लागू करने में उत्तराखण्ड पहला राज्य रहा। इसकी प्रभावी माॅनिटरिंग की जा रही है। आमजन के आवश्यक कार्य समय से हो सकें, इसके लिए सेवा का अधिकार लागू कर दिया गया है। सेवा आयोग का गठन कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र में जब यूपीए सरकार थी तो श्रीमती गांधी के निर्देशों पर उत्तराखण्ड के लिए ग्रीन बोनस, आपदा मद में 4 हजार करोड़ रूपए की अतिरिक्त सहायता की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई थी। साथ ही विभिन्न रेल परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई थी। परंतु वर्तमान केंद्रीय सरकार ने उत्तराखण्ड की पूरी तरह से उपेक्षा की है। इसे उत्तराखण्ड की जागरूक जनता ने भी समझा है। राज्य सरकार को जनता के विश्वास से और अधिक एकजुट होकर काम करने की प्रेरणा मिली है।
खंडूडी ने केन्द्र से मांगा रूद्रप्रयाग में सैनिक स्कूल
देहरादून, 26 जुलाई (निस)। उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल (से.नि.) भुवन चन्द्र खण्डूड़ी एवीएसएम ने आज लोक सभा में प्रश्न काल के दौरान जनपद रूद्रप्रयाग में केन्द्र सरकार द्वारा सैनिक स्कूल खोले जाने हेतु प्रश्न उठाया। पौड़ी गढ़वाल सांसद ने संसद में कहा कि गढ़वाल क्षेत्र का आजादी से पूर्व ही भारतीय सेना में भारी योगदान रहा है। गढ़वाल निवासी भारी संख्या में सेना एवं अर्ध सैनिक बलों में अपना योगदान देते आ रहे हैं। आजादी से पूर्व प्रथम विश्व युद्ध में हाइएस्ट गैलेन्ट्री अवार्ड विक्टोरिया क्रास भी गढ़वाल राइफल्स श्री गब्बर सिंह नेगी को दिया गया था। आजादी के बाद भी प्रथम अशोक चक्र 1952 में गढ़वाल से गोरखा राइफल्स में नायक नर बहादुर थापा को दिया गया। पौड़ी गढ़वाल सांसद ने कहा कि वह इस विषय में भारत सरकार के वित्त मंत्री एवं रक्षा मंत्री अरूण जेटली से भी वार्ता करेंगे। पौड़ी गढ़वाल सांसद राज्य सरकार से भी इस विषय में जमींन आदि उपलब्ध कराने हेतु वार्ता कर अनुरोध करेगें।
दर्जनभर से अधिक स्कूल है बदहाल स्थिति में
कोटद्वार, 26 जुलाई (निस)। सब पढ़े सब बड़े का नारा भले ही सुनने में अच्छा लगता हो लेकिन ऐसे में पौड़ी जिले के दर्जनभर से अधिक विद्यालय आज भी अपनी कई मुलभूत सुविधाओ से महरूम हैं, जिनमें से एक विद्यालय कोटद्वार का राजकीय प्राथमिक विद्यालय नम्बर 3 भी है, जो इन दिनों बदहाल पडा हुआ है, प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी तो है ही इसके अलावा विद्यालय में मुलभूत सुविधाओं का अभाव भी है, नतीजतन 200 से अधिक छात्र संख्या वाले इस विद्यालय में बच्चों की पढाई पूरी तरह से चैपट हो गयी है, और बच्चों का भविष्य भी अधर में लटका हुआ है, लेकिन इसके बावजूद भी शासन प्रशासन और शिक्षा महकमा इस ओर आंखे मूंदे बैठा है। कोटद्वार नगर पालिका क्षेत्र के अन्र्तगत वार्ड नम्बर 4 के लकडी पडाव क्षेत्र के नौनिहालों को बेहतर शिक्षा मुहैया करवाने को लेकर शिक्षा विभाग ने वर्ष 1962 में यहां पर राजकीय प्राथमिक विद्यालय नम्बर 3 खोला, लेकिन वर्तमान में इस विद्यालय की हालात काफी खस्ताहाल बनी हुई है, विद्यालय में शिक्षकों का अभाव तो है ही इसके अलावा यहां पर उचित संसाधन भी मौजूद नहीं है, जिसके चलते 200 से अधिक छात्र संख्या वाले इस विद्यालय में छात्रों का पठन-पाठन पूरी तरह से चैपट हो गया है। विद्यालय में वर्तमान में चार अध्यापक कार्यरत हैं, जिसमें भी एक अध्यापक प्रधानाचार्य के पद के रिक्त होने से उनका कार्य संभाल रहा है, जिससे छात्रों की पढाई पूरी तरह से अव्यवस्थित हो गयी है। वहीं विद्यालय में प्रधानाध्यपक का पद भी रिक्त होने से विद्यालय के अन्य कार्य भी शिक्षकों को ही पूरा करना पडता है, जिससे विद्यालय में छात्रों का पठन पाठन ठप हो जाता है। अब ऐसे में इस विद्यालय मे पढने वाले छात्र-छात्राओं का भविष्य पूरी तरह से अध्ंाकार में पडा हुआ है, लेकिन न तो इस ओर शासन प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही शिक्षा महकमा। विद्यालय के अध्यापिकाओं के अनुसार विद्यालय में छात्र संख्या अधिक है, लेकिन इसके सापेक्ष यहां पर शिक्षक नहीं हैं, विद्यालय से तीन अध्यापक कार्यमुक्त हो चुके हैं और साथ ही प्रधानाध्यापक का पद भी रिक्त है जिससे छात्रों के पठन पाठन में व्यवधान होना स्वाभाविक है, इसके अलावा विद्यालय में संसाधनों की भी काफी कमी है। विद्यालय के छात्राओं के मुताबिक शिक्षकों की कमी के कारण उनकी पठन पाठन में काफी दिक्कतें आती हैं, जिससे उनके भविष्य के साथ भी खिलवाड हो रहा है। वहीं दुगड्डा ब्लाक की खंण्ड शिक्षा अधिकारी सुषमा दास ने कहा कि शिक्षा महकमे को विद्यालय में छात्र संख्या के सापेक्ष शिक्षकों की कमी की सूचना दे दी गयी है और जल्द ही यहां पर रिक्त पडे पद भर दिए जाएगें। भले ही उत्तराखंण्ड सरकार सूबे में सर्व शिक्षा अभियान के जरिये शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए लाखों करोडो रूपये खर्च कर पानी की तरह बहा रही हो और राष्ट्र बेहतर शिक्षा व्यवस्था की बात कर रही हो। लेकिन इन विद्यालयों की हालात को देखते हुए लगता नहीं है कि राजकीय शिक्षा व्यवस्था सुधर रही है जब सूबे के विद्यालयों में शिक्षक ही पूरे नहीं रहेगें तो छात्रों का पठन पाठन आखिर कैंसे बेहतर हो पाएगा ये सोचने वाला विषय है। अब ऐसे में शिक्षा महकमा कब तक इन महरूम विद्यालयों की सुध लेता है, ये तो आने वाला वक्त बतायेगा।
वेतन ने मिलने से रोजी रोटी का संकट
कोटद्वार, 26 जुलाई (निस)। गढवाल दुग्ध संघ के कर्मचारियों को मार्च माह से वेतन न मिलने पर कर्मचारियों में खासा रोष है इसी को लेकर आज कोटद्वार में कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध प्रदर्शन जाहिर किया। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें मार्च माह से अब वेतन नहीं मिला है जिसके चलते उनके सामने अब रोजी रोटी के साथ साथ बच्चों के स्कूल फीस, स्कूल ड्रेस व ईलाज करवाने का संकट खडा हो गया है। साथ ही वेतन के समक्ष बैंक से लिए गए ऋण की धनराशि पर लगातार ब्याज बडता जा रहा है। यदि कुछ समय और तक वेतन नहीं मिला तो कर्मचारियों के समक्ष भुखमरी गहरा संकट उत्पन्न हो जाएगा। कर्मचारियों ने गढवाल दुग्ध संघ श्रीनगर गढवाल के प्रधान प्रबंधक से मांग करते हुए कहा कि समस्या को दूर करने के लिए जल्द ही ठोस कदम उठाने चाहिए अन्यथा दुग्ध संघ कर्मचारी आमरण अनशन को मजबूर होगें। इस मौके पर भारत सिंह नेगी, तोताराम कुक्रेती सहित कई कर्मचारी मौजूद रहे।
काॅलेज में बायोमट्रिक मशीन बनी बबाल का कारण, आधूनिकता के नाम पर शिक्षकों का अपमान
देहरादून, 26 जुलाई (निस)। शिक्षा में अमूलचूल परिवर्तन की बाते अब आकाशीय हो गई है। हवाई किले बनाना तथा आधूनिकता के नाम पर शिक्षकों को परेशान करने की एक परंपरा सी प्रारंभ हो गई है। हालांकि शिक्षा में सुधार के कदम स्वागत योग्य होना चाहिए पर केवल उपस्थिति से ही नही वरन शिक्षा के गुणवत्ता व व्यवस्था में सुधार भी होना चाहिए। देहरादून के दो प्रमुख काॅलेजों में शिक्षकों की उपस्थिति कि लिए बायोमट्रिक पद्वति अपनाने का निर्णय लिया गया है। लेकिन यह व्यवस्था तब और कारगर साबित होती जब दोनों संस्थान शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाते, भवन, शिक्षकों, कर्मचारियों की कमी, जनसुविधाओं की ओर भी ध्यान देेते। लेकिन ऐसा नही हो रहा है जिसके कारण यह समस्या बढ़ रही है। डीबीएस काॅलेज के बाद अब डीएवी काॅलेज में भी शिक्षकों की उपस्थिति के लिए ही बायोमेट्रिक मशीन लगाने जा रहा है जिस पर अब गुरूजी को अंगुठा लगाना होगा। इसके लिए एक संस्था से करार कर लिया गया है। प्राचार्य डाॅ देवेन्द भसीन मानते है कि बायोमेट्रिक प्रणाली से शिक्षकों की उपस्थिति में बढ़ोतरी होगी और शिक्षक भी काॅलेज में रह कर अपने शिक्षण व्यवस्था को प्रभावी बनाएंगे। प्राचार्य के बयान के ठीक विपरित शिक्षकों का कहना है कि यह उनके अपमान का एक माध्यम है। प्राचार्य इस व्यवस्था को जानबूझकर लागू कर शिक्षकों अपमान का प्रबंध कर रहे है। पिछले दिनों काॅलेज की अव्यवस्थाओं को लेकर शिक्षकों ने सीएम हरीश रावत से भेंट की अैार वहां पर इस व्यवस्था का विरोध किया था। उनका कहना है कि काॅलेज पहुंचने और छोड़ते समय दो बार बायोमेट्रिक मशीन पर जाकर अंगूठा लगाना शिक्षकों का भारी अपमान है जो मानने योग्य नही है। वैसे इस व्वस्था को आगे बढ़ाने में सरकार की भी रजामंदी है। इस मामले पर फिलहाल तीनों पक्ष झुकने को तैयार नही है। न काॅलेज, न शिक्षक, न ही सरकार। प्राचार्य देवेन्द्र भसीन की माने तो यह व्यवस्था सरकारी निर्देशानुसार की गई है और इसे अगस्त से लागू कर दिया जाएगा । इसी आाधार पर शिक्षकों का वेतन और व्यवस्थाएं बनेगी। उनका मानना है कि एक शिक्षक व प्राचार्य होने के नाते वे सरकार के नियमों से बधे है वा सरकार के निर्देशानुसार बायमेट्रिक तथा हस्तक्षकर की दोहरी व्यवस्था की जा रही है। प्राचार्य होने के नाते इन व्यवस्थाओं का पालन कराना उनकी जिम्मेदारी है। जबकि शिक्षकों का कहना है कि यह व्यवस्था तुगलगी व्यवस्था है इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। शिक्षक काॅलेज को आधुनिक बनाए वैगर इस व्यवस्था को नही मानेंगे। शिक्षकों का कहना है वो चाहते है कि पहले वहां की मूलभूत व्यवस्थाएं ठीक जाए शिक्षण का माहौल दिया जाए। इसके बाद कोई भी वैज्ञानिक प्रणाली लागू किया जाए लेकिन बिना व्यवस्था बनाए इस व्यवस्था को स्वीकार नही करेंगे।
यह हिटलरी फरमान है - डा.ॅ सचान
इस व्यवस्था को हिटलरी फरमान की संज्ञा देते है वरिष्ठ पूर्व प्राध्यापक एवं सपा के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. सत्य नारायण सचान। डाॅ. सचान का कहना है कि यह व्यवस्था अनावश्क रूप से प्रशासनीक दबाव बनाने का कारण है। शिक्षक अपने मामले में कही कोई कमी नही छोड़ता लेकिन काॅलेज प्रशासन जानबूझकर उस पर दबाव डालना चाहता है और ऐसी कोई कमी नही छोड़ना चाहता जो उसे परेशान न करने वाली है। बायोमेट्रिक व्यवस्था भी ऐसी एक व्यवस्था है। सचान ने याद दिलाया कि काॅलेज प्रशासन को यदि इनती ही चिंता है तो पहले भवन व्यवस्थाएं व माहौल बनाए। बिल्डिंग गिर रही है। वर्षो से भवन का पुताई तक नही हुई है। बैठक तक के लिए अन्य अनहाईजैनिक व्यवस्था। एक शिक्षा को बैठने को जितनी जगह और अन्य व्यवस्था चाहिए वह तो काॅलेश प्रशासन उपलब्ध नही कराता । भेड़ बकरियों की तरह शिक्षक बैठने को मजबूर है। ऐसे में अब बायोमेट्रिक व्यवस्था लाकर काॅलेश प्रशासन क्या करना चाहता है। यह अपने आप में किसी दण्ड से कम नही है।
उत्तराखंड में युद्व स्तर पर सडक निर्माण की जरूरत: निशंक
देहरादून, 26 जुलाई (निस)। पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद हरिद्वार डा रमेश पोखरियाल निशंक ने संसद में राष्टीय राजमार्ग विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कहा कि हिमालयी राज्यों की सीमाओं पर युद्व स्तर पर सडकों का निर्माण किया जाए जो कि देश की सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है और यात्रा मार्गों को चाहे वह जम्मू कश्मीर हो या उत्तराखंड अथवा अन्य हिमालयी राज्य, इन मार्गों को सुदृढ़ करने के लिए सीधे केन्द्रीय एजेंसी के नियंत्रण मंे रखा जाए ताकि चार धाम यात्रा बाधित न हो। डा निशंक ने कहा कि उत्तराखंड दो दो विदेशी सीमाओं से घिरा हुआ है और यहां सडक मार्गों की स्थिति सुदृढ़ नही है। चीन ने सीमा क्षेत्र तक सडक मार्ग बना दी है। उत्तराखंड के चार धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हेमकुंड, रीठा साहिब, पीरान कलियन तथा हरिद्वार ऋषिकेश में पूरी दुनिया उमडती है। ऐंसे में यहां पर सडकों को सुदृढ किये जाने की जरूरत है। देश और दुनिया के लोग पवित्र भावनाओं के साथ देव दर्शन के लिए उमडते हैं, लेकिन मार्गों की स्थिति ठीक न होने के कारण परेशानी से जूझते हैं और घंटो जाम तथा सप्ताह व महीनों तक सड़कों का अवरूद्व रहना देश हित में नही है। केदारनाथ-बद्रीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री सहित कैलाश मानसरोवर की यात्रायें विदेशी सीमाओं से लगे हैं। सामरिक तथा यात्रा की दृष्टि से इन सडकों का नियंत्रण केन्द्र सरकार को अपने हाथ में लेकन सीमाओं तक विस्तार देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में सामान्य सी स्थिति में 20 लाख से 50 लाख यात्री प्रतिदिन आते हैं और कांवड की दृष्टि से कभी एक दिन में एक करोड लोगों का आवागमन भी होता है। सडकों की वैकल्पिक व्यवस्था और ओवर व्रिज के निर्माण के अभाव में यहां घंटों तक जाम लगा रहता है। इसके लिए दिल्ली से देहरादून, दिल्ली-हरिद्वार-ऋषिकेश तक हर हालमें फोर लेन की सडकों और ओवर ब्रिजों का निर्माण जरूरी है। 2016 में हरिद्वार में अद्र्वकुंभ होना है और यदि इसकी व्यवस्था अभी नहीं की गयी तो भारी परेशानी का सामना करना पड सकता है। हरिद्वार जहां धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है वहीं औद्योगिक दृष्टि से देश के गिने चुने स्थानों में एक है। मुज्जफरनगर से भगवानपुर होते हुए देहरादून तथा हरिद्वार-ऋषिकेश-देहरादून मार्ग अति महत्वपूर्ण है जो देश के लोगों की भावनाओं का केन्द्र है। इन्हें एक अलग बहुआयामी परियोजना तैयार कर युद्व स्तर पर कार्य करने की जरूरत है, उन्होंने चुनिंदा एक्सप्रेस वे दिल्ली से हरिद्वार-ऋषिकेश और दिल्ली से देहरादून किये जाने की मांग की, उन्होंने कहा कि देहरादून-मसूरी, हरिद्वार तथा ऋषिकेश में पूरा देश जाना चाहता है और वहां पर सुविधायें दी जानी चाहिए। विषम भौगोलिक परिस्थितियों, सामरिक तथा देश की अखंडता को देखते हुए हिमालयी राज्यों को विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। साथ ही प्रधानमंत्री ग्राम सडक मार्ग से हर गांव को जोडा जाना चाहिए। केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने डा निशंक को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही केन्द्र सरकार की उच्च स्तरीय समिति राष्ट्रीय राजमार्गों की समीक्षा कर मार्गों के सुदृढीकरण और निर्माण कार्य शुरू किये जाएंगे।
कठपुतली कला शिक्षा के लिए सार्थक: वत्स
रुड़की, 26 जुलाई (निस)। सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र (सीसीआरटीं) उदयपुर में 9 से 24 जौलाई तक पुतलीकला की शिक्षा में भूमिका विषयक कार्यशाला में भाग लेकर लौटेे जनपद हरिद्वार के शिक्षक संजय वत्स ने कहा है कि कठपुतली कला सदियों से न केवल मनोरंजन करती आई है वरन् दर्शकों को शिक्षित भी करती आई है। उन्होंने कहा कि बच्चों को पढाने की दिशा में यह कला न्यू एजूकेशन के तौर पर सार्थक साबित होगी। कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चे इस विध के उपयोग से न सिर्फ आकर्षित होंगे बल्कि उनमे पाठ्यक्रम के अनुरुप स्थाई समझ भी विकसित होगी। कार्यशाला में प्रतिभाग करके लौटे रुड़की ब्लाॅक अन्तर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडपुर के शिक्षक संजय वत्स ने बताया कि जो काम शिक्षक कर सकता है उसे कठपुतली भी कर सकती है वह नाच सकती है, बात कर सकती है, गा सकती है, कूद सकती है, पढ सकती है और पढा भी सकती है। कठपुतलियों के साथ कक्षा जीवन्त हो सकती है। उन्होंने बताया कि बच्चे इन कठपुतलियों को अपनी अभिव्यक्ति के माध्यम की तरह इस्तेमाल कर सकते है और बोलने में अपने संकोच को दूर कर सकते है। कठपुतलियों का इस्तेमाल कक्षा मे सामान्य जोश पैदा करने, बातचीत करने, निर्देश देने या बच्चो को भाषा से परिचित कराने के लिए नायाब पहल होगी। इनका प्रयोग गानों, सामुहिक गायन, वार्तालापों, आशु रचनाओं व नाटकों में सहजता से किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अभी तक किताबों की कहानियों को मौखिक रुप से सुनाया जाता था लेकिन कहानियों के साथ साथ खुद बच्चों द्वारा बनाई गई कहानी का इस्तेमाल कठपुतलियों के माध्यम से करने से उनकी दिलचस्पी तो बढेगी ही साथ स्थाई समझ भी विकसित होगी। उन्होंने बताया कि अभी तक धगा कठपुतलियों को बाबत ही सभी को जानकारी थी लेकिन कक्षा शिक्षण के दौरान अब शिक्षक दस्ताना कठपुतली, रोड़ कठपुतली, मास्क कठपुतली, फिंगर कठपुतली का प्रयोग कर शिक्षण कार्य को रोचक बनायेंगे। संजय वत्स बताया कि कुछ कठपुतलियां शिक्षकों के लिए निर्देशित पाठों में उपयोग करने वाली है तो कुछ बच्चों के द्वारा तैयार कराकर उन्ही से ही इसका संचालन कराने लायक है। इन गतिविध्यिों से कक्षा निसंदेह शुभंकर बनेगी। विद्यालय में नामांकित बच्चे के ठहराव की समस्याओं से भी इस रोचकता से बेहद सफलता मिलेगी। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में विद्यालयवार इसका प्रशिक्षण भी दिया जाना प्रस्तावित है।
यज्ञ-पूजन कर विशाल भंडारे का आयोजन
रुड़की, 26 जुलाई (निस)। राजेन्द्र नगर स्थित शिव मन्दिर में शिवरात्री के उपरान्त आज यज्ञ-पूजन कर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमे सैकड़ो लोगो ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। आज श्री ताकेश्वर शिव मन्दिर ट्रस्ट द्वारा राजेन्द्र नगर में यज्ञ-पूजन के बाद विशाल भंडारा आयोजित किया गया। जिसमें सैकड़ो लोगो ने प्रसाद ग्रहण किया। यह भंडारा पूर्व की भांति शिवरात्री के उपरान्त अगले दिन आयोजित किया गाया। इस मौके पर ताकेश्वर शिव मन्दिर ट्रॅस्ट के अध्यक्ष देवी दयाल ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा हर दूसरे व तीसरे माह में भंडारे के साथ ही जागरण, कीर्तन आदि का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि श्रीमति सीमा कश्यप पत्नी सुभाष कश्यप द्वारा मन्दिर के लिए यह जमीन दान में दी गई थी जिस पर मन्दिर का निर्माण ट्रस्ट द्वारा कराया गया और आठ जुलाई 11 को मन्दिर में मूर्ति स्थापना की गई जिसका उद्घाटन महिपाल सिंह की पत्नी के करकमलो द्वारा किया गया था। भंडारे में उपाध्यक्ष रामगोपाल कंसल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन शर्मा, कोषाध्यक्ष देव शर्मा त्यागी, उप कोषाध्यक्ष भारत भूषण, सचिव नरेश पुंडीर एडवोकेट, उपसचिव सतपाल शर्मा, आॅडि़टर प्रेमचंद त्यागी, प्रवक्ता मनोज अग्रवाल, सह-संरक्षक मा. जयपाल, केपी सिंह, एसके गुप्ता, संजय शर्मा, राजीव शर्मा, बाबूराम चैहान, जीडी गुप्ता, शिवकुमार गुप्ता, मौजूद रहे।
इंटक की बैठक टेªड यूनियन के कार्यालय में सम्पन्न
रूड़की, 26 जुलाई (निस)। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) की एक बैठक प्रदेश सचिव इंटक की अध्यक्षता में राजकीय सिंचाई उद्योगशाला कर्मचारी टेªड यूनियन के कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश सचिव इंटक अरविन्द राजपूत ने बताया कि राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने डोईवाला विधान सभा में भारी मतों से जीत हासिल की है। हीरा बिष्ट की सम्मानजनक जीत से प्रदेश इंटक और मजबूत होगी साथ ही प्रदेश में स्थिर सरकार देने में मुख्यमंत्री हरीश रावत के हाथों को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि सीएम हरीश रावत ने धारचूला विधनसभा क्षेत्र से अप्रत्याशित जीत उनके द्वारा प्रदेश में कराये गये अनेक विकास कार्यो का प्रमाण है। प्रदेश सचिव अरविन्द राजपूत ने इंटक के विजयी प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट, सीएम हरीश रावत को बधाई देते हुए आशा जताई है कि यह सरकार मजदूरो, कर्मचारियों तथा जनता की परेशानियों को प्राथमिकता के आधर पर दूर करायेगी। इंटक किसी भी स्थिति में मजदूरों व कर्मचारियों का शोषण नही होने देगी। उन्होंने इस मौके पर एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया। बैठक में जिला अध्यक्ष राकेश राजपूत, सुनील अग्रवाल, जयप्रकाश जैन, ओमप्रकाश गिरी, ऋषिपाल, साजिद, सतीश शर्मा, सुभाष राठी, देशपाल सिंह, चै. मोहकम सिंह, भगत सिंह, चै. अक्षय, जगदीश बहुगुणा, नसरत अली, निरंजन, रामपाल, प्रदीप चैहान, हरीशंकर आदि मौजूद रहे।
पसरी गन्दगी की दुर्गन्ध से क्षेत्रीय जनता परेशान
धनौरी, 26 जुलाई (निस)। जहां कांवड मेला समाप्ति के बाद एक और प्रशासन ने राहत की सांस ली वही कांवड पटरी पर दौलतपुर से लेकर धनौरी कृषि विज्ञान केन्द्र तक पसरी गन्दगी की दुर्गन्ध से क्षेत्रीय जनता परेशान है। गौरतलब है कि हर वर्ष कांवड मेला समाप्ति के बाद तेज बारिश हो जाती थी लेकिन इस वर्ष हल्की बारिश की बौछार से नहर किनारे कांवड पटरी पर लगे जगह-जगह गन्दगी के ढेरों से दुर्गन्ध फैल रही है जिससे इस मार्ग से होकर गुजरना क्षेत्रीय जनता के लिए भारी परेशानी का सबब बनी हुई है। यदि शीघ ही तेज बारिश नही होती या प्रशासन इस गन्दगी की सफाई नही कराता तो यहां संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। घाड विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुभाष सैनी ने प्रशासन से इस पटरी पर फैली गन्दगी की सफाई कराने की मांग की है वही दूसरी और ग्रामीण योगेश सैनी, माधेराम सैनी, मीर आलम, रामचन्द सैनी, रघुवीर सिंह ने भी जनप्रतिनिध्यिों से इस गन्दगी को दूर कराने की मांग की है।
बसों के रूट बदले
देहरादून, 26 जुलाई (निस)। उत्तराखंड परिवहन निगम ने सहारनपुर में दंगों के कारण लगे कफ्रर्यू व दंगों की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए बसों के रूट में परिवर्तन कर दिया। इस दौरान दिल्ली व जयपुर की बसों को वाया हरिद्वार से भेजी गयी। विदित हो कि कांवड यात्रा के चलते पहले ही दिल्ली व जयपुर की बसों का रूट डायवर्ट किया हुआ था, लेकिन गत सायं से दिल्ली की बसें वाया रूड़की से जानी शुरू हुई। यह व्यवस्था परवान चढ़ी ही नही थी कि शनिवार को सुबह सहारनपुर में हुए दंगो को दृष्टिगत रखते हुए उत्तराखंड परिवहन निगम ने दिल्ली की बसों का रूट परिवर्तित कर दिया। निगम से मिली जानकारी के मुताबिक यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए दोपहर के समय दिल्ली व जयपुर की बसों को वाया रूड़की से न भेजकर वाया हरिद्वार से भेजी गयी।
शिव सेना ने दी प्रशासन को बधई
हरिद्वार, 26 जुलाई (निस)। शिव सेना जिला कार्यकारिणी की बैठक आज आर्यनगर चैक स्थित कैम्प कार्यालय में जिला प्रमुख अशोक शर्मा की अध्यक्षता मंे सम्पन्न हुई जिसमें सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर कांवड़ मेला सकुशल सम्पन्न कराने के लिये जिला एवं पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त किया। सनातन धर्म की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा के निर्विधन सम्पन्न होने पर हर्ष व्यक्त करते हुए शिवसेना जिला प्रमुख अशोक शर्मा ने कहा कि सनातन धर्म के पर्व सर्व समाज के लिये कल्याणकारी होते हैं जो सभी को सुख एवं समृद्धि प्रदान कर सामाजिक एकता का संदेश देते हैं। विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा की व्यवस्था के रूप में देवभूमि के द्वार पर पुलिस एवं जिला प्रशासन ने जिस मुस्तैदी के साथ इतना बड़ा अनुष्ठान सम्पन्न कराया वे साधुवाद के पात्र हैं और शिवसेना उनके कार्य का सम्मान करती हैं। जिला महासचिव राकेश कुमार कश्यप ने कावंड़ यात्रा की सफलता एवं निर्विघ्न सम्पन्न कराने के लिये जिला एवं पुलिस प्रशासन के साथ ही व्यापारी एवं सामाजिक संगठनों के योगदान की सराहना करते हुए उन्हांेने हरिद्वार की जनता के धैर्य की भी सराहना की है जिसने एक सप्ताह तक लगातार कठिनाइयां झेलते हुए भी धैर्य नहीं छोड़ा और सेवा शिविरों के माध्यम से कांवडि़यों की सेवा की। इस अवसर पर विजेन्द्र कुमार कपिल, सुलेखन सिंह, नन्द किशोर, शोभा पाहवा, अक्षय कुमार, रणजीत, रोहित कुमार, विक्रम, अनीता देवी, रेखा देवी, अन्नु, सुरेश देवी आदि मौजूद थे।
गादली गंगा स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु
हरिद्वार, 26 जुलाई (निस)। श्रावणी अमावस्या स्नान पर देश भर से आए श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी पर गादली गंगा स्नान किया। श्रावण मास का कांवड़ मेला संपन्न होने के पश्चात अमावस्या स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। इसे गादली गंगा स्नान भी कहा जाता है। देश भर से श्रद्धालु गादली गंगा स्नान करने हरिद्वार पहुंचते हैं। हरियाणा से सर्वाधिक संख्या में श्रद्धालु गादली गंगा के लिए स्नान करने आते हैं। वर्षा काल में पहाड़ों में लगातार बारिश होने से गंगा जल गादला हो जाता है। इसलिए इन दिनों में गंगा को गादली गंगा भी कहा जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि वर्षा काल में पहाड़ों से बहकर आने वाले जल में पर्वतीय जड़ी बूटियों का रस भी मिला होता है। जिससे कई प्रकार के चर्मरोग आसानी से ठीक हो जाते हैं। अमावस्या से शुरू होने वाला गादली गंगा स्नान श्रावणी पूर्णिमा तक अनवरत रूप से चलता है। शनिवार को अमावस्या स्नान को आए श्रद्धालुओं ने स्नान के पश्चात पौराणिक नारायणी शिला तथा कुशावर्त घाट आदि पर पुरोहितों की देखरेख में पितरों के निमित्त होने वाले कर्मकाण्ड भी संपन्न कराए।
शिव और शनि दोनों ही शक्ति का अवतार हैं: महंत परशुराम
हरिद्वार, 26 जुलाई (निस)। जूना अखाड़ा के कोठारी महंत परशुराम गिरी ने कहा है कि श्रावण मास सनातन संस्कृति का महत्वपूर्ण महीना है जिसमें शनिश्चरी अमावस्या का स्नान और दान व्यक्ति की समृद्धि के द्वार खोलता है। उन्होंने कहा कि शिव और शनि दोनों ही शक्ति, समृद्धि एवं न्याय के देवता हैं जो अपने भक्तों पर कृपा कर सुख एवं सम्पन्नता प्रदान करते हैं। चण्डी घाट स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन में शनिश्चरी अमावस्या के उपलक्ष में आयोजित श्रावण समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुए जूना अखाड़ा के कोठारी महंत परशुराम गिरी ने श्रावण मास की महिमा एवं सन्यास परम्परा के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान शनि क्रूर नहीं हैं वे समाज को उसके कर्मों के अनुरूप फल प्रदान करते हैं और श्रावण मास के शनिवार को जब अमावस्या का योग बनता है तो पुण्यफल सौगुना अधिक हो जाता है। मुख्य अतिथि मेयर मनोज गर्ग ने कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन की सेवायें दिव्य हैं जो दीन दुखियों की सहायता कर भगवत प्रेम का मार्ग प्रशस्त करती है श्रावण मास के कावंड़ मेले की सकुशलता तथा भगवान शनि देव को प्रसन्न करने के लिये जिस समारोह का आयोजन किया है वह समय की जरूरत एवं समाज के कल्याण हेतु उपयोगी सिद्ध होगा। अध्यक्षता कर रहे जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव म0 देवानंद सरस्वती ने शनिश्चरी अमावस्या का महत्व समझाते हुए कहा कि श्रावण मास के सभी सोमवार शिव को समर्पित होते हैं तो शनिवार को पड़ रही अमावस्या पर भगवान शनि की कृपा बरसती है।

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