सीधी (मध्यप्रदेश) की खबर (30 अगस्त) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 30 अगस्त 2014

सीधी (मध्यप्रदेश) की खबर (30 अगस्त)

स्वास्थ्य अधिकारी अपने दायित्वों के प्रति सजग रहें-कलेक्टर
  • स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में मलेरिया निरोधक दवाइयां रखवाने केे निर्देश
  • सीधी नगर में दवाई छिड़कवाने के भी निर्देश

सीधी 30 अगस्त 2014     कलेक्टर श्री विशेष गढ़पाले ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने उत्तरदायित्व के प्रति सजग रहें और फील्ड में जाकर मौसमी बीमारियों से प्रभावित लोगों को देखें। उन्होंने उन इलाकों में विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए, जहां मलेरिया के फैलने की आशंका रहती है और कहा कि उन क्षेत्रों में मैदानी अमले को हमेशा सक्रिय रखा जाए। कलेक्टर ने स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में मलेरिया निरोधक दवाएं रखवाने के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए। कलेक्टर ने ये निर्देश आज यहां सम्पन्न हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा0 के.के.शुक्ला, जिला मलेरिया अधिकारी डा0 ए.के.दुवे तथा सिविल सर्जन डा. डी.के.द्विवेदी समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा कि वे अपने दफ्तरों में चैन से ना बैठें, बल्कि आम लोगों की चिन्ता करते हुए फील्ड में जाकर उनके बीच पहुंचें। उन्होंने मुख्य नगर पालिका अधिकारी सीधी को निर्देश दिए कि वे सीधी नगर में मलेरिया निरोधक दवा का छिड़काव करावें तथा छिड़काव के पूर्व नागरिकों को इस बावत सूचित कराना भी सुनिश्चित करें। उन्होंने मुख्य नगर पालिका अधिकारी से स्पष्ट शब्दों में कहा कि नगर का कोई भी क्षेत्र दवा छिड़कने से अछूता नहीं रहना चाहिए। कलेक्टर ने जिले के मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में मलेरिया निरोधक दवा का छिड़काव कराने के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मलेरिया से बचाव के उपायों का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मलेरिया की रोकथाम हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग, आशा कार्यकर्ताओं एवं लोक शिक्षण विभाग के मैदानी अमले को जन जागृति लाने हेतु सक्रिय किया जाए। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग तथा लोक स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले को निर्देशित किया जाए कि वे मलेरिया से पीडि़त रोगियों पर नजर रखें और ना सिर्फ उनके उपचार की व्यवस्था करें, बल्कि इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को भी सूचित करें। यह मैदानी अमला मलेरिया प्रभावित व्यक्तियों को जागरूक करें कि  वे नियमित रूप से दवाइयों का सेवन अवश्य करें। कलेक्टर ने मलेरिया संभावित क्षेत्रों में कार्यरत हैण्डपम्प आदि जल स्त्रोंतों में रोग नाशक दवाइयां डलवाने के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि  वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों से हैण्डपम्प आदि में दवाई डलवाने की स्थिति का क्रासचेक अवश्य कराएं।  कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों को मौसमी बीमारियांे को लेकर संवेदनशील एवं सजग रहने की जरूरत है। वे यह सुनिश्चित करें कि मलेरिया प्रभावित व्यक्तियों तक मलेरिया निरोधक दवायें अनिवार्य रूप से पहुंच जाएं। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग, लोक शिक्षण विभाग, मत्स्योद्योग विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग समेत विभिन्न विभागों को मलेरिया की रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग को सहयोग देने के निर्देश दिए।  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि  वे यह सुनिश्चित करें कि उनका मैदानी अमला फील्ड में जाकर मौसमी बीमारियों पर नजर रखे। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी मलेरिया प्रभावित व्यक्ति उपचार से छूटे नहीं और उसका समुचित उपचार किया जाए। जिला मलेरिया अधिकारी ने खण्ड चिकित्सा अधिकारियों से कहा कि  वे यह सुनिश्चित करें कि सामान्यतौर पर मलेरिया का कोई भी केस रेफर ना किया जाए, क्योंकि जो मलेरिया निरोधक दवाएं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध हैं, वही दवाएं जिला अस्पताल में उपलब्ध हैं और उन्हीं दवाओं से मलेरिया रोगियों का उपचार किया जाता है। केवल जटिल रोगियों को ही रेफर किया जाय। उन्होंने कहा कि खण्ड चिकित्सा अधिकारी अपने अधीनस्थ आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को निर्देशित करें कि  वे गांवों में बुखार से पीडि़त व्यक्तियों की सूचना उन्हें अवश्य दें। 

वनाधिकार प्रकरणों का निराकरण करने के कलेक्टर ने दिए निर्देश

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सीधी 30 अगस्त 2014      कलेक्टर श्री विशेष गढ़पाले ने राजस्व अधिकारियों के सहयोग से चिन्हित ग्रामों में वनाधिकार प्रकरणों का निराकरण कराने के सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री एल.आर.मीना को निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास से कहा है कि वे चिन्हित ग्रामों में शिविर लगाकर समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, रेन्ज आफीसर, पटवारी, पंचायत सचिव आदि से समन्वय स्थापित कर वनाधिकार प्रकरणों का निपटारा कराना सुनिश्चित करें।  इधर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री मीना ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर के निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में सीधी, रामपुर नैकिन, मझौली, कुसमी, सिहावल जनपद पंचायत में शिविर आयोजित कर अधिक संख्या में वनाधिकार प्रकरणों का निराकरण करा लिया गया है। उन्होंने बताया कि सीधी जिले में वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत वन एवं वन सीमा क्षेत्र से लगे 5 किलोमीटर के 755 ग्रामों में नवीन, व्यक्तिगत एवं सामुदायिक दावे प्राप्त करने के लिए रेन्ज आफीसर, पटवारी, पंचायत सचिव आदि के द्वारा वनाधिकार आवेदन पत्रों का निराकरण करने की कार्रवाई सतत रूप से की जा रही है। 

फसलों की जीवन रक्षा हेतु त्वरित सिंचाई करने की किसानों को सलाह

सीधी 30 अगस्त 2014     उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास सीधी ने किसानांे को सलाह दी है कि  वे वर्तमान जलवायुगत परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए फसलों की जीवन रक्षा हेतु त्वरित सिंचाई कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों से जिले में वर्षा ना होने से फसलों की बढ़वार एवं उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में किसानों को चाहिए कि  वे फसलों की जीवन आयु बढ़ाने हेतु त्वरित सिंचाई की व्यवस्था करें एवं सिंचाई के बाद नमी संरक्षण हेतु सूखे खरपतवार, फसल अवशेष, पत्तियों इत्यादि को फसल पंक्तियों में फैलाकर जमीन को ढ़ंक दें, जिससे भूमि की सतह से वाष्पीकरण द्वारा होने वाली जलहानि को रोका जा सके। उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने बताया कि पौधों की सतह से वाष्पोत्सर्जन द्वारा होने वाली जलहानि रोकने एवं नमी संरक्षण हेतु फिनाइल मरक्यूरिक एसीटेट (पीएमए) की 3 पी.पी.एम (3ः300,000 के अनुपात अर्थात 3 भाग पी.एम.ए. को 3 लाख भाग पानी में घोल बनाकर) सान्द्रता वाले घोल को छिड़काव करना लाभप्रद होता है। मक्का, सोयाबीन एवं ज्वार उत्पादक किसानों से कहा गया है कि वे अपनी फसल को सूखे से बचाने हेतु पौधों के निचले हिस्से की 20 प्रतिशत पत्तियों को तोड़कर खेत में सिंचाई के तुरन्त बाद फैला दें एवं पौधों की सतह से जलहानि को रोकने के लिए पी.एम.ए. के तीन पी.पी.एम सान्द्रता वाले घोल का छिड़काव करें, जिससे फसलों को सूखने एवं फूल झड़ने से बचाया जा सके। उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने किसानों को परामर्श दिया है कि धान की फसल में यूरिया का छिड़काव तुरन्त बन्द कर दें तथा जीवन रक्षक सिंचाई के तुरन्त बाद खरपतवार को खेत से उखाड़कर जड़ों को अलग कर फसल पंक्तियों के बीच खरपतवार अवशेष को फैला दें तथा एक प्रतिशत पोटेशियम क्लोराइड के घोल अथवा 3 पी.पी.एम. के फिनाइल मरक्यूरिक एसीटेट के सान्द्रता वाले घोल का छिड़काव करें। उड़द, मूंग की फसल की त्वरित जीवन रक्षा करना आवश्यक है। जिन किसानों के पास स्वयं के जल स्त्रोत हैं, वे नलकूप एवं स्प्रिंकलर चलाकर सिंचाई चालू करें तथा फसल को सुरक्षित करें। 

परियोजना प्रशासक को कारण बताओ नोटिस

सीधी 30 अगस्त 2014     कलेक्टर श्री विशेष गढ़पाले ने कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने के कारण श्री के.डी.त्रिपाठी परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना कुसमी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जबाव तलब किया है। उन्हें जबाव प्रस्तुत करने के लिए तीन दिवस की मोहलत दी गई है। उल्लेखनीय हेै कि 27 अगस्त 2014 को शासकीय चिकित्सालय सीधी में अधिक से अधिक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिहाज से शिविर का आयोजन किया गया था। परन्तु दोपहर दो बजे उक्त शिविर का निरीक्षण किए जाने पर पाया गया कि शिविर दोपहर 1.30 बजे ही समाप्त कर दिया गया था। उक्त शिविर में श्री त्रिपाठी के उपस्थित नहीं होने के कारण शिविर समय पूर्व ही समाप्त करना पड़ा था, जो भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों की अवहेलना किए जाने के साथ-साथ, राष्ट्रीय महत्व के कार्य में शिथिलता बरतना था। कलेक्टर ने इस कृत्य को गंभीरता से लेते हुए उक्त कार्रवाई की है। 

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