बच्चों में सरस्वती पूजन के संस्कार आवष्यक - साध्वी अनुभवदृष्टा
नीमच 26 जुलाई। वृद्धावस्था में संतान सुख के लिए बच्चों को सरस्वती पूजन के अच्छे संस्कार देना आवष्यक है। मानव जीवन में सरस्वती पूजन के ज्ञान का काफी महत्व है। आत्मा जब तक कर्मों के सुख से भारी है वह दुर्गति की ओर ही जाएगी। जब वह कर्मों से हल्की होने लगती है तो स्वतः सद्गति की ओर जाने लगती है। प्रभु भक्ति सरस्वती पूजन निरंतर करते रहेंगे तो कष्ट स्वतः ही दूर रहेंगे। उक्त विचार महावीर जिनालय ष्वेताम्बर जैन आराधना भवन विकास नगर में प्रवाहित अमृत ज्ञानगंगा में साध्वी अनुभवदृष्टा श्रीजी म.सा. ने व्यक्त किए। आपने कहा कि सिर्फ आयुषी कर्म ही ऐसा है जो कभी नहीं बंधता। यहां श्री जैन ष्वेताम्बर महावीर जिनालय चातुर्मास समिति विकास नगर के तत्वावधान में प्रतिदिन सुबह 9 बजे साध्वियों के प्रवचन चल रहे हैं। साध्वी श्रीजी ने कहा कि तपस्या और दीक्षा साधु सन्यासी बनने की कोई आयु नहीं होती है। यदि दृढ संकल्प हो तो 5 वर्षीय बालक भी मात्र छः माह में तपस्या कर अपनी आत्मा का कल्याण कर सकता है। मां सरस्वती कृपा के बिना संसार अधूरा रहता है। कठिन परिश्रम अभ्यास से व्यक्ति महाज्ञानी बन सकता है। धन क्षेत्र में पहचाना जाता है, लेकिन ज्ञानी विद्वान पूरे संसार में पहचाना पूजा जाता है। विद्या कंठ में होती है, ज्ञान बांटने से बढता है। समय बलवान होता है तो अर्जुन को विराठ राजा के यहां वृहन्नला के स्वांग में एक वर्ष तक रहना पडा था। पहले राजा स्वयं भूखे गरीबों को तलाष करता स्वयं भोजन करवाता था इसलिए वह राजा सुख समृद्ध रहता था और राजा प्रजा को भोजन कराता फिर स्वयं प्रसाद ग्रहण करता था। प्राचीनकाल में राजा अमीर गरीब में अंतर नहीं करता। कष्ट होने पर दोनों की सहायता करता था। मानव सम्पत्ति की मोह माया में नहीं उलझें। त्याग की भावना कर आत्मा का कल्याण का मार्ग प्रषस्त करें। विनाष काले विपरीत बुद्धि हो जाती है। खराब समय में किसी की बात नहीं मानें, अपना मन जो सच कहे वही कार्य का निर्णय करना चाहिए। साध्वी रत्नरेखा श्रीजी म.सा. ने प्रवचन के दौरान कर्म का व्यंग अनोखा... कर्म छोडे ना सेवा... टप टप टपके नयनों से पानी धन धन जीनवाणी..... माता सरस्वती पहने देखो लाल चुडियां हरी हरी चुडियां... लाल लाल चुनर..... कर्म का रंग अनोखा कर्म को किसने देखा, चाहे कोई लाख करे वो कर्म की निर्झरा कर्म का खेल निराला कर्म की अदभूत माया, कर्म से नहीं छिपा है किसी का लेखा जोखा..... आदि भजन प्रस्तुत किए। साध्वी अनुभवदृष्टा श्रीजी म.सा. ने प्रवचन श्रृंखला के दौरान पूजा, आगम रचना, मनक मुनि, धर्मदत्त, तारामती, उदयचन्द्र सेठ आदि धार्मिक प्रसंगों की विस्तार से व्याख्या प्रस्तुत की।
सरस्वती पूजन आज
नीमच। साध्वी रत्नलेखा श्रीजी एवं साध्वी अनुभवदृष्टा श्रीजी म.सा., कल्पदर्षिता श्रीजी म.सा. की पावन निश्रा में आज रविवार 27 जुलाई को प्रातः 7 बजे स्नात्र पूजा, भक्तामर पाठ एवं प्रातः 9 बजे महावीर जिनालय आराधना भवन विकास नगर में बच्चों के संस्कार और ज्ञान में अभिवृद्धि के लिए मां सरस्वती की विभिन्न धार्मिक ष्लोकों एवं मंत्रोच्चार के साथ महापूजा आयोजित होगी।
निःषुल्क सहज ध्यान योग षिविर आज
नीमच 26 जुलाई। लोगों में रोगों और तनाव से मुक्ति के प्रति नवचेतना के उद्देष्य से सहज ध्यान केन्द्र समिति नीमच के तत्वावधान में आज 27 जुलाई सायं 4 बजे इंदिरा नगर स्थित मांगलिक भवन में निःषुल्क सहज ध्यान षिविर का आयोजन रखा गया। षिविर समन्वयक गिरीष बंसल, राजेष गुप्ता, कैलाष बोरीवाल ने संयुक्त रूप से बताया कि षिविर बच्चों, महिलाओं एवं सभी बडों के लिये बेहद गुणकारी सिद्ध होगा। षिविर में सभी आम लोग सादर आमंत्रित हैं।
जिले में सघन दस्तरोग नियंत्रण पखवाड़ा 28 जुलाई से
सीहोर, 26 जुलाई,2014, बाल मृत्यु में कमी लाने के लिए 28 जुलाई से 8 अगस्त 2014 तक सघन दस्तरोग नियंत्रण पखवाडे़ का आयोजन जिला मुख्यालय,समस्त विकासखण्ड स्तर सहित ग्राम आरोग्य केन्द्र स्तर पर आयोजित किया जाएगा। अपर कलेक्टर श्री संतोष वर्मा की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख अधिकारियों सहित स्कूल षिक्षा विभाग,महिला एवं बाल विकास विभाग तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों की अंतरर्विभागीय कार्यषाला गत दिवस आयोजित हुई जिसमें पखवाडे़ की षत प्रतिषत सफलता तथा षून्य से 5 साल तक के लक्षित बच्चों तक पखवाडे़ का लाभ पहुंचाने के निर्देष दिए गए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर.के.गुप्ता ने बताया कि 5 साल से कम आयु के बच्चों की मृत्यु का प्रमुख कारण दस्तरोग है। बाल्यकाल में 11 प्रतिषत मृत्यु दस्तरोग की वजह से होती है। भारत सरकार के निर्देष पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिषन मध्यप्रदेष एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा 28 जुलाई से 8 अगस्त 2014 तक सघन दस्तरोग नियंत्रण पखवाडे़ का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर एडीएम श्री संतोष वर्मा ने निर्देष दिए कि पखवाडे़ के दौरान समुदाय में दस्तरोग से संबंधित जागरूकता का व्यापक तौर पर पर प्रचार-प्रसार किया जाएं। ओ.आर.एस.वितरण वाले स्थलों का चिन्हांकन किया जाएं तथा आषा कार्यकर्ताओं द्वारा गृहभेंट कर ओ.आर.एस.पैकेट का वितरण किया जाएं। उन्होंने स्कूलों में व्यापक तौर पर अभियान चलाने के भी निर्देष दिए। महिला एवं बाल विकास अधिकारी तथा समस्त बी.एम.ओ.को निर्देषित किया गया कि आंगनबाड़ी सह आरोग्य केन्द्रांे पर ओ.आर.एस.एवं जिंक सीरप की उपलब्धता सुनिष्चित की जाएं। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों सहित समस्त बी.एम.ओ., सेक्टर मेडिकल आॅफिसर, बी.ई.ई., बी.सी.एम.उपस्थित थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें