सोनिया, राहुल ने बिपिन चंद्रा के निधन पर शोक जताया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 31 अगस्त 2014

सोनिया, राहुल ने बिपिन चंद्रा के निधन पर शोक जताया


sonia rahul gandhi
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को मशहूर इतिहासकार बिपिन चंद्रा के निधन पर गहरा शोक जताया। सोनिया ने बिपिन चंद्रा (86) को 'आधुनिक भारतीय इतिहास का और देश के स्वतंत्रता संग्राम का विद्वान इतिहासकार बताया।' कांग्रेस कार्यालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, सोनिया गांधी ने कहा है कि बिपिन चंद्रा की किताबें आने वाले वर्षो में भी लाखों छात्रों के मनोमस्तिष्क पर अपनी छाप छोड़ती रहेंगी।

सोनिया गांधी ने अपने शोक संदेश में कहा है, "उन्होंने (बिपिन चंद्रा) एक शिक्षक और अनुसंधानकर्ता के रूप में उल्लेखनीय भूमिका निभाई और कई भावी इतिहासकारों के लिए मार्गदर्शक का काम किया है। उनकी कमी सदैव महसूस की जाती रहेगी।" राहुल गांधी ने कहा है, "बिपिन चंद्रा के निधन की खबर सुनकर बेहद सदमा लगा। उनकी किताबें कई पीढ़ियों को भारत के राष्ट्रीय आंदोलन और स्वतंत्रता संग्राम के बारे में ज्ञानवर्धन करती रहेंगी। मैं उनके परिवारजनों और उनके प्रसंशकों के लिए प्रार्थना करता हूं।"

बिपिन चंद्रा का शनिवार को गुड़गांव स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। इतिहास के प्रोफेसर रह चुके बिपिन चंद्रा को महात्मा गांधी के बारे में आधिकारिक ज्ञाता माना जाता था। उन्होंने 'मेकिंग ऑफ मॉडर्न इंडिया : फ्राम मार्क्‍स टू गांधी', 'हिस्ट्री ऑफ मॉडर्न इंडिया' और 'राइज एंड ग्रोथ ऑफ इकॉनॉमिक नेशनलिज्म इन इंडिया' जैसी कई किताबें लिखी थीं। वह नेशनल बुक ट्रस्ट के (2004-12) अध्यक्ष भी रहे।

कांग्रेस नेता नवीन जिंदल ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। उन्होंने ट्विट किया है, "मशहूर इतिहासकार बिपिन चंद्रा के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।" पेंगुइन बुक इंडिया के प्रकाशक चिकि सरकार ने कहा है, "वे हमारे प्रकाशन के अत्यंत आदरणीय लेखकों में से थे जिनकी भारतीय इतिहास पर लिखी पुस्तकें विभिन्न पीढ़ियों के पाठकों ने पढ़ी। उनके निधन से हम दुखी हैं।"

कोई टिप्पणी नहीं: